रुद्रप्रयाग: चोपता से देवरिया ताल ट्रेक पर निकले चार युवा तेज बारिश के चलते बीच रास्ते में फंस गए. इसकी सूचना एसडीआरएफ को मिली. टीम ने रात के अंधेरे में घने जंगल एवं दुर्गम रास्ते से होकर युवाओं का सकुशल रेस्क्यू किया. अगर समय पर इन युवकों का रेस्क्यू नहीं किया जाता, तो कोई अनहोनी हो सकती थी.
18 जून को बरेली निवासी अभय गौड़ (22), अतीव आहूजा (23), आर्यन पटानी (23) और मोनीष गौतम (23) ने पर्यटक स्थल चोपता से देवरिया ताल तक ट्रेकिंग करने का निर्णय लिया. वे गूगल मैप की सहायता से पहाड़ियों और जंगलों के बीच पगडंडियों पर चल पड़े. यात्रा के दौरान आधे रास्ते में पहुंचते ही अचानक तेज बारिश शुरू हो गई. उनका फोन भी पानी में गिर गया, जिससे डाउनलोड किए गए गूगल मैप्स बंद हो गए. ऐसे में वे रास्ता भटक गए. बढ़ते अंधेरे और बारिश ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया. उन्होंने अपनी स्थिति पुलिस से साझा की. पुलिस से सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में देवरियाताल के लिए रवाना हुई.
देवरिया ताल पहुंचने के बाद भी युवकों का पता नहीं चला. इसके बाद टीम देवरिया ताल से चोपता की ओर दूसरे मार्ग पर ट्रेकिंग शुरू कर दोबारा रेस्क्यू के लिए निकली. घने अंधेरे के बीच टीम ने टॉर्च जलाकर और मोबाइल फोन के माध्यम से संपर्क कर आवाज देकर चारों युवकों को ढूंढने का प्रयास किया. आखिरकार, काफी प्रयासों के बाद रात के ढाई बजे टीम ने उन्हें सुरक्षित रूप से खोज कर रेस्क्यू किया. भारी बारिश के कारण युवकों को चलने में मुश्किल हो रही थी. इस पर टीम ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने को लेकर अभियान शुरू किया.
आज बुधवार सुबह रेस्क्यू टीम उन्हें सुरक्षित सारी गांव तक लेकर पहुंची. अभय, अतीव, आर्यन और मोनीष गौतम ने उन्हें सकुशल रेस्क्यू करने पर एसडीआरएफ टीम का धन्यवाद दिया. घने जंगलों के बीच रात्रि में इस साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन में अगस्त्यमुनि पोस्ट के प्रभारी सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह, कांस्टेबल अनूप, कांस्टेबल मुकेश, कांस्टेबल धीरेंद्र, पैरामेडिक्स विनय और होमगार्ड अरुण शामिल रहे.
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