नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आगामी सेमीकंडक्टर इकाइयां तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की 'परिवर्तनकारी यात्रा' को और मजबूत करेंगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 1.26 लाख करोड़ रुपये के संचयी निवेश पर टाटा समूह के मेगा फैब सहित तीन सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, क्योंकि भारत खुद को चिप निर्माण में एक वैश्विक पावर हाउस के रूप में स्थापित करने की ओर अग्रसर है.
मोदी ने एक्स पर कहा कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों को कैबिनेट की मंजूरी के साथ, हम तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में अपनी परिवर्तनकारी यात्रा को और मजबूत कर रहे हैं. यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण में एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरे.
सरकार सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये तक के प्रोत्साहन की पेशकश कर रही है, जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आवश्यक घटक हैं और मोबाइल फोन, लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और ऑटोमोबाइल सहित अन्य में उपयोग होते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि योजना के तहत समर्थन के लिए स्वीकृत तीन इकाइयां रक्षा, ऑटोमोबाइल और दूरसंचार सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए चिप्स बनाएंगी और अगले 100 दिनों के भीतर निर्माण शुरू कर देंगी.
ये इकाइयां 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यों में प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेंगी. ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लाएंगी.