हल्द्वानी: बनभूलपुरा हिंसा को चार माह से अधिक समय बीत चुका है. इस हिंसा के आरोप में अब तक 107 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन बंदियों को नैनीताल जिला कारागार और हल्द्वानी उप कारागार में रखा गया है. मुख्य आरोपी को छोड़कर सभी को हल्द्वानी जेल में रखा गया है.
बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी 13 कैदी सितारगंज जेल शिफ्ट: ऐसे में क्षमता से अधिक बंदियों और कैदियों का बोझ उठा रही इन जेलों से बनभूलपुरा हिंसा के 13 आरोपियों को उधमसिंह नगर जिले की सितारगंज जेल में शिफ्ट किया गया है. उधर हल्द्वानी जेल बनभूलपुरा से नजदीक होने के कारण यहां मिलने वालों का तांता लगा रहता है. इससे हल्द्वानी जेल में रहने से जेल और हल्द्वानी की शांति व्यवस्था में प्रभाव पड़ रहा था. बताया जा रहा है कि हल्द्वानी उप कारागार की क्षमता 635 बंदियों और कैदियों को रखने की है. यहां भी हमेशा दोगुने से अधिक लोगों को रखा जाता है.
ऐसे में सुरक्षा पर हमेशा सवाल उठते रहते हैं. बनभूलपुरा हिंसा में पुलिस 107 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसमें मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक नैनीताल जेल में बंद है, जबकि अन्य हल्द्वानी उप कारागार में बंद हैं. इनमें पांच महिला बंदी भी शामिल हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर सभी 13 बंदियों को सितारगंज जेल शिफ्ट किया गया है.
कब हुई थी बनभूलपुरा हिंसा: इसी साल 8 फरवरी को नैनीताल जिले के हल्द्वानी में स्थित बनभूलपुरा इलाके में अतिक्रमण हटाया जा रहा था. मदरसा और मस्जिद बनाकर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया. अतिक्रमण हटाने के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, मीडियाकर्मियों पर जमकर पथराव किया था. आगजनी और गोलीबारी की हिंसक घटना ने पूरे उत्तराखंड को हिला दिया था. बनभूलपुरा हिंसा में 6 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. करोड़ों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था.
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