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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अस्थाना के खिलाफ जांच की याचिका खारिज की

SC refuses plea : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच की याचिका खारिज कर दी है. याचिका चंडीगढ़ के एक डेंटल डॉक्टर की ओर से दाखिल की गई थी.

SC refuses plea
सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 20, 2024, 2:57 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित एक डेंटल डॉक्टर की दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त राकेश अस्थाना पर मुकदमा चलाने की उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वराले की पीठ उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मोहित धवन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.' अनुच्छेद 136 विशेष अनुमति याचिकाओं की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की विवेकाधीन शक्तियों को संदर्भित करता है.

फरवरी 2021 में उच्च न्यायालय ने अस्थाना के खिलाफ उनकी शिकायत पर जांच करने और आपराधिक मुकदमा शुरू करने के लिए केंद्र, केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई को निर्देश देने की मांग करने वाली धवन की याचिका खारिज कर दी थी. उच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के पक्ष में याचिकाकर्ता पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत में धवन की याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने यह नहीं माना कि सीवीसी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अस्थाना के खिलाफ उनकी आपराधिक शिकायत को दबाकर अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने में विफल रहा.

याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने इस बात की सराहना नहीं की कि सीवीसी और सीबीआई दोनों याचिकाकर्ता द्वारा दायर आपराधिक शिकायतों पर निर्णय लेने में विफल रहे हैं.

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न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वराले की पीठ उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मोहित धवन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.' अनुच्छेद 136 विशेष अनुमति याचिकाओं की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की विवेकाधीन शक्तियों को संदर्भित करता है.

फरवरी 2021 में उच्च न्यायालय ने अस्थाना के खिलाफ उनकी शिकायत पर जांच करने और आपराधिक मुकदमा शुरू करने के लिए केंद्र, केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई को निर्देश देने की मांग करने वाली धवन की याचिका खारिज कर दी थी. उच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के पक्ष में याचिकाकर्ता पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत में धवन की याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने यह नहीं माना कि सीवीसी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अस्थाना के खिलाफ उनकी आपराधिक शिकायत को दबाकर अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने में विफल रहा.

याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने इस बात की सराहना नहीं की कि सीवीसी और सीबीआई दोनों याचिकाकर्ता द्वारा दायर आपराधिक शिकायतों पर निर्णय लेने में विफल रहे हैं.

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