ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी सीएम की नियुक्ति की प्रथा पर सवाल उठाने वाली याचिका को किया खारिज - SC junks plea

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका खारिज करते हुए कहा कि किसी राज्य में उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति असंवैधानिक नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

SC junks plea questioning the practice of appointing deputy CMs
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी सीएम की नियुक्ति की प्रथा पर सवाल उठाने वाली याचिका को किया खारिज
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2024, 12:39 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा पर सवाल उठाने वाली याचिका खारिज कर दी. बता दें, विभिन्न राज्यों में उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि संविधान के तहत कोई प्रविधान नहीं होने के बावजूद अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई है. संविधान के अनुच्छेद 164 में केवल मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति का प्रविधान है.

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री के लिए कोई पद निर्धारित नहीं है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह एक गलत उदाहरण स्थापित करता है और ऐसी नियुक्ति करने के आधार पर सवाल उठाता है. इस याचिका पर कोर्ट ने आज बड़ी बात कहीं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने केंद्र सरकार के खिलाफ सार्वजनिक राजनीतिक दल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में राज्यों में उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की प्रथा पर सवाल उठाया गया है. जनहित याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'एक डिप्टी सीएम एक विधायक और एक मंत्री होता है और इस प्रकार, यह पद किसी भी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है.' इसमें कहा गया कि अगर आप किसी को डिप्टी सीएम भी कहते हैं, तो भी यह एक मंत्री का संदर्भ है.

याचिकाकर्ता पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि विभिन्न राज्यों में डिप्टी सीएम की नियुक्ति करके अधिकारी गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं, डिप्टी सीएम की नियुक्ति का आधार क्या है? यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने की मांग की कि यह एससी संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश और आदेश पारित करें.

बता दें, उपमुख्यमंत्रियों को अक्सर राज्य के मुख्यमंत्री की सहायता के लिए और मंत्रिमंडल में गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं को समायोजित करने के लिए नियुक्त किया जाता है. कुछ राज्यों में एक से अधिक उपमुख्यमंत्री हैं जबकि कुछ में एक भी नहीं है. आंध्र प्रदेश में पांच हैं - किसी भी भारतीय राज्य में सबसे अधिक है.

ये भी पढ़ें-

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लिए SC, ST में वर्गीकरण करने के राज्य संबंधी अधिकार पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने बिना अनुमति दूसरी शादी करने पर कांस्टेबल को सेवा से हटाने को सही ठहराया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा पर सवाल उठाने वाली याचिका खारिज कर दी. बता दें, विभिन्न राज्यों में उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि संविधान के तहत कोई प्रविधान नहीं होने के बावजूद अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई है. संविधान के अनुच्छेद 164 में केवल मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति का प्रविधान है.

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री के लिए कोई पद निर्धारित नहीं है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह एक गलत उदाहरण स्थापित करता है और ऐसी नियुक्ति करने के आधार पर सवाल उठाता है. इस याचिका पर कोर्ट ने आज बड़ी बात कहीं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने केंद्र सरकार के खिलाफ सार्वजनिक राजनीतिक दल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में राज्यों में उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की प्रथा पर सवाल उठाया गया है. जनहित याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'एक डिप्टी सीएम एक विधायक और एक मंत्री होता है और इस प्रकार, यह पद किसी भी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है.' इसमें कहा गया कि अगर आप किसी को डिप्टी सीएम भी कहते हैं, तो भी यह एक मंत्री का संदर्भ है.

याचिकाकर्ता पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि विभिन्न राज्यों में डिप्टी सीएम की नियुक्ति करके अधिकारी गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं, डिप्टी सीएम की नियुक्ति का आधार क्या है? यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने की मांग की कि यह एससी संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश और आदेश पारित करें.

बता दें, उपमुख्यमंत्रियों को अक्सर राज्य के मुख्यमंत्री की सहायता के लिए और मंत्रिमंडल में गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं को समायोजित करने के लिए नियुक्त किया जाता है. कुछ राज्यों में एक से अधिक उपमुख्यमंत्री हैं जबकि कुछ में एक भी नहीं है. आंध्र प्रदेश में पांच हैं - किसी भी भारतीय राज्य में सबसे अधिक है.

ये भी पढ़ें-

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लिए SC, ST में वर्गीकरण करने के राज्य संबंधी अधिकार पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने बिना अनुमति दूसरी शादी करने पर कांस्टेबल को सेवा से हटाने को सही ठहराया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.