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सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीसीटीवी कैमरा लगाने में करोड़ो रिश्वत लेने का आरोप, LG ने मामले की जांच की सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी - Satyendra Jain accused taking bribe

LG approves investigation new case on satyendra jain: मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन अब एक और आरोप लगा है. सत्येंद्र जैन पर 70 विधानसभाओं में 571 करोड़ की लागत से सीसीटीवी लगाने में रिश्वत लेने का आरोप है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसकी जांच कराने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 6, 2024, 6:37 PM IST

सत्येंद्र जैन के खिलाफ अब सीसीटीवी कैमरा लगाने में करोड़ो रिश्वत लेने का आरोप
सत्येंद्र जैन के खिलाफ अब सीसीटीवी कैमरा लगाने में करोड़ो रिश्वत लेने का आरोप (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. उपराज्यपाल ने दिल्ली की 70 विधानसभाओं में 571 करोड़ की लागत से सीसीटीवी लगाने में भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए इसकी जांच कराने को मंजूरी दे दी है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसकी जांच कराने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है.

उपराज्यपाल ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच और उस पर सतर्कता निदेशालय द्वारा आगे की कार्रवाई की मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है. आरोप है कि पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री रहने के दौरान सत्येंद्र जैन ने सीसीटीवी लगाने वाली कंपनी से जुर्माना माफ करने के एवज में रिश्वत ली थी. दिल्ली में लगाए जाने वाले 1.4 लाख सीसीटीवी में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) पर पहले मंत्री के आदेश पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, फिर जुर्माने को माफ करने के लिए रिश्वत ली गई.

मामले की जांच में पाया गया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लिया गया. बता दें दिल्ली सरकार ने सभी 70 विधानसभा में दो-दो हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का ठेका इस कंपनी को दिया था. दिल्ली सरकार के तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह मामला सितंबर 2019 में बीईएल के एक कर्मचारी की शिकायत के बाद सामने आया था. जिसने आरोप लगाया कि बीईएल ने अपने विक्रेताओं के माध्यम से सत्येंद्र जैन के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत की व्यवस्था की.

ये भी पढ़ें : सत्येंद्र जैन के खिलाफ होगी CBI जांच, दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना ने दिया आदेश

रिकॉर्ड के अनुसार, शिकायत के अलावा, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने गुप्त स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त की. जिससे शिकायतकर्ता के मामले की पुष्टि हुई थी. सत्येंद्र जैन को रिश्वत की रकम कथित तौर पर बीईएल के विक्रेताओं के माध्यम से दी गई थी. एसीबी द्वारा प्रदान की गई जानकारी और मामले में शामिल आरोपों और भ्रष्टाचार की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, यह सिफारिश की गई. एसीबी ने शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था, जिसे मामले के संबंध में विभागीय जांच (डीई) का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में गड़बड़ी: PWD के दो इंजीनियर निलंबित, 5 के खिलाफ कार्रवाई शुरू -

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. उपराज्यपाल ने दिल्ली की 70 विधानसभाओं में 571 करोड़ की लागत से सीसीटीवी लगाने में भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए इसकी जांच कराने को मंजूरी दे दी है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसकी जांच कराने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है.

उपराज्यपाल ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच और उस पर सतर्कता निदेशालय द्वारा आगे की कार्रवाई की मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है. आरोप है कि पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री रहने के दौरान सत्येंद्र जैन ने सीसीटीवी लगाने वाली कंपनी से जुर्माना माफ करने के एवज में रिश्वत ली थी. दिल्ली में लगाए जाने वाले 1.4 लाख सीसीटीवी में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) पर पहले मंत्री के आदेश पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, फिर जुर्माने को माफ करने के लिए रिश्वत ली गई.

मामले की जांच में पाया गया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लिया गया. बता दें दिल्ली सरकार ने सभी 70 विधानसभा में दो-दो हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का ठेका इस कंपनी को दिया था. दिल्ली सरकार के तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह मामला सितंबर 2019 में बीईएल के एक कर्मचारी की शिकायत के बाद सामने आया था. जिसने आरोप लगाया कि बीईएल ने अपने विक्रेताओं के माध्यम से सत्येंद्र जैन के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत की व्यवस्था की.

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रिकॉर्ड के अनुसार, शिकायत के अलावा, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने गुप्त स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त की. जिससे शिकायतकर्ता के मामले की पुष्टि हुई थी. सत्येंद्र जैन को रिश्वत की रकम कथित तौर पर बीईएल के विक्रेताओं के माध्यम से दी गई थी. एसीबी द्वारा प्रदान की गई जानकारी और मामले में शामिल आरोपों और भ्रष्टाचार की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, यह सिफारिश की गई. एसीबी ने शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था, जिसे मामले के संबंध में विभागीय जांच (डीई) का सामना करना पड़ा था.

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