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शर्मिष्ठा मुखर्जी बोलीं- आरएसएस के कार्यक्रम में कांग्रेस की विचारधारा को लेकर गए थे मेरे पिता

Sharmistha Mukherjee big statement, जेएलएफ के आखिरी दिन सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सेशन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि वो अब तक नहीं समझ पाई कि ममता बनर्जी पर ऐसा कौन सा दबाव था, जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए उनके पिता की मुखालफत की थी.

Sharmistha Mukherjee big statement
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 5, 2024, 6:18 PM IST

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी

जयपुर. जयपुर. जेएलएफ के आखिरी दिन सोमवार को प्रणव माय फादर : ए डॉटर रिमेम्बर्स बुक पर हुए सेशन में शामिल हुई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब उनके पिता नागपुर आरएसएस के कार्यक्रम पहुंचे थे तब उनका काफी विरोध हुआ था, लेकिन उन्होंने समझाया था कि वो आरएसएस के कार्यक्रम में कांग्रेस की विचारधारा को बताने गए थे.

मेरे पिता इंदिरा गांधी के अंध भक्त थे : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के फ्रंट लॉन में हुए सत्र में वीर सांघवी के साथ बात करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि आजकल लोग किसी भी मुद्दे पर ट्वीट और हेडलाइन पढ़कर सारांश निकाल लेते हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की इकोनॉमी को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है. उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. उनके पिता प्रणब मुखर्जी भी उनका काफी सम्मान करते थे. शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी के अंधभक्त थे, क्योंकि वो उनकी मेंटर थी. उन्हीं की वजह से वो सियासत में आए थे. उनके पिता कांग्रेस के मौजूदा हालत से काफी परेशान थे. यह सिर्फ उनके ही नहीं, बल्कि आज हर कांग्रेसी नेता के मन के हालात हैं.

इसे भी पढ़ें - शशि थरूर का मोदी सरकार पर हमला, कहा- हमारे यहां विपक्ष ही अपराधी क्यों?

ममता बनर्जी को लेकर कही ये बड़ी बात : शर्मिष्ठा ने अपने पिता की डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी डायरी में काफी कुछ लिखा था. वो हर दिन कौन-कौन से नेता से मिल रहे थे, कहां जाते थे, क्या सोचते थे, सब कुछ उस डायरी में लिखा था. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी के साथ उनके पिता के रिश्ते काफी अच्छे थे. यहां तक की वो क्या कपड़े पहनेंगे, ये भी वो इंदिरा गांधी से पूछ लेते थे. यही नहीं जब वो मंत्री बने तो इंदिरा गांधी ने उन्हें धोती कुर्ता छोड़कर सूट पहनने के लिए कहा था. शर्मिष्ठा ने बताया कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके पिता प्रणब मुखर्जी को सर बोलकर संबोधित करते थे. हालांकि, वो अब तक नहीं समझ पाई कि ममता बनर्जी पर ऐसा कौन सा दबाव था, जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए उनके पिता की मुखालफत की थी.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी

जयपुर. जयपुर. जेएलएफ के आखिरी दिन सोमवार को प्रणव माय फादर : ए डॉटर रिमेम्बर्स बुक पर हुए सेशन में शामिल हुई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब उनके पिता नागपुर आरएसएस के कार्यक्रम पहुंचे थे तब उनका काफी विरोध हुआ था, लेकिन उन्होंने समझाया था कि वो आरएसएस के कार्यक्रम में कांग्रेस की विचारधारा को बताने गए थे.

मेरे पिता इंदिरा गांधी के अंध भक्त थे : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के फ्रंट लॉन में हुए सत्र में वीर सांघवी के साथ बात करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि आजकल लोग किसी भी मुद्दे पर ट्वीट और हेडलाइन पढ़कर सारांश निकाल लेते हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की इकोनॉमी को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है. उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. उनके पिता प्रणब मुखर्जी भी उनका काफी सम्मान करते थे. शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी के अंधभक्त थे, क्योंकि वो उनकी मेंटर थी. उन्हीं की वजह से वो सियासत में आए थे. उनके पिता कांग्रेस के मौजूदा हालत से काफी परेशान थे. यह सिर्फ उनके ही नहीं, बल्कि आज हर कांग्रेसी नेता के मन के हालात हैं.

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ममता बनर्जी को लेकर कही ये बड़ी बात : शर्मिष्ठा ने अपने पिता की डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी डायरी में काफी कुछ लिखा था. वो हर दिन कौन-कौन से नेता से मिल रहे थे, कहां जाते थे, क्या सोचते थे, सब कुछ उस डायरी में लिखा था. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी के साथ उनके पिता के रिश्ते काफी अच्छे थे. यहां तक की वो क्या कपड़े पहनेंगे, ये भी वो इंदिरा गांधी से पूछ लेते थे. यही नहीं जब वो मंत्री बने तो इंदिरा गांधी ने उन्हें धोती कुर्ता छोड़कर सूट पहनने के लिए कहा था. शर्मिष्ठा ने बताया कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके पिता प्रणब मुखर्जी को सर बोलकर संबोधित करते थे. हालांकि, वो अब तक नहीं समझ पाई कि ममता बनर्जी पर ऐसा कौन सा दबाव था, जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए उनके पिता की मुखालफत की थी.

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