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सोनू सूद ने उत्तराखंड के 'बजरंगी भाईजान' को बोला थैंक्स, सऊदी अरब में की हैदराबाद के परिवार की मदद, जानें पूरा मामला - Sonu Sood Thanked Girish Pant

Sonu Sood Thanked Girish Pant साल 2015 में आई सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' आपने जरूर देखी होगी. फिल्म में सलमान खान मुन्नी नाम की एक बच्ची को पाकिस्तान छोड़ने जाते हैं, जो गलती से भारत में फंस जाती है. ऐसे ही एक उत्तराखंड के गिरीश पंत हैं जो विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए देवदूत बनते हैं. उनकी ये दरियादिली पर बॉलीवुड तक पहुंच गई है. मशहूर एक्टर सोनू सूद ने एक मामले पर उन्हें थैंक्स कहा है.

Sonu Sood Thanked Girish Pant
उत्तराखंड के गिरीश पंत बने 'बजरंगी भाईजान (PHOTO- @GirishPant AND @SonuSood)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 20, 2024, 9:18 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 9:47 PM IST

देहरादूनः 'बजरंगी भाईजान' के नाम से मशहूर उत्तराखंड के गिरीश पंत दुबई समेत कई अन्य देशों में फंसे हजारों भारतीयों की मदद कर चुके हैं. यही वजह है कि दुबई समेत अन्य देशों में कोई भी भारतीय किन्हीं कारणों से फंस जाता है तो उस व्यक्ति की मदद के लिए सबसे पहले अल्मोड़ा के रहने वाले गिरीश पंत को याद किया जाता है. ऐसा ही एक मामले में एक्टर और समाजसेवी सोनू सूद ने खुद गिरीश को फोन कर हैदराबाद के रहने वाले एक परिवार की मदद करने के लिए विनती की. गिरीश पंत ने भी मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए चंद दिनों में परिवार की समस्या को दूर कर दिया तो सोनू सूद ने गिरीश पंत को धन्यवाद कहा है.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए 'बजरंगी भाईजान' गिरीश पंत ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, हैदराबाद के रहने वाले रमनजनेयूलू का सऊदी अरब में निधन हो गया. जो पिछले 20-25 साल से सऊदी अरब में काम कर रहा थे. लेकिन इनकी डेड बॉडी भारत वापस लाने में काफी दिक्कत हो रही थी.

सोनू सून ने किया गिरीश को कॉल: व्यक्ति के परिजनों ने सोनू सूद के मैनेजर हरीश से हैदराबाद में मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई. इसके बाद मैनेजर हरीश ने सोनू सूद को मामले की जानकारी दी. सोनू सूद ने भी अपने स्तर से हर संभव मदद की कोशिश की लेकिन एक हफ्ते बाद भी डेड बॉडी को भारत भेजने से संबंधित प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो सोनू सूद ने खुद दुबई में रहे गिरीश पंत को कॉल कर पीड़ित परिवार की मदद करने की बात कही. गिरीश पंत ने भी तुरंत मदद के लिए हामी भरते हुए इंडियन एंबेसी से लगातार संपर्क करके डेड बॉडी को भारत भेजने को लेकर बातचीत की.

इंडियन एंबेसी इसलिए नहीं भेज रही थी डेड बॉडी: गिरीश पंत ने बताया कि, दरअसल इंडियन एंबेसी यह चाहती थी कि मृतक व्यक्ति के परिजनों को जो धनराशि मिलनी चाहिए, वह धनराशि मिल जाए, उसके बाद ही डेड बॉडी को भारत भेजा जाए. क्योंकि मृतक व्यक्ति सऊदी अरब में पिछले 25 सालों से काम कर रहा था. ऐसे में नियमों के मुताबिक संबंधित कंपनी मृतक के परिजनों को एकमुश्त राशि भी उपलब्ध कराती है. लेकिन अगर डेड बॉडी भारत वापस चली गई तो फिर एंबेसी भी अपने कामों में व्यस्त हो जाएगी. साथ ही संबंधित कंपनी भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाएगी. ऐसे में गिरीश पंत की मेहनत के बाद करीब 20 दिन में डेड बॉडी को भारत पहुंचा दिया गया. साथ ही कंपनी द्वारा पीड़ित परिवार को एकमुश्त राशि भेजने की कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

भारत पहुंची डेड बॉडी: गिरीश पंत ने बताया कि इंडियन एंबेसी काउंसिल मोइन अख्तर ने इस पूरे मामले पर काफी सपोर्ट किया. जब भी उनको कॉल किया गया, उन्होंने कॉल उठाया और रिस्पांस किया है. जिसके चलते 20 अगस्त की दोपहर साढ़े चार बजे डेड बॉडी इंडिया पहुंच गई है.

सोनू सूद ने एक्स पर लिखा थैक्स: गिरिश ने बताया कि, इसके बाद खुद सोनू सूद और उनके मैनेजर ने कॉल करके धन्यवाद कहा है. साथ ही एक्स पर भी थैंक्स लिखकर पोस्ट किया है. गिरीश पंत ने कहा कि उनके पास ऐसे तमाम मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में उनकी तरफ से जो भी संभव मदद हो पाती है, वो जरूर करते हैं.

ये भी पढ़ेंः मिलिए उत्तराखंड के 'बजरंगी भाईजान' से, विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए बन जाते हैं देवदूत

देहरादूनः 'बजरंगी भाईजान' के नाम से मशहूर उत्तराखंड के गिरीश पंत दुबई समेत कई अन्य देशों में फंसे हजारों भारतीयों की मदद कर चुके हैं. यही वजह है कि दुबई समेत अन्य देशों में कोई भी भारतीय किन्हीं कारणों से फंस जाता है तो उस व्यक्ति की मदद के लिए सबसे पहले अल्मोड़ा के रहने वाले गिरीश पंत को याद किया जाता है. ऐसा ही एक मामले में एक्टर और समाजसेवी सोनू सूद ने खुद गिरीश को फोन कर हैदराबाद के रहने वाले एक परिवार की मदद करने के लिए विनती की. गिरीश पंत ने भी मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए चंद दिनों में परिवार की समस्या को दूर कर दिया तो सोनू सूद ने गिरीश पंत को धन्यवाद कहा है.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए 'बजरंगी भाईजान' गिरीश पंत ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, हैदराबाद के रहने वाले रमनजनेयूलू का सऊदी अरब में निधन हो गया. जो पिछले 20-25 साल से सऊदी अरब में काम कर रहा थे. लेकिन इनकी डेड बॉडी भारत वापस लाने में काफी दिक्कत हो रही थी.

सोनू सून ने किया गिरीश को कॉल: व्यक्ति के परिजनों ने सोनू सूद के मैनेजर हरीश से हैदराबाद में मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई. इसके बाद मैनेजर हरीश ने सोनू सूद को मामले की जानकारी दी. सोनू सूद ने भी अपने स्तर से हर संभव मदद की कोशिश की लेकिन एक हफ्ते बाद भी डेड बॉडी को भारत भेजने से संबंधित प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो सोनू सूद ने खुद दुबई में रहे गिरीश पंत को कॉल कर पीड़ित परिवार की मदद करने की बात कही. गिरीश पंत ने भी तुरंत मदद के लिए हामी भरते हुए इंडियन एंबेसी से लगातार संपर्क करके डेड बॉडी को भारत भेजने को लेकर बातचीत की.

इंडियन एंबेसी इसलिए नहीं भेज रही थी डेड बॉडी: गिरीश पंत ने बताया कि, दरअसल इंडियन एंबेसी यह चाहती थी कि मृतक व्यक्ति के परिजनों को जो धनराशि मिलनी चाहिए, वह धनराशि मिल जाए, उसके बाद ही डेड बॉडी को भारत भेजा जाए. क्योंकि मृतक व्यक्ति सऊदी अरब में पिछले 25 सालों से काम कर रहा था. ऐसे में नियमों के मुताबिक संबंधित कंपनी मृतक के परिजनों को एकमुश्त राशि भी उपलब्ध कराती है. लेकिन अगर डेड बॉडी भारत वापस चली गई तो फिर एंबेसी भी अपने कामों में व्यस्त हो जाएगी. साथ ही संबंधित कंपनी भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाएगी. ऐसे में गिरीश पंत की मेहनत के बाद करीब 20 दिन में डेड बॉडी को भारत पहुंचा दिया गया. साथ ही कंपनी द्वारा पीड़ित परिवार को एकमुश्त राशि भेजने की कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

भारत पहुंची डेड बॉडी: गिरीश पंत ने बताया कि इंडियन एंबेसी काउंसिल मोइन अख्तर ने इस पूरे मामले पर काफी सपोर्ट किया. जब भी उनको कॉल किया गया, उन्होंने कॉल उठाया और रिस्पांस किया है. जिसके चलते 20 अगस्त की दोपहर साढ़े चार बजे डेड बॉडी इंडिया पहुंच गई है.

सोनू सूद ने एक्स पर लिखा थैक्स: गिरिश ने बताया कि, इसके बाद खुद सोनू सूद और उनके मैनेजर ने कॉल करके धन्यवाद कहा है. साथ ही एक्स पर भी थैंक्स लिखकर पोस्ट किया है. गिरीश पंत ने कहा कि उनके पास ऐसे तमाम मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में उनकी तरफ से जो भी संभव मदद हो पाती है, वो जरूर करते हैं.

ये भी पढ़ेंः मिलिए उत्तराखंड के 'बजरंगी भाईजान' से, विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए बन जाते हैं देवदूत

Last Updated : Aug 20, 2024, 9:47 PM IST
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