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78 वर्षीय महिला को डाक मतपत्र से वोट डालने की नहीं मिली इजाजत - SC refuses to entertain plea - SC REFUSES TO ENTERTAIN PLEA

SC refuses to entertain plea : सुप्रीम कोर्ट ने बिस्तर पर पड़ी 78 वर्षीय महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें मौजूदा लोकसभा चुनावों में डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने के लिए ईसीआई को निर्देश देने की मांग की गई थी.

SC refuses to entertain plea
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By IANS

Published : May 20, 2024, 10:46 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 78 वर्षीय बिस्तर पर पड़ी एक महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने 2024 के आम चुनावों में डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करने की मांग की थी.

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र में 7 मई को हुए ईवीएम मतदान के मद्देनजर याचिका निरर्थक हो गई है.

अधिवक्ता प्रणव सचदेवा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता दोनों घुटनों में गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित है. वह खड़े होने या चलने में असमर्थ है. वह पिछले 3 महीनों से बिस्तर पर है. उसको डाक मतपत्र से अपना वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए.

6 मई को पारित एक आदेश में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे की पीठ ने अंतरिम राहत के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि डाक मतपत्र जारी करने और संग्रह करने का काम 24 घंटे के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता.

विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश 'गलत' था, क्योंकि इसने बिस्तर पर पड़ी 78 वर्षीय याचिकाकर्ता को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया था.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 78 वर्षीय बिस्तर पर पड़ी एक महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने 2024 के आम चुनावों में डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करने की मांग की थी.

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र में 7 मई को हुए ईवीएम मतदान के मद्देनजर याचिका निरर्थक हो गई है.

अधिवक्ता प्रणव सचदेवा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता दोनों घुटनों में गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित है. वह खड़े होने या चलने में असमर्थ है. वह पिछले 3 महीनों से बिस्तर पर है. उसको डाक मतपत्र से अपना वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए.

6 मई को पारित एक आदेश में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे की पीठ ने अंतरिम राहत के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि डाक मतपत्र जारी करने और संग्रह करने का काम 24 घंटे के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता.

विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश 'गलत' था, क्योंकि इसने बिस्तर पर पड़ी 78 वर्षीय याचिकाकर्ता को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया था.

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