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जेएनयू की संपत्ति बेचने के कुलपति के बयान से छात्र संघ नाराज, 8 दिनों से भूख हड़ताल जारी, छात्रों से की निजीकरण के विरोध की अपील - OPPOSING sell OF JNU property

Student union OPPOSING sell OF JNU's property : जेएनयू के गोमती गेस्ट हाउस को बेचने और अन्य कई संपत्तियों से किराया वसूलने को लेकर जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री पंडित द्वारा दिए गए बयान पर जेएनयू छात्र संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है. और इसका विरोध करते हुए 8 दिनों से छात्रसंघ नेता अनशन पर है. वहीं उन्होंने इसके लिए जेएनयू छात्रों से भी आगे आकर विरोध करने की अपील की है.

जेएनयू की संपत्ति बेचने के कुलपति के बयान से छात्र संघ नाराज,8 दिन से अनशन जारी
जेएनयू की संपत्ति बेचने के कुलपति के बयान से छात्र संघ नाराज,8 दिन से अनशन जारी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 20, 2024, 12:46 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री पंडित द्वारा जेएनयू के गोमती गेस्ट हाउस को बेचने और अन्य कई संपत्तियों से किराया वसूलने को लेकर दिए गए बयान पर जेएनयू छात्र संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है. जेएनयू छात्रसंघ ने अपना बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल के मुकाबले इस साल के शिक्षा बजट में करीब 17 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इस वर्ष, मोदी की भाजपा सरकार ने उच्च शिक्षा बजट को 2023-24 के 57,244 करोड़ रु. से घटाकर 47,620 करोड़ रु. कर दिया है. इससे गरीब और वंचित वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे.

जेएनयू छात्रसंघ ने केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा बजट को कम करने पर उठाए सवाल

जेएनयू छात्रसंघ की ओर से यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने 5.98 करोड़ रुपया बड़े उद्योगपतियों अंबानी और अदानी का माफ कर दिया, जबकि यह राशि इस देश में अगले 12 वर्षों के लिए उच्च शिक्षा बजट की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि अब जेएनयू की वीसी विश्वविद्यालय को चलाने के लिए पैसे का रोना रो रही हैं और उसके बदले में विश्वविद्यालय की संपत्ति को बेचना चाहती हैं, यह एक साजिश है. प्रशासन परिसर को चलाने के लिए धन जुटाने हेतु गोमती गेस्ट हाउस को बेचने की योजना बना रहा है.

गोमती गेस्ट हाउस को बेचने और अन्य कई संपत्तियों से किराया वसूलने की बात केंद्र सरकार की साजिश-छात्रसंघ

वर्तमान गोमती गेस्ट हाउस उस इमारत में स्थित है जहां जेएनयू ने इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के साथ अपना संचालन शुरू किया था. विजिटिंग प्रोफेसरों और प्रतिनिधियों को अक्सर इस विरासत भवन में ठहराया जाता है. एक बार जब गोमती बिक जाएगी, तो कनॉट प्लेस क्षेत्र में प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए जेएनयू को अत्यधिक कीमत चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. लेकिन, हमारी वीसी ने उस पर चुप रहना ही बेहतर समझा. यह उसी पुराने निजीकरण गेम प्लान का हिस्सा है, जहां सरकारें एक बार में नहीं, बल्कि टुकड़ों में संपत्ति बेचती हैं. इसके बाद, वे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जेएनयू के अन्य हिस्सों को किराए पर दे सकते हैं.

अप्रैल 2024 में फिल्म कंपनी को जेएनयू में शूटिंग की इजाजत देना गलत -छात्रसंघ

याद रखें कि अप्रैल 2024 में एक फिल्म कंपनी को जेएनयू में शूटिंग की इजाजत कैसे दी गई थी? फिर, जेएनयू ने एक फिल्म कंपनी को विरोध प्रदर्शन के दृश्य शूट करने की इजाजत दे दी, जबकि एड ब्लॉक पर विरोध प्रदर्शन करना गैरकानूनी बना दिया. यह कैसी विडम्बना है. जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि हम छात्र समुदाय से अपील करते हैं कि वे गोमती गेस्ट हाउस के निजीकरण के खिलाफ खड़े हों और धन की कमी के इस घिसे-पीटे बहाने को खारिज करें. अगर सरकार देश की अधिकांश संपदा पर कुंडली मारे बैठे धन्नासेठों को लाखों करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है तो उसे उच्च शिक्षा के लिए फंड कम करने का कोई अधिकार नहीं है.
ये भी पढ़ें : JNU में भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की हालत गंभीर, अस्पताल में कराया गया भर्ती
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय व अन्य ने भूख हड़ताल के आठवें दिन भी इलाज से किया इनकार
जेएनयू में अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय, आइसा जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रणविजय एवं शुभम ने आठवें दिन भी तबीयत बिगड़ने पर इलाज से इनकार कर दिया. शुभम और रणविजय को गंभीर हालत में एम्स रेफर किया गया लेकिन उन्होंने कुछ भी खाने पीने से और इलाज कराने से इनकार कर दिया. इसकी सूचना मिलने पर जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री ने सोमवार को रणविजय और शुभम के परिवार को उनकी भूख हड़ताल के बारे में सूचना दी. वही जेएनयू पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक कुलपति भूख हड़ताल स्थल पर आकर उनसे बातचीत नहीं करती तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी और अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए पूरी तरह से कुलपति ही जिम्मेदार होगी.

ये भी पढ़ें : JNU के शिक्षक संघ ने कुलपति के खिलाफ खोला मोर्चा, शुरू की भूख हड़ताल, जानिए- क्या हैं मांगें -

नई दिल्ली: जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री पंडित द्वारा जेएनयू के गोमती गेस्ट हाउस को बेचने और अन्य कई संपत्तियों से किराया वसूलने को लेकर दिए गए बयान पर जेएनयू छात्र संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है. जेएनयू छात्रसंघ ने अपना बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल के मुकाबले इस साल के शिक्षा बजट में करीब 17 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इस वर्ष, मोदी की भाजपा सरकार ने उच्च शिक्षा बजट को 2023-24 के 57,244 करोड़ रु. से घटाकर 47,620 करोड़ रु. कर दिया है. इससे गरीब और वंचित वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे.

जेएनयू छात्रसंघ ने केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा बजट को कम करने पर उठाए सवाल

जेएनयू छात्रसंघ की ओर से यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने 5.98 करोड़ रुपया बड़े उद्योगपतियों अंबानी और अदानी का माफ कर दिया, जबकि यह राशि इस देश में अगले 12 वर्षों के लिए उच्च शिक्षा बजट की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि अब जेएनयू की वीसी विश्वविद्यालय को चलाने के लिए पैसे का रोना रो रही हैं और उसके बदले में विश्वविद्यालय की संपत्ति को बेचना चाहती हैं, यह एक साजिश है. प्रशासन परिसर को चलाने के लिए धन जुटाने हेतु गोमती गेस्ट हाउस को बेचने की योजना बना रहा है.

गोमती गेस्ट हाउस को बेचने और अन्य कई संपत्तियों से किराया वसूलने की बात केंद्र सरकार की साजिश-छात्रसंघ

वर्तमान गोमती गेस्ट हाउस उस इमारत में स्थित है जहां जेएनयू ने इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के साथ अपना संचालन शुरू किया था. विजिटिंग प्रोफेसरों और प्रतिनिधियों को अक्सर इस विरासत भवन में ठहराया जाता है. एक बार जब गोमती बिक जाएगी, तो कनॉट प्लेस क्षेत्र में प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए जेएनयू को अत्यधिक कीमत चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. लेकिन, हमारी वीसी ने उस पर चुप रहना ही बेहतर समझा. यह उसी पुराने निजीकरण गेम प्लान का हिस्सा है, जहां सरकारें एक बार में नहीं, बल्कि टुकड़ों में संपत्ति बेचती हैं. इसके बाद, वे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जेएनयू के अन्य हिस्सों को किराए पर दे सकते हैं.

अप्रैल 2024 में फिल्म कंपनी को जेएनयू में शूटिंग की इजाजत देना गलत -छात्रसंघ

याद रखें कि अप्रैल 2024 में एक फिल्म कंपनी को जेएनयू में शूटिंग की इजाजत कैसे दी गई थी? फिर, जेएनयू ने एक फिल्म कंपनी को विरोध प्रदर्शन के दृश्य शूट करने की इजाजत दे दी, जबकि एड ब्लॉक पर विरोध प्रदर्शन करना गैरकानूनी बना दिया. यह कैसी विडम्बना है. जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि हम छात्र समुदाय से अपील करते हैं कि वे गोमती गेस्ट हाउस के निजीकरण के खिलाफ खड़े हों और धन की कमी के इस घिसे-पीटे बहाने को खारिज करें. अगर सरकार देश की अधिकांश संपदा पर कुंडली मारे बैठे धन्नासेठों को लाखों करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है तो उसे उच्च शिक्षा के लिए फंड कम करने का कोई अधिकार नहीं है.
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जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय व अन्य ने भूख हड़ताल के आठवें दिन भी इलाज से किया इनकार
जेएनयू में अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय, आइसा जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रणविजय एवं शुभम ने आठवें दिन भी तबीयत बिगड़ने पर इलाज से इनकार कर दिया. शुभम और रणविजय को गंभीर हालत में एम्स रेफर किया गया लेकिन उन्होंने कुछ भी खाने पीने से और इलाज कराने से इनकार कर दिया. इसकी सूचना मिलने पर जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री ने सोमवार को रणविजय और शुभम के परिवार को उनकी भूख हड़ताल के बारे में सूचना दी. वही जेएनयू पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक कुलपति भूख हड़ताल स्थल पर आकर उनसे बातचीत नहीं करती तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी और अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए पूरी तरह से कुलपति ही जिम्मेदार होगी.

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