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रिक्शा चालक का बेटा इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप खेलने जाएगा दुबई - खेत्रो महानंद

Khetro Mahanand बड़े सपने देखना किसे अच्छा नहीं लगता.लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है. ऐसी ही लगन और मेहनत के सहारे रिक्शा चालक का बेटा अब नई उड़ान उड़ने को तैयार है.UAE Karate Championship

Khetro Mahanand
रिक्शा चालक का बेटा बना खिलाड़ी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 10:52 PM IST

रिक्शा चालक का बेटा बना खिलाड़ी

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. प्रदेश के कोने-कोने में हुनर और कला का संगम देखने को मिलता है.तभी तो प्रदेश के कई लोगों ने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में अपनी धाक जमाई है. प्रदेश की न्यायधानी में ऐसा ही एक नया सितारा पैदा हुआ है. जिसके पिता पेशे से रिक्शा चलाते हैं.लेकिन उनका बेटा इंडिया को रिप्रेजेंट करने यूएई के इंटरनेशनल कराटे चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने जा रहा है.

पिता की मेहनत लाई रंग : बिलासपुर के देवरीखुर्द निवासी खेत्रो महानंद का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ. पिता कृष्णा महानंद परिवार का पेट पालने के लिए रिक्शा चलाते हैं.बावजूद इसके खेत्रो के पिता ने कभी भी बेटे के सपनों के आगे गरीबी नहीं आने दी. जिसका नतीजा ये है कि कृष्णा महानंद का बेटा खेत्रो छत्तीसगढ़ कराटे फेडरेशन बिलासपुर में कराटे खिलाड़ी है. प्रदेश के अच्छे खिलाड़ियों में उसका नाम शुमार है.

बेटे के सपने को पूरा करने की दोगुनी मेहनत : रिक्शा चालक कृष्णा महानंद की आर्थिक स्थिति कभी अच्छी नहीं रही.लेकिन बेटे खेत्रो ने जब कराटे सीखने की बात कही तो वो मना ना कर सके.बिना पेशेवर कोच के इस खेल में उतरना आसान ना था. इसलिए कृष्णा ने अपने बेटे को कराटे की कोचिंग दिलवाई.घर चलाने के लिए पैसे कम पड़ते तो वो दोगुनी मेहनत करते.लेकिन कभी भी पैसों की कमी के कारण बेटे के सपनों को पूरा करने से नहीं रोका. कृष्णा महानंद रिक्शा चलाकर जितने भी पैसे इकट्ठा करते उसमें से घर खर्च के बाद सारा पैसा अपने बेटे की तैयारियों के लिए दे देते.

दुबई के इंटरनेशनल चैंपियनशिप का बनेगा हिस्सा : आज खेत्रो महानंद की गिनती प्रदेश के टॉप कराटे खिलाड़ी के तौर पर होती है.जिसका चयन भारतीय टीम में हुआ है. 16 से 25 फरवरी को होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए खेत्रो दुबई जा रहा है.आपको बता दें कि इस 49 सदस्यीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी है. ज़ायेद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स फ़ुजैराह (UAE) में वर्ल्ड कराटे फेडरेशन इस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है.इस प्रतियोगिता को इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी से मान्यता प्राप्त संस्था करवा रही हैं. प्रतियोगिता में 127 देश के खिलाड़ी शिरकत कर रहे हैं.

दुबई जाने के लिए भी की कड़ी मेहनत : खेत्रो महानंद कराटे चैंपियनशिप के लिए दुबई जा रहा है.जिसके लिए भी उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ी.क्योंकि चयन होने के लिए जहां मेहनत की जरुरत पड़ी,वहीं दुबई जाने के लिए पैसों की. आर्थिक स्थिति के कारण एक बार तो लगा कि खेत्रो अपना नाम वापस ले लेगा.लेकिन उसके पिता ने पहले के ही तरह अपने बेटे की समस्या का समाधान कर दिया. बेटे को दुबई भेजने के लिए करीब 2 लाख 10 हजार रुपए किसी तरह इकट्ठा करके खेत्रो का दुबई टिकट पक्का करवाया गया.जहां वो 16 फरवरी से 25 फरवरी तक भारतीय दल की ओर से प्रदर्शन करेगा.

दुनिया में नाम कमाना चाहता है खेत्रो : इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी भी हिस्सा ले रहे हैं. खेत्रो महानंद लंबे समय से कराटे चैंपियनशिप की तैयारी कर रहा था.मेहनत के बूते उसे ये मौका मिल गया है. पूरे जीवन की जमा पूंजी इस प्रतियोगिता में लगा देने वाले पिता पुत्र को इस टूर्नामेंट में अच्छा करने की उम्मीद है.फिर भी खेत्रो की माने तो यदि सफलता नहीं मिली तो आगे और कड़ी मेहनत की जाएगी.ताकि देश का नाम रोशन हो सके. खेत्रों का मानना है कि वो देश का नाम रोशन करने के लिए बना है साथ ही साथ वह इस देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन करना चाहता है.

कहते हैं जिंदगी एक बार हर इंसान को नाम कमाने का मौका देती है. शायद ये मौका आज खेत्रो महानंद को मिला है. मुश्किल परिस्थितियों को पार करके आज खेत्रो दुबई के इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा है. ईटीवी भारत खेत्रो महानंद समेत उन सारे भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामानाएं देता हैं.जो देश के लिए अपना सबसे बेहतर परफॉर्मेंस देंगे.उम्मीद है कि खेत्रो के खेल का लोहा इस प्रतियोगिता में दुनिया मानेगी.

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रिक्शा चालक का बेटा बना खिलाड़ी

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. प्रदेश के कोने-कोने में हुनर और कला का संगम देखने को मिलता है.तभी तो प्रदेश के कई लोगों ने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में अपनी धाक जमाई है. प्रदेश की न्यायधानी में ऐसा ही एक नया सितारा पैदा हुआ है. जिसके पिता पेशे से रिक्शा चलाते हैं.लेकिन उनका बेटा इंडिया को रिप्रेजेंट करने यूएई के इंटरनेशनल कराटे चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने जा रहा है.

पिता की मेहनत लाई रंग : बिलासपुर के देवरीखुर्द निवासी खेत्रो महानंद का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ. पिता कृष्णा महानंद परिवार का पेट पालने के लिए रिक्शा चलाते हैं.बावजूद इसके खेत्रो के पिता ने कभी भी बेटे के सपनों के आगे गरीबी नहीं आने दी. जिसका नतीजा ये है कि कृष्णा महानंद का बेटा खेत्रो छत्तीसगढ़ कराटे फेडरेशन बिलासपुर में कराटे खिलाड़ी है. प्रदेश के अच्छे खिलाड़ियों में उसका नाम शुमार है.

बेटे के सपने को पूरा करने की दोगुनी मेहनत : रिक्शा चालक कृष्णा महानंद की आर्थिक स्थिति कभी अच्छी नहीं रही.लेकिन बेटे खेत्रो ने जब कराटे सीखने की बात कही तो वो मना ना कर सके.बिना पेशेवर कोच के इस खेल में उतरना आसान ना था. इसलिए कृष्णा ने अपने बेटे को कराटे की कोचिंग दिलवाई.घर चलाने के लिए पैसे कम पड़ते तो वो दोगुनी मेहनत करते.लेकिन कभी भी पैसों की कमी के कारण बेटे के सपनों को पूरा करने से नहीं रोका. कृष्णा महानंद रिक्शा चलाकर जितने भी पैसे इकट्ठा करते उसमें से घर खर्च के बाद सारा पैसा अपने बेटे की तैयारियों के लिए दे देते.

दुबई के इंटरनेशनल चैंपियनशिप का बनेगा हिस्सा : आज खेत्रो महानंद की गिनती प्रदेश के टॉप कराटे खिलाड़ी के तौर पर होती है.जिसका चयन भारतीय टीम में हुआ है. 16 से 25 फरवरी को होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए खेत्रो दुबई जा रहा है.आपको बता दें कि इस 49 सदस्यीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी है. ज़ायेद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स फ़ुजैराह (UAE) में वर्ल्ड कराटे फेडरेशन इस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है.इस प्रतियोगिता को इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी से मान्यता प्राप्त संस्था करवा रही हैं. प्रतियोगिता में 127 देश के खिलाड़ी शिरकत कर रहे हैं.

दुबई जाने के लिए भी की कड़ी मेहनत : खेत्रो महानंद कराटे चैंपियनशिप के लिए दुबई जा रहा है.जिसके लिए भी उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ी.क्योंकि चयन होने के लिए जहां मेहनत की जरुरत पड़ी,वहीं दुबई जाने के लिए पैसों की. आर्थिक स्थिति के कारण एक बार तो लगा कि खेत्रो अपना नाम वापस ले लेगा.लेकिन उसके पिता ने पहले के ही तरह अपने बेटे की समस्या का समाधान कर दिया. बेटे को दुबई भेजने के लिए करीब 2 लाख 10 हजार रुपए किसी तरह इकट्ठा करके खेत्रो का दुबई टिकट पक्का करवाया गया.जहां वो 16 फरवरी से 25 फरवरी तक भारतीय दल की ओर से प्रदर्शन करेगा.

दुनिया में नाम कमाना चाहता है खेत्रो : इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी भी हिस्सा ले रहे हैं. खेत्रो महानंद लंबे समय से कराटे चैंपियनशिप की तैयारी कर रहा था.मेहनत के बूते उसे ये मौका मिल गया है. पूरे जीवन की जमा पूंजी इस प्रतियोगिता में लगा देने वाले पिता पुत्र को इस टूर्नामेंट में अच्छा करने की उम्मीद है.फिर भी खेत्रो की माने तो यदि सफलता नहीं मिली तो आगे और कड़ी मेहनत की जाएगी.ताकि देश का नाम रोशन हो सके. खेत्रों का मानना है कि वो देश का नाम रोशन करने के लिए बना है साथ ही साथ वह इस देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन करना चाहता है.

कहते हैं जिंदगी एक बार हर इंसान को नाम कमाने का मौका देती है. शायद ये मौका आज खेत्रो महानंद को मिला है. मुश्किल परिस्थितियों को पार करके आज खेत्रो दुबई के इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा है. ईटीवी भारत खेत्रो महानंद समेत उन सारे भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामानाएं देता हैं.जो देश के लिए अपना सबसे बेहतर परफॉर्मेंस देंगे.उम्मीद है कि खेत्रो के खेल का लोहा इस प्रतियोगिता में दुनिया मानेगी.

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Last Updated : Feb 13, 2024, 10:52 PM IST
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