कानपुर : भारतीय सैनिकों के लिए कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्ट्री से शानदार खबर सामने आई है. कुछ माह पहले एसएएफ (Small Arms Factory of Kanpur) में सीक्यूबी कार्बाइन तैयार किया गया था. कुल चार चरणों में इस कार्बाइन के परीक्षण की योजना तैयार की गई थी. अब तक के 3 चरणों में इसका परीक्षण सफल रहा है. अब केवल टेस्टिंग का एक पड़ाव बाकी है. ओवरआल परफार्मेंस के मद्देनजर अगले साल से यह भारतीय सेना की ताकत बढ़ा सकती है. सैनिक इस स्वदेखी कार्बाइन से दुश्मनों को ढेर करेंगे.
200 मीटर रेंज, 3 किलोग्राम है वजन : एसएएफ के कार्यकारी निदेशक राजीव शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अभी तक 5.56 गुणा 45 मिमी कैलिबर में मशीनगन समेत अन्य हथियार मौजूद थे. अब पहली बार सीक्यूबी (CQB) कार्बाइन बनाई गई है. सेना को इस तरह के कुल 4 लाख से अधिक कार्बाइन चाहिए. हमें पूरी उम्मीद है यह आर्डर हमें ही मिलेगा. अभी करीब 20 कार्बाइन तैयार हुईं हैं. तीन चरणों के ट्रायल में यह सफल रहीं हैं. केवल एक चरण की टेस्टिंग बाकी है. इसके बाद बहुत जल्द हम यह कार्बाइन सैनिकों को सौंप देंगे. सेना के अलावा कई राज्यों की पुलिस भी हमसे कार्बाइन मांग रही है. उनके लिए भी नियमानुसार इसे मुहैया कराया जाएगा.
ये हैं सीक्यूबी कार्बाइन की खूबियां : कैलिबर-5.56 गुणा 45 मिमी, लंबाई- 790 मिमी (बट एक्सटेंडेड) 560 मिमी (बट फोल्डेड), इफेक्टिव रेंज- 200 मीटर, रेट ऑफ फायर- 700 राउंड प्रति मिनट, मोड आफ फायर- सिंगल एंड आटो, सेफ्टी-एप्लाईड एंड मैकेनिकल सेफ्टी, स्लिंग- 3 प्वाइंट स्लिंग, ऑपरेटिव टेम्प्रेचर- 20 डिग्री सेल्सियस से प्लस 45 डिग्री सेल्सियस तक.
इसलिए और हथियारों से अलग है सीक्यूबी : अभी तक सैनिक असॉल्ट राइफल में एके-47, मशीन गन, इंसास आदि का प्रयोग करते आए हैं. नजदीकी लड़ाई में इन्हें बहुत अच्छा नहीं माना जाता है. इसे देखते हुए सैनिको को सीक्यूबी कार्बाइन की जरूरत महसूस होने लगी थी. लिहाजा भारतीय सेना ने इसकी मांग की. इसके बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की यूनिट ने सीक्यूबी कार्बाइन का डिजाइन रक्षा मंत्रालय के पीएसयू एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड कंपनी को दिया. इसके बाद इसे बनाने का काम शुरू हुआ.
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