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'मांस खाते थे सावरकर, गोहत्या का नहीं किया विरोध', दिनेश गुंडू राव के बयान पर विवाद - Dinesh Gundu Rao

Vinayak Damodar Savarkar: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा है कि कुछ लोगों ने कहा कि वह गोमांस खाते थे और वह खुलेआम गोमांस खाने का प्रचार कर रहे थे, इसलिए यह सोच अलग है.

दिनेश गुंडू राव
दिनेश गुंडू राव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2024, 4:26 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 4:33 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यह दावा करके बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है कि विनायक दामोदर सावरकर गोहत्या के खिलाफ नहीं थे, क्योंकि वह स्वयं मांसाहारी थे. राव ने बुधवार को कहा कि सावरकर की कट्टरपंथी विचारधारा भारतीय संस्कृति से बहुत अलग थी, भले ही वह एक राष्ट्रवादी थे और देश में सावरकर के तर्क की नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के तर्क की जीत होनी चाहिए.

पत्रकार धीरेन्द्र के झा की पुस्तक 'गांधीज एसैसिन: द मेकिंग ऑफ नाथूराम गोडसे एंड हिज आइडिया ऑफ इंडिया' के कन्नड़ वर्जन के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए राव ने कहा, "अगर हम चर्चा के माध्यम से यह कहें कि सावरकर जीतते हैं, तो यह सही नहीं है, वह मांसाहारी थे और वह गोहत्या के विरुद्ध नहीं थे. वह एक चितपावन ब्राह्मण थे.

उन्होंने कहा कि सावरकर आधुनिकतावादी थे, लेकिन उनकी मौलिक सोच अलग थी. कुछ लोगों ने कहा कि वह गोहत्या खाते थे और वह खुलेआम गोहत्या खाने का प्रचार कर रहे थे, इसलिए यह सोच अलग है. हालांकि, गांधीजी हिंदू धर्म में बहुत विश्वास रखते थे और उसमें रूढ़िवादी थे, लेकिन उनके कार्य अलग थे क्योंकि वह उस तरह से लोकतांत्रिक थे.

'सूअर का मांस खाते थे जिन्ना'
राव ने मुहम्मद अली जिन्ना पर भी निशाना साधा और कहा कि जिन्ना इस्लामी आस्तिक होने के बावजूद सूअर का मांस खाते थे. उन्होंने यह भी कहा कि जिन्ना कट्टरपंथी नहीं थे और वे सिर्फ सरकार में उच्च पद पर बने रहना चाहते थे और उन्होंने एक अलग राष्ट्र की मांग भी की.

उन्होंने दोहराया कि आरएसएस, हिंदू महासभा और अन्य दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और इन्हें समझने के लिए लोगों को सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है.

'जिन्ना PM बनना चाहते थे'
गुंडू राव ने कहा, "जिन्ना भी कट्टर इस्लाम के अनुयायी थे, लेकिन वे सूअर का मांस खाते थे. जैसा कि लोग कहते हैं, इनोवेशन थ्योरी के बाद जिन्ना कट्टरपंथी नहीं थे, वे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनना चाहते थे और एक अलग देश चाहते थे. इसलिए उन्होंने धर्मनिरपेक्षता का पालन किया. हालांकि, सावरकर ऐसे नहीं थे.

आरएसएस, हिंदू महासभा और अन्य दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका जवाब हमें उनके कट्टरवाद को कम करके देना होगा। राजनीतिक और सामाजिक रूप से, लोगों को पुरस्कृत करना और उन्हें समझाना महत्वपूर्ण है. हम उन्हें ऐसे ही नहीं हरा सकते. सभी परंपराओं में लोग कट्टरपंथी नहीं होते हैं."

मंत्री राव महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर जागृता कर्नाटक और अहर्निश प्रकाशन द्वारा आयोजित "गांधी के हत्यारे: नाथूराम गोडसे और उनके भारत के विचार" के कन्नड़ वर्जन की पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. इस पुस्तक का ट्रांसलेशन कॉलमनिस्ट ए नारायण और पत्रकार मनोज कुमार गुड्डी ने किया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुंडू राव ने कहा कि पुस्तक नाथूराम गोडसे की मानसिकता का डॉक्यूमेंटेशन करती है और बताती है कि कैसे सावरकर ने गोडसे की सोच को प्रभावित किया. उन्होंने एक्स की पोस्ट में कहा, "पुस्तक महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की मानसिकता और उस दुखद क्षण के आसपास की घटनाओं का एक अच्छी तरह से प्रलेखित विवरण प्रस्तुत करती है. यह यह भी बताती है कि सावरकर ने गोडसे की सोच को कैसे प्रभावित किया. लोकतंत्र में गांधीजी का विश्वास सावरकर की विचारधारा के बढ़ते प्रभाव और आज कट्टरवाद की बढ़ती लहर का एक शक्तिशाली प्रतिकार है."

बीजेपी का पलटवार
सावरकर की विचारधारा पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के बयान और चितपावन ब्राह्मण होने के बावजूद उनके गोमांस खाने के दावों के बाद, सावरकर के पोते और साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार को राव और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर को बदनाम करना कांग्रेस की रणनीति थी, खासकर तब जब चुनाव नजदीक हों.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए हिंदू समाज को अलग-अलग जातियों में बांटना चाहती थी और यह अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति थी. रंजीत सावरकर ने यह भी कहा कि वीर सावरकर के गोमांस खाने के दावे झूठे हैं और वह गुंडू राय के बयान के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर करेंगे.

संजय निरूपम की कांग्रेस को धमकी
वहीं, इस संबंध में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के नेता संजय निरूपम ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि वह सावरकार का अपमान करना बंद करे. महाराष्ट्र के लोग उनसे बेहद प्यार करती है और अगर कांग्रेस इससे बाज नहीं आएगी तो महाराष्ट्र के लोग उसे जमीन के अंदर गाड़ देंगे.

यह भी पढ़ें- 'जाति विशेष से सफाईकर्मियों का चयन मौलिक समानता के खिलाफ', सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भेदभाव की निंदा की

बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यह दावा करके बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है कि विनायक दामोदर सावरकर गोहत्या के खिलाफ नहीं थे, क्योंकि वह स्वयं मांसाहारी थे. राव ने बुधवार को कहा कि सावरकर की कट्टरपंथी विचारधारा भारतीय संस्कृति से बहुत अलग थी, भले ही वह एक राष्ट्रवादी थे और देश में सावरकर के तर्क की नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के तर्क की जीत होनी चाहिए.

पत्रकार धीरेन्द्र के झा की पुस्तक 'गांधीज एसैसिन: द मेकिंग ऑफ नाथूराम गोडसे एंड हिज आइडिया ऑफ इंडिया' के कन्नड़ वर्जन के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए राव ने कहा, "अगर हम चर्चा के माध्यम से यह कहें कि सावरकर जीतते हैं, तो यह सही नहीं है, वह मांसाहारी थे और वह गोहत्या के विरुद्ध नहीं थे. वह एक चितपावन ब्राह्मण थे.

उन्होंने कहा कि सावरकर आधुनिकतावादी थे, लेकिन उनकी मौलिक सोच अलग थी. कुछ लोगों ने कहा कि वह गोहत्या खाते थे और वह खुलेआम गोहत्या खाने का प्रचार कर रहे थे, इसलिए यह सोच अलग है. हालांकि, गांधीजी हिंदू धर्म में बहुत विश्वास रखते थे और उसमें रूढ़िवादी थे, लेकिन उनके कार्य अलग थे क्योंकि वह उस तरह से लोकतांत्रिक थे.

'सूअर का मांस खाते थे जिन्ना'
राव ने मुहम्मद अली जिन्ना पर भी निशाना साधा और कहा कि जिन्ना इस्लामी आस्तिक होने के बावजूद सूअर का मांस खाते थे. उन्होंने यह भी कहा कि जिन्ना कट्टरपंथी नहीं थे और वे सिर्फ सरकार में उच्च पद पर बने रहना चाहते थे और उन्होंने एक अलग राष्ट्र की मांग भी की.

उन्होंने दोहराया कि आरएसएस, हिंदू महासभा और अन्य दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और इन्हें समझने के लिए लोगों को सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है.

'जिन्ना PM बनना चाहते थे'
गुंडू राव ने कहा, "जिन्ना भी कट्टर इस्लाम के अनुयायी थे, लेकिन वे सूअर का मांस खाते थे. जैसा कि लोग कहते हैं, इनोवेशन थ्योरी के बाद जिन्ना कट्टरपंथी नहीं थे, वे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनना चाहते थे और एक अलग देश चाहते थे. इसलिए उन्होंने धर्मनिरपेक्षता का पालन किया. हालांकि, सावरकर ऐसे नहीं थे.

आरएसएस, हिंदू महासभा और अन्य दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका जवाब हमें उनके कट्टरवाद को कम करके देना होगा। राजनीतिक और सामाजिक रूप से, लोगों को पुरस्कृत करना और उन्हें समझाना महत्वपूर्ण है. हम उन्हें ऐसे ही नहीं हरा सकते. सभी परंपराओं में लोग कट्टरपंथी नहीं होते हैं."

मंत्री राव महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर जागृता कर्नाटक और अहर्निश प्रकाशन द्वारा आयोजित "गांधी के हत्यारे: नाथूराम गोडसे और उनके भारत के विचार" के कन्नड़ वर्जन की पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. इस पुस्तक का ट्रांसलेशन कॉलमनिस्ट ए नारायण और पत्रकार मनोज कुमार गुड्डी ने किया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुंडू राव ने कहा कि पुस्तक नाथूराम गोडसे की मानसिकता का डॉक्यूमेंटेशन करती है और बताती है कि कैसे सावरकर ने गोडसे की सोच को प्रभावित किया. उन्होंने एक्स की पोस्ट में कहा, "पुस्तक महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की मानसिकता और उस दुखद क्षण के आसपास की घटनाओं का एक अच्छी तरह से प्रलेखित विवरण प्रस्तुत करती है. यह यह भी बताती है कि सावरकर ने गोडसे की सोच को कैसे प्रभावित किया. लोकतंत्र में गांधीजी का विश्वास सावरकर की विचारधारा के बढ़ते प्रभाव और आज कट्टरवाद की बढ़ती लहर का एक शक्तिशाली प्रतिकार है."

बीजेपी का पलटवार
सावरकर की विचारधारा पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के बयान और चितपावन ब्राह्मण होने के बावजूद उनके गोमांस खाने के दावों के बाद, सावरकर के पोते और साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार को राव और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर को बदनाम करना कांग्रेस की रणनीति थी, खासकर तब जब चुनाव नजदीक हों.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए हिंदू समाज को अलग-अलग जातियों में बांटना चाहती थी और यह अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति थी. रंजीत सावरकर ने यह भी कहा कि वीर सावरकर के गोमांस खाने के दावे झूठे हैं और वह गुंडू राय के बयान के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर करेंगे.

संजय निरूपम की कांग्रेस को धमकी
वहीं, इस संबंध में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के नेता संजय निरूपम ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि वह सावरकार का अपमान करना बंद करे. महाराष्ट्र के लोग उनसे बेहद प्यार करती है और अगर कांग्रेस इससे बाज नहीं आएगी तो महाराष्ट्र के लोग उसे जमीन के अंदर गाड़ देंगे.

यह भी पढ़ें- 'जाति विशेष से सफाईकर्मियों का चयन मौलिक समानता के खिलाफ', सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भेदभाव की निंदा की

Last Updated : Oct 3, 2024, 4:33 PM IST
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