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पलामू का सुखाड़ स्मारक: जब पीएम के दौरे के लिए 90 घंटे में तैयार हुआ सेफ हाउस और हेलीपैड, लोगों की उम्मीदें अब भी अधूरी - Chianki Airport Drought memorial - CHIANKI AIRPORT DROUGHT MEMORIAL

Drought memorial built at Chianki Airport. झारखंड के पलामू जिले में एक सुखाड़ स्मारक है, जिसका निर्माण मात्र 90 घंटे में किया गया था. इस स्मारक को तैयार करने की एक खास वजह थी, लोगों की इससे अपेक्षाएं जुड़ी हुईं थी, जो अबतक अधूरी हैं.

Drought memorial built at Chianki Airport
Drought memorial built at Chianki Airport
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 1, 2024, 1:25 PM IST

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार

पलामू: देश का एक ऐसा इलाका है जहां सुखाड़ का स्मारक है. यह स्मारक 90 घंटे में तैयार किया गया था. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के चियांकी एयरपोर्ट की. चियांकी एयरपोर्ट पर बने सेफ हाउस और हेलीपैड को सुखाड़ पीड़ितों को समर्पित किया गया है.

दरअसल, 1993 में पलामू का इलाका भीषण सुखाड़ की चपेट में था. तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव को पलामू में सुखाड़ राहत का जायजा लेना था. उस दौरान पलामू के मेदिनीनगर स्थित चियांकी एयरपोर्ट पर कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे. उस दौरान जिला प्रशासन ने सैकड़ों मजदूरों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री के लिए 90 घंटे में चियांकी एयरपोर्ट पर सेफ हाउस और हेलीपैड तैयार किया था.

24 अप्रैल 1993 को प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव चियांकी हवाई अड्डा पर उतरे और पलामू के सदर प्रखंड के पोलपोल स्थित धमधमवा गए थे. चियांकी हवाई अड्डा ऐतिहासिक है. चियांकी हवाई अड्डा अब तक चार मौकों पर देश के प्रधानमंत्री के दौरे का गवाह बन चुका है.

"1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव सुखाड़ राहत का जायजा लेने पहुंचे थे. यह दुखद है कि आजादी के इतने सालों बाद भी पलामू का इलाका सुखाड़ से जूझ रहा है. पलामू जैसे इलाके में सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए कोई काम नहीं किया गया है." - हृदयानंद मिश्रा, हिंदू न्यास बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता

चियांकी एयरपोर्ट पर चौथी बार उतरेंगे पीएम मोदी

सुखाड़ के स्मारक के रूप में मौजूद चियांकी एयरपोर्ट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मई को चौथी बार उतरेंगे. 2014 में एनडीए ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था. उस समय से अबतक वे लगातार पलामू आते रहे हैं.

2014 में नरेंद्र मोदी चियांकी एयरपोर्ट से जनसभा को संबोधित कर चुके हैं. वहीं 5 जनवरी 2019 को नरेंद्र मोदी ने चियांकी एयरपोर्ट से ही प्रसिद्ध मंडल डैम परियोजना के पूरा होने की आधारशिला रखी थी. फिर 2019 के आखिरी महीने में प्रधानमंत्री ने चियांकी एयरपोर्ट पर ही जनसभा को संबोधित किया था और अब वह चौथी बार चियांकी एयरपोर्ट से ही जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं.

कायम है सुखाड़ का मुद्दा

पलामू का चियांकी हवाई अड्डा का सेफ हाउस सुखाड़ का स्मारक है. इस स्मारक की तरह ही पलामू में सुखाड़ का मुद्दा भी कायम है. 1993 से 2024 के बीच पलामू 10 से ज्यादा बार सुखाड़ की चपेट में आ चुका है. 2021-22 में पलामू के सभी प्रखंडों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया था.

"कोयल नदी में पानी का स्तर नीचे चला गया है, लोग बोलते अधिक हैं लेकिन काम नहीं होता है." - परशुराम ओझा, वरिष्ठ नेता, भाजपा

यह भी पढ़ें: पलामू की महिलाएं सुखाड़ और पलायन को मानती हैं चुनावी मुद्दा, कहा- क्षेत्र में उपलब्ध होना चाहिए रोजगार - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: झारखंड में चौथे चरण के चुनाव मैदान में 45 योद्धा ठोक रहे ताल, 13 मई को जनता करेगी फैसला - Lok Sabha election 2024

यह भी पढ़ें: एक मैदान जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रहा भाग्यशाली लेकिन इस बार नहीं! जानिए क्या है वजह - Lok Sabha Election 2024

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार

पलामू: देश का एक ऐसा इलाका है जहां सुखाड़ का स्मारक है. यह स्मारक 90 घंटे में तैयार किया गया था. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के चियांकी एयरपोर्ट की. चियांकी एयरपोर्ट पर बने सेफ हाउस और हेलीपैड को सुखाड़ पीड़ितों को समर्पित किया गया है.

दरअसल, 1993 में पलामू का इलाका भीषण सुखाड़ की चपेट में था. तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव को पलामू में सुखाड़ राहत का जायजा लेना था. उस दौरान पलामू के मेदिनीनगर स्थित चियांकी एयरपोर्ट पर कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे. उस दौरान जिला प्रशासन ने सैकड़ों मजदूरों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री के लिए 90 घंटे में चियांकी एयरपोर्ट पर सेफ हाउस और हेलीपैड तैयार किया था.

24 अप्रैल 1993 को प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव चियांकी हवाई अड्डा पर उतरे और पलामू के सदर प्रखंड के पोलपोल स्थित धमधमवा गए थे. चियांकी हवाई अड्डा ऐतिहासिक है. चियांकी हवाई अड्डा अब तक चार मौकों पर देश के प्रधानमंत्री के दौरे का गवाह बन चुका है.

"1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव सुखाड़ राहत का जायजा लेने पहुंचे थे. यह दुखद है कि आजादी के इतने सालों बाद भी पलामू का इलाका सुखाड़ से जूझ रहा है. पलामू जैसे इलाके में सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए कोई काम नहीं किया गया है." - हृदयानंद मिश्रा, हिंदू न्यास बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता

चियांकी एयरपोर्ट पर चौथी बार उतरेंगे पीएम मोदी

सुखाड़ के स्मारक के रूप में मौजूद चियांकी एयरपोर्ट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मई को चौथी बार उतरेंगे. 2014 में एनडीए ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था. उस समय से अबतक वे लगातार पलामू आते रहे हैं.

2014 में नरेंद्र मोदी चियांकी एयरपोर्ट से जनसभा को संबोधित कर चुके हैं. वहीं 5 जनवरी 2019 को नरेंद्र मोदी ने चियांकी एयरपोर्ट से ही प्रसिद्ध मंडल डैम परियोजना के पूरा होने की आधारशिला रखी थी. फिर 2019 के आखिरी महीने में प्रधानमंत्री ने चियांकी एयरपोर्ट पर ही जनसभा को संबोधित किया था और अब वह चौथी बार चियांकी एयरपोर्ट से ही जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं.

कायम है सुखाड़ का मुद्दा

पलामू का चियांकी हवाई अड्डा का सेफ हाउस सुखाड़ का स्मारक है. इस स्मारक की तरह ही पलामू में सुखाड़ का मुद्दा भी कायम है. 1993 से 2024 के बीच पलामू 10 से ज्यादा बार सुखाड़ की चपेट में आ चुका है. 2021-22 में पलामू के सभी प्रखंडों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया था.

"कोयल नदी में पानी का स्तर नीचे चला गया है, लोग बोलते अधिक हैं लेकिन काम नहीं होता है." - परशुराम ओझा, वरिष्ठ नेता, भाजपा

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