देहरादून: रुद्रप्रयाग स्थित केदार घाटी में बीती 31 जुलाई की रात को बारिश से भारी तबाही मची. इस आपदा को 15 दिन पूरे हो चुके हैं. 16वें दिन भी केदार घाटी में लगातार शवों को ढूंढने के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग के सुधारीकरण का काम जारी है. केदारनाथ यात्रा में अभी तक 183 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 177 लोगों ने स्वास्थ्य खराब होने के कारण जान गंवाई जबकि, 6 लोग बीती 31 जुलाई को आई आपदा की वजह से मारे गए हैं.
रुद्रप्रयाग जनपद के प्रभारी सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। pic.twitter.com/2B1BgiLZtb
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) August 16, 2024
केदार घाटी में मिले 3 शव, गाजियाबाद के रहने वाले थे दो लोग: केदार घाटी में आई आपदा की वजह से मरने वालों की संख्या 6 पहुंच गई. इनमें से 3 शवों को शुरुआती सर्च एंड रेस्क्यू अभियान के दौरान बरामद कर लिया गया था तो वहीं 3 लोगों के शव 14 दिन बाद यानी 15 अगस्त को बरामद किए गए. बीती रोज बरामद हुए 3 शव में से दो लोग गाजियाबाद के रहने वाले थे. जबकि, एक शव की शिनाख्त किया जाना बाकी है.
आपदा प्रबंधन के पास लापता लोगों की सही जानकारी नहीं: केदार घाटी के ताजा हालातों के सवालों के जवाब में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक 29 जगहों पर बादल फटने की वजह से मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ. इस पैदल मार्ग पर 10 हजार से ज्यादा लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया गया तो वहीं अब तक यहां पर 6 लोगों का शव बरामद हुआ है.
वहीं, केदार घाटी में आपदा की रात कितने लोग भूस्खलन के जद में आए या मलबे के नीचे दबे या फिर बहे, इसका सही-सही आंकड़ा आपदा प्रबंधन विभाग के पास भी मौजूद नहीं है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद सुमन से जब पूछा गया कि कितने परिवारों ने अपने लोगों के लापता होने की शिकायत दी है, इस पर वो सही आंकड़ा नहीं दे पाए.
इसके अलावा गुमशुदगी की शिकायत के आंकड़े और उनको लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि अधिकांश लोग अपने घर पहुंच गए हैं, बहुत कम लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है और इनकी संख्या बताया जाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति यहां आया है उसको सकुशल ढूंढना हमारा काम है, वो काम लगातार जारी है.
केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग खुला, लेकिन अभी जोखिम बरकरार: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई की रात आई दैवीय आपदा के चलते केदार घाटी में गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक 29 जगहों पर मार्ग टूटा था. इनमें से ज्यादातर जगहों को दुरुस्त कर लिया गया है और अस्थायी तौर पर यहां आवाजाही की जा सकती है.
उन्होंने बताया कि तमाम अलग-अलग कार्यदायी संस्थाओं के 300 से ज्यादा लोग इस मार्ग को खोलने में लगे जुटे थे. हालांकि, आपदा प्रबंधन सचिव का ये भी कहना है कि अभी लगातार बारिश हो रही है. मार्ग अभी बिल्कुल सही तरह यानी स्थायी रूप से सही नहीं हुआ है. बरसात आने पर दोबारा टूट सकता है.
उन्होंने कहा कि यात्रियों से अपील की जा रही है कि वो खराब मौसम और बरसात के दौरान आगे ना बढ़ें. वहीं, उत्तराखंड एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा का कहना है कि उनकी टीम लगातार केदार घाटी में मार्ग खोलने और लापता लोगों की तलाश में लगी हुई है.
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