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OM Parvat पर फिर से दिखने लगी 'ऊं' की आकृति, बर्फबारी के बाद सामने आई शानदार तस्वीरें - Snowfall on OM Parvat

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 26, 2024, 9:37 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 9:50 PM IST

Snowfall on OM Parvat, OM shape on OM Parvat बीते दिनों बर्फ पिघलने के कारण पिथौरागढ़ स्थित ओम पर्वत की आकृति अदृश्य हो गई थी, जो अब बर्फबारी के बाद एक बार फिर से नजर आने लगी है. ओम पर्वत पर फिर से आकृति दिखने के बाद श्रद्धालु काफी खुश हैं.

SNOWFALL ON OM PARVAT
उत्तराखंड के ओम पर्वत पर हुई बर्फबारी (ETV Bharat)

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र ओम पर्वत बर्फ पिघलने से ओम (ऊं) विहीन हो गया था. इसके बाद से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं में मायूसी थी. अब एक बार फिर से ओम (ऊं) पर्वत पर बर्फबारी हुई है. जिसके चलते पर्वत पर अब फिर से ओम की आकृति दिखने लगी है.

अदृश्य हो गई थी ओम की आकृति: बता दें बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया के साथ ही समाचार पत्रों में बर्फविहीन ओम (ऊं) पर्वत की तस्वीरें वायरल हो रही थी. इन तस्वीरों में इस पर्वत पर ओम (ऊं) की आकृति नजर नहीं आ रही थी. नाबीढांग से सामने नजर आने वाला ओम पर्वत अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है, जहां पर बर्फ से लिखा ओम सभी को आकर्षित करता है. भगवान शिव की भूमि होने से इसे शिव से जोड़ा जाता है, जिसके चलते यह गहन आस्था का केंद्र है. 2 दिन पहले पहाड़ में बढ़ते तापमान के चलते ओम पर्वत पर बर्फ पिघलने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था, जो चिंता का विषय बन गया था.

Uttarakhand Om Parvat
बर्फबारी से पहले ओम पर्वत की तस्वीरें (ETV Bharat)

बर्फबारी के बाद दिखने लगी ऊं आकृति: ऐसे में बर्फबारी के बाद अब एक बार फिर से श्रद्धालुओं में खुशी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधक धारचूला दिनेश गुरुरानी ने बताया 2 दिन पहले पहाड़ से बर्फ पिघल जाने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था. अब एक बार फिर से बर्फबारी हुई है. जिसके चलते पूर्व की भांति अब वहां पर बर्फ जम गई है. उन्होंने बताया पूर्व में इस तरह के कई बार मामले सामने आए हैं.

मौसम परिवर्तन और तापमान के कारण घटनाएं: मौसम परिवर्तन और तापमान के चलते इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. उन्होंने कहा बर्फबारी होते ही स्थिति सामान्य हो गई है. ओम पर्वत के दर्शन करना अपने आप में एक अलग अनुभूति का आभास कराता है. धार्मिक पर्यटक हो या फिर आम पर्यटक दोनों के लिए ओम पर्वत का दर्शन अनुभूति का ही प्रतीक रहा है.

Uttarakhand Om Parvat
बर्फबारी के बाद ओम पर्वत की तस्वीरें (ETV Bharat)

पर्यावरण प्रेमियों ने जताई चिंता: पर्यावरण प्रेमियों ने कहा इस क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाना, गुंजी जैसे स्थल पर सड़क डामरीकरण के लिए हॉटमिक्स प्लांट लगाना सही नहीं है. ओम पर्वत के निकट लोडर मशीन लगाकर सड़क काटना, अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही से पर्यावरण प्रभावित हो चुका है. हिमालय का यह रीजन पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. ओम पर्वत की ऊंचाई 6191 मीटर है. इस ऊंचाई पर बर्फविहीन होना पर्यावरणीय दृष्टि से अति गंभीर है.

पढ़ें- शिव भक्तों के लिए खुशखबरी! हेलीकॉप्टर से होंगे आदि कैलाश के दर्शन, ओम पर्वत को लेकर भी प्लान तैयार

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र ओम पर्वत बर्फ पिघलने से ओम (ऊं) विहीन हो गया था. इसके बाद से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं में मायूसी थी. अब एक बार फिर से ओम (ऊं) पर्वत पर बर्फबारी हुई है. जिसके चलते पर्वत पर अब फिर से ओम की आकृति दिखने लगी है.

अदृश्य हो गई थी ओम की आकृति: बता दें बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया के साथ ही समाचार पत्रों में बर्फविहीन ओम (ऊं) पर्वत की तस्वीरें वायरल हो रही थी. इन तस्वीरों में इस पर्वत पर ओम (ऊं) की आकृति नजर नहीं आ रही थी. नाबीढांग से सामने नजर आने वाला ओम पर्वत अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है, जहां पर बर्फ से लिखा ओम सभी को आकर्षित करता है. भगवान शिव की भूमि होने से इसे शिव से जोड़ा जाता है, जिसके चलते यह गहन आस्था का केंद्र है. 2 दिन पहले पहाड़ में बढ़ते तापमान के चलते ओम पर्वत पर बर्फ पिघलने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था, जो चिंता का विषय बन गया था.

Uttarakhand Om Parvat
बर्फबारी से पहले ओम पर्वत की तस्वीरें (ETV Bharat)

बर्फबारी के बाद दिखने लगी ऊं आकृति: ऐसे में बर्फबारी के बाद अब एक बार फिर से श्रद्धालुओं में खुशी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधक धारचूला दिनेश गुरुरानी ने बताया 2 दिन पहले पहाड़ से बर्फ पिघल जाने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था. अब एक बार फिर से बर्फबारी हुई है. जिसके चलते पूर्व की भांति अब वहां पर बर्फ जम गई है. उन्होंने बताया पूर्व में इस तरह के कई बार मामले सामने आए हैं.

मौसम परिवर्तन और तापमान के कारण घटनाएं: मौसम परिवर्तन और तापमान के चलते इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. उन्होंने कहा बर्फबारी होते ही स्थिति सामान्य हो गई है. ओम पर्वत के दर्शन करना अपने आप में एक अलग अनुभूति का आभास कराता है. धार्मिक पर्यटक हो या फिर आम पर्यटक दोनों के लिए ओम पर्वत का दर्शन अनुभूति का ही प्रतीक रहा है.

Uttarakhand Om Parvat
बर्फबारी के बाद ओम पर्वत की तस्वीरें (ETV Bharat)

पर्यावरण प्रेमियों ने जताई चिंता: पर्यावरण प्रेमियों ने कहा इस क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाना, गुंजी जैसे स्थल पर सड़क डामरीकरण के लिए हॉटमिक्स प्लांट लगाना सही नहीं है. ओम पर्वत के निकट लोडर मशीन लगाकर सड़क काटना, अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही से पर्यावरण प्रभावित हो चुका है. हिमालय का यह रीजन पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. ओम पर्वत की ऊंचाई 6191 मीटर है. इस ऊंचाई पर बर्फविहीन होना पर्यावरणीय दृष्टि से अति गंभीर है.

पढ़ें- शिव भक्तों के लिए खुशखबरी! हेलीकॉप्टर से होंगे आदि कैलाश के दर्शन, ओम पर्वत को लेकर भी प्लान तैयार

Last Updated : Aug 26, 2024, 9:50 PM IST
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