चेन्नई: तमिलनाडु में हत्या के आरोपी शांताकुमार की कथित तौर पर हिरासत में हुई मौत को लेकर सियासी घमासन मचा हुआ है. अन्नाद्रमुक (AIADMK) महासचिव के पलानीस्वामी ने इस घटना को लेकर द्रमुक सरकार का आलोचना की है. उन्होंने सीएम एमके स्टालिन पर 'घड़ियाली आंसू बहाने' का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने सीएम से स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह भी किया. बता दें कि, श्रीपेरंबदूर के पार्षद और बीजेपी अनुसूचित जाति शाखा के राज्य कोषाध्यक्ष शंकर की 27 अप्रैल 2023 को पूनमल्ली के पास नजरथपेट्टई में एक बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी. हत्या के इस मामले में पुलिस ने श्रीपेरंबदूर काचीपट्टू क्षेत्र से श्रीपेरंबदूर नगर पंचायत पार्षद शांताकुमार (30) सहित 7 लोगों को हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद शांताकुमार की हिरासत में कथित मौत का मामला सामने आया. इस मामले में अवाडी पुलिस कमिश्नर ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.
एक्स पोस्ट पर सियासी वॉर
अपने 'एक्स' हैंडल पर पलानीस्वामी ने शांताकुमार की मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा, 'शांताकुमार की चौंकाने वाली मौत तिरुवल्लूर जिले के चेववाइपेट के पुलिस स्टेशन में हुई. उन्होंने अपनी पोस्ट में खुलासा किया कि, शांताकुमार का शरीर पर चोट और सूजन के कई निशान पाए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि, जब से तमिलनाडु में द्रमुक सरकार सत्ता में आई है, हिरासत में मौतें बढ़ रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सरकार की निंदा करते हुए कहा, सीएम स्टालिन 'घड़ियाली आंसू' बहा रहे हैं. उन्होंने राज्य के सीएम से कहा कि उन्हें इस मामले में पुलिस को उचित आदेश जारी करना चाहिए. साथ ही उन्होंने राज्य की पुलिस प्रशासन से भी जनता और हिरासत में बंद कैदियों के प्रति कानून के दायरे में रहकर काम करने का आग्रह किया.
शांताकुमार की हिरासत में मौत पर सियासी बवाल!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीपेरंबुदूर नगर पंचायत के पार्षद शांताकुमार (30) की सीने में दर्द की शिकायत के बाद मौत हो गई थी. उन्हें रिमांड के लिए अदालत ले जाने की तैयारी चल रही थी. पुलिस ने शुरू में कहा था कि शांताकुमार की मौत सीने में दर्द के कारण हुई थी न कि कोई बाहरी चोट की वजह से मौत हुई थी. हालांकि, उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनकी (शांताकुमार) मौत हिरासत में यातना के कारण हुई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी चोट के निशान सामने आए हैं. उन्होंने शव लेने से भी इनकार कर दिया और न्याय की मांग की. अवाडी पुलिस आयुक्त ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही, नज़रथपेट्टई पुलिस इंस्पेक्टर गुनासेकरन को निलंबित कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
27 अप्रैल, 2023 को, श्रीपेरंबुदूर के पार्षद और भाजपा की अनुसूचित जाति विंग के राज्य कोषाध्यक्ष शंकर की पूनमल्ली के पास नज़रथपेट्टई में हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद, नज़रथपेट्टई पुलिस ने मामले के संबंध में पूछताछ के लिए श्रीपेरंबुदूर काचीपट्टू इलाके से शांताकुमार सहित सात लोगों को हिरासत में लिया था. उसके पास से चाकू और बंदूकें जब्त की गईं. पूछताछ में पता चला कि उसने एक और वारदात की योजना बनाई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही थी. इसके कुछ समय बाद बीच शांताकुमार ने सीने में दर्द की शिकायत की. जिसके बाद शांताकुमार को तिरुवल्लूर सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां मेडिकल जांच करने पर डॉक्टरों ने बताया कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इसके बाद शांताकुमार की मौत के मामले को संदिग्ध मौत के रूप में दर्ज किया गया.
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