नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एआईएडीएमके सिंबल मामले में निर्वाचन आयोग को रिश्वत देने की कोशिश के मामले में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर को जमानत दे दी. स्पेशल जज विशाल गोगने ने ये आदेश दिया. गौरतलब है कि जमानत के इस आदेश के बावजूद सुकेश जेल से बाहर नहीं आ पाएगा, क्योंकि वो दूसरे मामलों में जेल में बंद है.
कोर्ट ने सुकेश को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान सुकेश की ओर से पेश वकील अनंत मलिक ने कहा कि आरोपी इस मामले में 7 साल 4 महीने से हिरासत में है. सुकेश चंद्रशेखर को 16 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि सुकेश के खिलाफ इस मामले में जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं उनमें किसी में भी सात साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान नहीं है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सुकेश के खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं. इस मामले में एक करोड़ तीस लाख रुपये की बरामदगी भी हुई है. ये पैसे एआईएडीएमके को सिंबल मामले में निर्वाचन आयोग को गैरकानूनी तरीके से प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जाना था.
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 14 जुलाई 2018 को सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 17 नवंबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने टीटीवी दिनाकरन के अलावा सुकेश चंद्रशेखर, मल्लिकार्जुन और वकील बी कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे.
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सुकेश के खिलाफ दिनाकरन के लिए दोबारा पार्टी सिंबल निर्वाचन आयोग से दिलवाने के लिए 50 करोड़ की डील कराने का आरोप है. क्राइम ब्रांच ने सुकेश के यहां से एक करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की थी. क्राइम ब्रांच को दस करोड़ के हवाला लेन देन के सबूत मिले हैं. ये रकम चेन्नई, कोच्चि और चांदनी चौक रुट के जरिए डिलीवरी की जाती थी. बता दें कि सुकेश चंद्रशेखर पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ की ठगी का मामला भी दर्ज है.
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