सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन हाथ ठेले से उसे अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन देरी होने से महिला ने ठेले पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. जन्म होने के कुछ मिनट बाद ही नवजात की मौत हो गई. अब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई की बात कही है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के सीधी जिला का है, जहां जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाली महिला उर्मिला रजक प्रसव पीड़ा से परेशान थी. घरवालों ने एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. काफी देर इंतजार करने के बाद महिला का पति हाथ ठेले में ही पत्नी को अस्पताल लेकर निकल पड़ा लेकिन वे अस्पताल नहीं पहुंच पाए और प्रसव पीड़ा से परेशान महिला ने ठेले में ही बच्चे को जन्म दे दिया. जन्म देने के कुछ मिनट बाद ही बच्चे की मौत हो गई. अब इस घटना के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं.
एक और लाडली बहना स्वास्थ्य अव्यवस्था की लापरवाही का शिकार हुई !!!
— Umang Singhar (@UmangSinghar) November 4, 2024
CM @DrMohanYadav51 हर मंच पर लाडली बहना के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाया करते हैं!
... लेकिन, असलियत में सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही कि #लाडली_बहना का उद्धार हो!#सीधी में एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए… pic.twitter.com/Svf8Ma9510
बच्चे की मौत के बाद गरमाई राजनीति
नवजात बच्चे की मौत होने के बाद मामले में राजनीति गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट कर इस मामले में चिंता जाहिर की है और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, '' सीधी में एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. परिवार को उसे सब्जी के ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा. जहां रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया और बच्चे को बचाया नहीं जा सका. जब स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत इतनी खराब है तो पूरे प्रदेश की हालत को समझा जा सकता है.''
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सरकार ने की कड़ी कार्रवाई
वहीं समय पर एंबुलेंस सेवा न मिलने पर हाथ ठेले पर महिला के प्रसव और नवजात की मौत के मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है. उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मामले में संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा, ''सरकार की प्राथमिकता त्वरित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है.'' इस मामले को लेकर सोमवार शाम प्रोजेक्ट हेड 108 एकीकृत कॉल सेंटर भोपाल ने 3 एंबुलेंस वाहनों के एक माह के परिचालन व्यय में कटौती कर दी है, जिसकी राशि 4,56,917 रुपए है.