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सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर यूपी सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 8:55 PM IST

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई, संजय करोल और संदीप मेहता की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की. उल्लेखनीय है कि अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 20 नवंबर 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने और बंदूकें खरीदने में कथित अनियमितताओं के लिए 12 अक्टूबर, 2019 को मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अंसारी का शुरू में लखनऊ में जारी किया गया लाइसेंस 1 अक्टूबर, 2015 को अमान्य हो गया था. इसी लाइसेंस के आधार पर उसने 1 जून 2017 को नई दिल्ली में लाइसेंस जारी कराया और 7 हथियार खरीदे थे.

आरोप है कि अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी व अनुमति के धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया लिया. बता दें कि अब्बास अंसारी ने 2022 का विधानसभा चुनाव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर जीता. जो उस समय समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी. अब्बास अंसारी कई अन्य मामलों में जेल में बंद हैं.

इसे भी पढ़ें-शस्त्र लाइसेंस मामले में विधायक अब्बास अंसारी को राहत नहीं, एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज की याचिका

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई, संजय करोल और संदीप मेहता की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की. उल्लेखनीय है कि अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 20 नवंबर 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने और बंदूकें खरीदने में कथित अनियमितताओं के लिए 12 अक्टूबर, 2019 को मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अंसारी का शुरू में लखनऊ में जारी किया गया लाइसेंस 1 अक्टूबर, 2015 को अमान्य हो गया था. इसी लाइसेंस के आधार पर उसने 1 जून 2017 को नई दिल्ली में लाइसेंस जारी कराया और 7 हथियार खरीदे थे.

आरोप है कि अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी व अनुमति के धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया लिया. बता दें कि अब्बास अंसारी ने 2022 का विधानसभा चुनाव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर जीता. जो उस समय समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी. अब्बास अंसारी कई अन्य मामलों में जेल में बंद हैं.

इसे भी पढ़ें-शस्त्र लाइसेंस मामले में विधायक अब्बास अंसारी को राहत नहीं, एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज की याचिका

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