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छत्तीसगढ़ में मौसमी बीमारियों का कहर, डेंगू, डायरिया और स्वाइन फ्लू के मामले बढ़े - Seasonal diseases in Chhattisgarh

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2024, 9:58 PM IST

बारिश का मौसम खत्म होने वाला है. मॉनसून के थमने से पहले ही मौसमी बीमारियों का खतरा तेजी से छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बढ़ता जा रहा है. बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से महिला मरीज की मौत हो गई है. कोरबा के मुड़ापार में अबतक 200 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. कोरबा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हर दिन 1000 मरीज मौसमी बीमारियों के रोज अस्पताल आ रहे हैं. बलरामपुर के ओबरी गांव में दर्जनभर लोग डायरिया की चपेट में हैं. जगदलपुर में छिंदवाड़ा आवासीय विद्यालय के 30 छात्र महारानी अस्पताल में भर्ती हैं. सभी बच्चों को पेद दर्द और उल्टी दस्त की शिकायत है.

Seasonal diseases havoc in Chhattisgarh
डेंगू डायरिया और स्वाइन फ्लू के मामले बढ़े (ETV Bharat)

बिलासपुर/कोरबा/बलरामपुर/जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर लोगों पर टूट रहा है. बिलासपुर से लेकर जगदलपुर तक मरीज मौसमी बीमारियों की चपेट में आकर परेशान हैं. बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से 33 साल की महिला की मौत अस्पताल में हो गई. महिला को इलाज के लिए परिवारवालों ने भर्ती कराया था. बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने 2 और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है. कोरबा में तो डेंगू इस कदर फैला हुआ है कि यहां का रिहायशी इलाका मुड़ापार डेंगू का हॉटस्पॉट बन चुका है. बीते दिनों कोरबा के एक मरीज की डेंगू से बिलासपुर में मौत भी हो चुकी है.

बिलासपुर में स्वाइन फ्लू का कहर: बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से महिला मरीज की अस्पताल में मौत हो गई. स्वाइन फ्लू से मरीज की मौत होने पर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दो और मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं. स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद दोनों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. अकेले बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से पांच मरीजों की जान जा चुकी है. जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के 96 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी कर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. सीएएचओ ने गाइडलाइन जारी कर उसका पालन करने को कहा है.

कोरबा मेें डराने लगा डेंगू: कोरबा के मुड़ापार सहित कई इलाकों में डेंगू का कहर बढ़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अबतक 200 से ज्यादा डेंगू के मरीज प्रभावित इलाकों में मिल चुके हैं. बीते दिनों एक डेंगू मरीज की मौत भी हो चुकी है. जिस मरीज की मौत हुई है उसे बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर रेफर किया गया था. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हर दिन 1000 से ज्यादा मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. डेंगू प्रभावित इलाके के लोगों का आरोप है कि सही तरीके से दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. गंदगी और पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर बढ़ रहे हैं.

बलरामपुर में डायरिया का प्रकोप: बलरामपुर के ओबरी गांव में डायरिया के दर्जनभर मरीज मिले हैं. एक साथ डायरिया के इतने मरीज मिलने पर हड़कंप मच गया है. सभी मरीजों में उल्टी और दस्त की शिकायत है. गंभीर रुप से बीमार मरीजों को बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ओबरी गांव के लोगों का कहना है कि गंदा पानी पीने की वजह से डायरिया इलाके में फैला है. डायरिया के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब डोर टू डोर वाटर टेस्टिंग का काम और मरीजों की पहचान कर रही है. डॉक्टर लोगों पानी छानकर और उबालकर पीने की सलाह सभी लोगों को दे रहे हैं.

जगदलपुर उल्टी दस्त की शिकायत के बाद 30 बच्चे अस्पताल पहुंचे: जगदलपुर में छिंदवाड़ा आवासीय विद्यालय के 30 छात्र महारानी अस्पताल में भर्ती हैं. सभी बच्चों को पेद दर्द और उल्टी दस्त की शिकायत है. महारानी और डिमरापाल अस्पताल में भर्ती बच्चों को देखने के लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष किरण सिंह देव और कलेक्टर पहुंचे. बताया गया है कि सभी बच्चों ने खेल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. वहां मिले भोजन को खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी. बस्तर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. जिन बच्चों की तबीयत में सुधार है उनको घर भी भेज दिया गया है.

कोरिया में फ्लोराइड वाला पानी बना खतरा: कोरिया के पटना इलाके के डुमरिया गांव में फ्लोराइड वाला पानी लोगों को बीमार कर रहा है. लोगों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाके के हैंडपंप का पानी चेक किया है. जांच के दौरान पता चला है कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा काफी ज्यादा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दस सालों से वो यहां का पानी पी रहे हैं. लेकिन अब ये पानी उनको बीमार करने लगा है. जामपारा के 32 बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

3 साल में मलेरिया अपने चरम पर, डेंगू भी पसार रहा पांव तो स्वाइन फ्लू के भी 5 एक्टिव मरीज - Patients in Korba hospitals
डेंगू का हॉटस्पॉट बना कोरबा का मुड़ापार, 200 से ज्यादा मरीज मिले, घर घर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरु - Mudapar becomes dengue hotspot
बारिश के मौसम में घातक है मलेरिया, जानिए इस बीमारी से खुद को कैसे बचाएं ? - Malaria Disease

बिलासपुर/कोरबा/बलरामपुर/जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर लोगों पर टूट रहा है. बिलासपुर से लेकर जगदलपुर तक मरीज मौसमी बीमारियों की चपेट में आकर परेशान हैं. बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से 33 साल की महिला की मौत अस्पताल में हो गई. महिला को इलाज के लिए परिवारवालों ने भर्ती कराया था. बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने 2 और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है. कोरबा में तो डेंगू इस कदर फैला हुआ है कि यहां का रिहायशी इलाका मुड़ापार डेंगू का हॉटस्पॉट बन चुका है. बीते दिनों कोरबा के एक मरीज की डेंगू से बिलासपुर में मौत भी हो चुकी है.

बिलासपुर में स्वाइन फ्लू का कहर: बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से महिला मरीज की अस्पताल में मौत हो गई. स्वाइन फ्लू से मरीज की मौत होने पर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दो और मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं. स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद दोनों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. अकेले बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से पांच मरीजों की जान जा चुकी है. जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के 96 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी कर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. सीएएचओ ने गाइडलाइन जारी कर उसका पालन करने को कहा है.

कोरबा मेें डराने लगा डेंगू: कोरबा के मुड़ापार सहित कई इलाकों में डेंगू का कहर बढ़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अबतक 200 से ज्यादा डेंगू के मरीज प्रभावित इलाकों में मिल चुके हैं. बीते दिनों एक डेंगू मरीज की मौत भी हो चुकी है. जिस मरीज की मौत हुई है उसे बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर रेफर किया गया था. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हर दिन 1000 से ज्यादा मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. डेंगू प्रभावित इलाके के लोगों का आरोप है कि सही तरीके से दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. गंदगी और पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर बढ़ रहे हैं.

बलरामपुर में डायरिया का प्रकोप: बलरामपुर के ओबरी गांव में डायरिया के दर्जनभर मरीज मिले हैं. एक साथ डायरिया के इतने मरीज मिलने पर हड़कंप मच गया है. सभी मरीजों में उल्टी और दस्त की शिकायत है. गंभीर रुप से बीमार मरीजों को बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ओबरी गांव के लोगों का कहना है कि गंदा पानी पीने की वजह से डायरिया इलाके में फैला है. डायरिया के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब डोर टू डोर वाटर टेस्टिंग का काम और मरीजों की पहचान कर रही है. डॉक्टर लोगों पानी छानकर और उबालकर पीने की सलाह सभी लोगों को दे रहे हैं.

जगदलपुर उल्टी दस्त की शिकायत के बाद 30 बच्चे अस्पताल पहुंचे: जगदलपुर में छिंदवाड़ा आवासीय विद्यालय के 30 छात्र महारानी अस्पताल में भर्ती हैं. सभी बच्चों को पेद दर्द और उल्टी दस्त की शिकायत है. महारानी और डिमरापाल अस्पताल में भर्ती बच्चों को देखने के लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष किरण सिंह देव और कलेक्टर पहुंचे. बताया गया है कि सभी बच्चों ने खेल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. वहां मिले भोजन को खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी. बस्तर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. जिन बच्चों की तबीयत में सुधार है उनको घर भी भेज दिया गया है.

कोरिया में फ्लोराइड वाला पानी बना खतरा: कोरिया के पटना इलाके के डुमरिया गांव में फ्लोराइड वाला पानी लोगों को बीमार कर रहा है. लोगों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाके के हैंडपंप का पानी चेक किया है. जांच के दौरान पता चला है कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा काफी ज्यादा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दस सालों से वो यहां का पानी पी रहे हैं. लेकिन अब ये पानी उनको बीमार करने लगा है. जामपारा के 32 बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

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