भोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हिंदू को लेकर संसद में दिए गए बयान पर शंकराचार्यों के बीच मत विभाजन हो गया है. दिलचस्प ये है कि द्वारका पीठ और जयोतिष पीठ के शंकराचार्य दोनों का ही दावा है कि उन्होंने राहुल गांधी का भाषण सुना है, लेकिन द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती के मुताबिक राहुल गांधी ने हिंदूओं को हिंसक कहा है और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का दावा है कि राहुल गांधी ने पूरे भाषण में कहीं हिंदू को हिंसक नहीं कहा, बल्कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा के लिए स्थान ही नहीं है.
राहुल गांधी के भाषण में सदानंद सरस्वती ने क्या सुना
सदानंद सरस्वती ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि 'राहुल गांधी ने जो लोकसभा में कहा ऐसा सभी हिंदूओं को इस तरह से कह देना, सार्वजनिक रुप से ऐसा नहीं बोला जाना चाहिए. बाद में भले वे कहते रहें कि हमारा उद्देश्य ये नहीं था. आपने जो वाणी से कहा है, वो स्पष्ट कर रहा है कि आपने ये कहा कि हिंदू हिंसक होता है. सदानंद सरस्वती ने कहा कि केवल राहुल गांधी ही नहीं उनके अतिरिक्त कोई भी ऐसा कहेगा हम निंदा करेंगे. हर पार्टी में हिंदू हैं, तो हमें हिंदूओं को विचार करना चाहिए. सनातन धर्मावलबियों को विचार करना चाहिए कि हिंदू के हित कहां सुरक्षित हैं. हिंदू धर्म का पालन किस रूप में कर सकते हैं. धर्म के अनुसार राजनीति होनी चाहिए.'
यहां पढ़ें... हिंदू हिंसक बयान पर फूटा शंकराचार्य का गुस्सा, राहुल गांधी को समझा दिया 'हिंदू' का मतलब लोकसभा में राहुल गांधी का बयान बच्चा बुद्धि वाला, हिंदुओं का अपमान किया: वीरेंद्र कुमार |
राहुल गांधी पर अविमुक्तेश्वरानंद का खुलासा
वहीं अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 'हमने राहुल गांधी का पूरा भाषण जो उन्होंने संसद में दिया था, वह सुना है. वो तो ऐसा कह ही नहीं रहे हैं. हमने उसमें पाया कि वो उसमें कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा का स्थान ही नहीं है. जब वो साफ कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा का स्थान नहीं है. फिर उन पर ये आरोप लगाना कि उन्होंने हिंदू धर्म के विपरीत कोई बात कही है. उनके आधे वक्तव्य के अंश को निकालकर दिखाना ये अपराध है. ऐसे करने वाले को दंडित किया जाना चाहिए. उस व्यक्ति ने जो बात कही ही नहीं है, उसके लिए उसका विरोध करना, उसके लिए उसको दोषी बनाना सही नहीं है.'
उन्होंने साफ कहा कि हिंदू ऐसा नहीं कर सकता. बाद में उन्होंने कहा कि जो अमुख पार्टी के लोग हैं, उनको कहा कि आप लोग अपने आप को हिंदू कहते हो हिंसा नफरत फैलाते हो. तो उनका कहना एक पार्टी विशेष के लिए कहा था. हिंदू समाज के लिए उन्होंने ठीक पहले जो कहा वो था. हमने वो पूरी बात देख ली है, इसलिए हमारे मन में उनके लिए कोई बात नहीं है.'