हैदराबादः हाल के वर्षों में धार्मिक आयोजन या जमावड़े में भगदड़ के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. वहीं इससे कई गुणा लोग हादसे में घायल भी हुए थे. ताजा मामला मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हथरस में एक सत्संग के दौरान 50 से 60 श्रद्धालुओं की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है. अनुमान है कि मृतकों की संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सत्संग के दौरान चरणों का धूल लेने के चक्कर में हादसा हुआ.
25.03.2024: केरल के कोल्लम में कोट्टनकुलंगरा मंदिर में सुबह भगदड़ मचने से पांच साल की बच्ची की मौत हो गई.
17.03.2024: उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रतिष्ठित श्रीजी मंदिर में होली से पहले के आयोजन के दौरान भगदड़ मच गई. इस घटना में कम से कम 6 श्रद्धालु बेहोश हो गए, जबकि भीड़ में से कुछ के घायल होने की खबर है.
24.12.2023: रविवार को मथुरा के एक मंदिर में भीड़भाड़ के कारण दम घुटने से दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई. यह घटना उत्तर प्रदेश के मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में शाम 4.30 बजे हुई.
20.08.2022: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति में 65 वर्षीय एक व्यक्ति और 55 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि सात श्रद्धालु घायल हो गए थे.
01.01.2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे.
21.04.2019: तमिलनाडु के त्रिची में मंदिर उत्सव में भगदड़ में सात लोगों की मौत हुई थी. पुलिस के अनुसार, यह घटना त्रिची के मुथायम्पलयम गांव में करुप्पासामी मंदिर में ‘चित्र पूर्णिमा’ उत्सव के दौरान सुबह करीब 11 बजे हुई. एक पुलिस अधिकारी ने अनुसार इस मंदिर में भगवान करुप्पासामी की मूर्ति के सामने पुजारी से सिक्के एकत्र करने का एक कार्यक्रम था. जब बहुत से लोग ‘पिडिक्कासु’ लेने की कोशिश कर रहे थे, तो भगदड़ मच गई.
10.08.2015: झारखंड के देवघर शहर में एक मंदिर में भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए. हादसे के बाद एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड के बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगदड़ तब मची. जब द्वार खुलने के तुरंत बाद तीर्थयात्री मंदिर की ओर बढ़ गए. झारखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने बताया कि किलोमीटर लंबी कतार में सो रहे लोगों को कुचल दिया गया, जबकि अन्य लोग दरवाजे की ओर धक्का दे रहे थे.
14.07.2014: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' उत्सव के उद्घाटन के दिन, गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
25.08.2014: मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक मंदिर में अफवाह के कारण मची भगदड़ में 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. हादसे में 20 से अधिक घायल हो गए थे. भगदड़ उस समय हुई जब तीर्थयात्री चित्रकूट में कामता नाथ मंदिर के पास एक पहाड़ी की परिक्रमा कर रहे थे.
13 अक्टूबर 2013: मध्य प्रदेश के दतिया में रतनगढ़ हिंदू मंदिर के पास भगदड़ में 89 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए. रतनगढ़ में मंदिर की ओर जाने वाले सिंध नदी पर बने पुल पर मची भगदड़ में 89 लोगों की मौत हो गई, जहां लाखों श्रद्धालु एकत्रित हुए थे. कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अफवाह फैलाए जाने के बाद कि पुल ढह रहा है.
14.01.2011: केरल में सबरीमाला मंदिर में मची भगदड़ में 106 तीर्थयात्री मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे. केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में घर जा रहे तीर्थयात्रियों पर जीप के टकराने से भगदड़ मच गई. तीर्थयात्री बस पकड़ने के लिए आ रहे थे, तभी पुलमेडु में भगदड़ मच गई. इसके परिणामस्वरूप 104 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक घायल हो गए.
04.03.2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में राम जानकी मंदिर में मची भगदड़ में 63 लोगों की मौत हो गई. यह भगदड़ तब मची जब लोग एक स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे. यह भगदड़ प्रतापगढ़ जिले के मानगढ़ क्षेत्र में राम जानकी मंदिर में धार्मिक समागम के दौरान हुई, जब कृपालु महाराज द्वारा आयोजित भंडारे (सामुदायिक भोजन) के लिए लगभग 5,000 भक्त एकत्र हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भक्तों की भीड़ के कारण साइट पर मुख्य द्वारों में से एक ढह गया, जिसके कारण भगदड़ मच गई.
30.09.2008: राजस्थान के जोधपुर में मेहरानगढ़ किला परिसर के अंदर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में मची भगदड़ में 244 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. यह घटना मंदिर में देवता की ओर जाने वाले एक संकरे मार्ग में हुई, जहां लगभग 300 भक्त जमा थे. वरिष्ठ अधिकारियों ने तब कहा था कि भगदड़ कुछ भक्तों के फिसलने के कारण हुई थी और इसके बाद एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया शुरू हो गई.
03.08.2006: हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भगदड़ में लगभग 150 भक्तों की मौत हो गई और 400 से अधिक घायल हो गए. भूस्खलन और पास की पहाड़ी से पत्थर गिरने की अफवाहों ने भक्तों में भय फैला दिया और परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई क्योंकि बड़ी संख्या में लोग मंदिर से लौट रहे थे और बचने के लिए एक-दूसरे से टकरा गए.
26.01.2005: पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में वाई के पास मंढेर देवी मंदिर है. मंढेर देवी मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु तब घबरा गए जब तारों में बिजली के शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली. भीड़ मंदिर की ओर जाने वाले एक संकरे रास्ते की ओर भागी और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े और 291 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए.
27.08.2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए थे और लगभग 140 घायल हो गए.