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अगर आप भी बच्चों को खिलाते हैं कॉटन कैंडी तो हो जाएं सावधान, रंग देने वाली चीज में छिपा है ये जहर - Cotton Candy side effects

Cotton Candy: अगर आप भी कॉटन कैंडी खाते हैं या फिर अपने बच्चों को खिलाते हैं तो आप जानलेवा कैंसर का शिकार हो सकते हैं. हिमाचल में इसे लोग 'बुढ़िया के बाल' के नाम से ज्यादा जानते हैं. कॉटन कैंडी को जो रंग दिया जाता है जैसे गुलाबी, पीला, नीला या कोई भी कलर उसमें रोडामाइन बी केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है. बता दें कि रोडामाइन-बी का इस्तेमाल खाने की वस्तुओं में करना प्रतिबंधित है. पढ़ें पूरी खबर...

Cotton Candy side effects
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 7:05 PM IST

अतुल केस्था, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग, नगर निगम सोलन

सोलन: हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के बाजारों में बिकने वाली कॉटन कैंडी के 6 सैंपल फेल हुए हैं. जिसको लेकर शहर में हड़कंप मचा हुआ है. सोलन शहर में तीन से चार कॉटन कैंडी के विक्रेता इस कैंडी को बेचते हुए नजर आते थे. खाद्य सुरक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि इसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने कॉटन कैंडी के 7 सैंपल भरे और अब इनकी रिपोर्ट विभाग के पास पहुंचे जिसमें से 6 कॉटन कैंडी के सैंपल फेल पाए गए हैं.

कॉटन कैंडी में मिला कैंसर पैदा करने वाला केमिकल

20 फरवरी को शहर से सात सैंपल भरे गए थे, जिन्हें जांच के लिए सीटीएल कंडाघाट भेजा गया था. रिपोर्ट में पाया गया कि कैंडी में रोडामाइन-बी केमिकल है, जिससे कैंसर हो सकता है. नगर निगम के खाद्य सुरक्षा विभाग ने संबंधित विक्रेताओं को नोटिस भेज दिए हैं. 30 दिन में इसका जवाब मांगा है.

Cotton Candy side effects
कॉटन कैंडी में रोडामाइन-बी का हो रहा इस्तेमाल.

रोडामाइन-बी केमिकल का खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल प्रतिबंधित

बता दें कि रोडामाइन बी केमिकल को कपड़ा, चमड़ा और अन्य उद्योगों में एक 'पिगमेंट' के रूप में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति है, लेकिन खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है. खाद्य पदार्थों को तैयार, प्रासेस और वितरण करने में इसका इस्तेमाल करना फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत दंडनीय अपराध है. विभाग ने पिंक, ऑरेंज, पर्पल, यलो, सी ग्रीन, व्हाइट और ग्रीन-पर्पल मिक्स कॉटन कैंडी के सैंपल भरे थे. यह सैंपल शक के आधार पर भरा गया था. सूचना थी कि कॉटन कैंडी को गुलाबी रंग देने के लिए रोडामाइन-बी का इस्तेमाल किया जाता है. यह केमिकल सेहत के लिए हानिकारक होता है. वहीं, रोडामाइन-बी का इस्तेमाल खाने की वस्तुओं में करना प्रतिबंधित है. हाल ही में ही कर्नाटक सरकार की सिद्धारमैया सरकार ने रंगीन कॉटन कैंडी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है.

'कॉटन कैंडी बेचने वालों पर रखी जा रही नजर'

नगर निगम सोलन के खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अतुल केस्था ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि शहर में जो कॉटन कैंडी बिक रही है उसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर विभाग ने 20 फरवरी को सैंपल भरे थे और इनमें से अब विभाग के पास रिपोर्ट पहुंची है, जिनमें से 6 सैंपल फेल पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संबंधित विक्रेता को नोटिस भेज दिया गया है और शहर में जो लोग भी कॉटन कैंडी भेजते हैं उन पर नजर रखी जा रही है.

ये भी पढ़ें- Healthy Lifestyle Tip : फ्रिज में रखा आटा खाते हैं आप?, ऐसा करना हो सकता है बेहद खतरनाक

अतुल केस्था, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग, नगर निगम सोलन

सोलन: हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के बाजारों में बिकने वाली कॉटन कैंडी के 6 सैंपल फेल हुए हैं. जिसको लेकर शहर में हड़कंप मचा हुआ है. सोलन शहर में तीन से चार कॉटन कैंडी के विक्रेता इस कैंडी को बेचते हुए नजर आते थे. खाद्य सुरक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि इसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने कॉटन कैंडी के 7 सैंपल भरे और अब इनकी रिपोर्ट विभाग के पास पहुंचे जिसमें से 6 कॉटन कैंडी के सैंपल फेल पाए गए हैं.

कॉटन कैंडी में मिला कैंसर पैदा करने वाला केमिकल

20 फरवरी को शहर से सात सैंपल भरे गए थे, जिन्हें जांच के लिए सीटीएल कंडाघाट भेजा गया था. रिपोर्ट में पाया गया कि कैंडी में रोडामाइन-बी केमिकल है, जिससे कैंसर हो सकता है. नगर निगम के खाद्य सुरक्षा विभाग ने संबंधित विक्रेताओं को नोटिस भेज दिए हैं. 30 दिन में इसका जवाब मांगा है.

Cotton Candy side effects
कॉटन कैंडी में रोडामाइन-बी का हो रहा इस्तेमाल.

रोडामाइन-बी केमिकल का खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल प्रतिबंधित

बता दें कि रोडामाइन बी केमिकल को कपड़ा, चमड़ा और अन्य उद्योगों में एक 'पिगमेंट' के रूप में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति है, लेकिन खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है. खाद्य पदार्थों को तैयार, प्रासेस और वितरण करने में इसका इस्तेमाल करना फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत दंडनीय अपराध है. विभाग ने पिंक, ऑरेंज, पर्पल, यलो, सी ग्रीन, व्हाइट और ग्रीन-पर्पल मिक्स कॉटन कैंडी के सैंपल भरे थे. यह सैंपल शक के आधार पर भरा गया था. सूचना थी कि कॉटन कैंडी को गुलाबी रंग देने के लिए रोडामाइन-बी का इस्तेमाल किया जाता है. यह केमिकल सेहत के लिए हानिकारक होता है. वहीं, रोडामाइन-बी का इस्तेमाल खाने की वस्तुओं में करना प्रतिबंधित है. हाल ही में ही कर्नाटक सरकार की सिद्धारमैया सरकार ने रंगीन कॉटन कैंडी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है.

'कॉटन कैंडी बेचने वालों पर रखी जा रही नजर'

नगर निगम सोलन के खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अतुल केस्था ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि शहर में जो कॉटन कैंडी बिक रही है उसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको लेकर विभाग ने 20 फरवरी को सैंपल भरे थे और इनमें से अब विभाग के पास रिपोर्ट पहुंची है, जिनमें से 6 सैंपल फेल पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संबंधित विक्रेता को नोटिस भेज दिया गया है और शहर में जो लोग भी कॉटन कैंडी भेजते हैं उन पर नजर रखी जा रही है.

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