देहरादून: देश में हुए लोकसभा चुनाव में इस बार कई ऐसे चेहरे भी हार गए, जिनकी उम्मीद शायद ही हारने की कोई कर रहा था. कई ऐसे चेहरे भी हैं जो कभी नहीं जीते, लेकिन इन चुनाव में उनकी किस्मत का दरवाजा खुल गया. 2019 के मुकाबले 2024 में कांग्रेस का देशभर में अच्छा प्रदर्शन रहा. कांग्रेस के तमाम सांसदों में से एक सांसद ऐसे भी हैं, जिन्होंने पार्टी और जनता के बीच रहकर काम तो हरिद्वार में किया, लेकिन उसका परिणाम उन्हें हरिद्वार में ना मिलकर हरियाणा में मिला है.
कांग्रेस में सतपाल ब्रह्मचारी का जलवा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व में कई चुनाव हार चुके सतपाल ब्रह्मचारी उत्तराखंड की राजनीति और खासकर हरिद्वार की राजनीति में जाना माना चेहरा रहे हैं. उन्होंने कई चुनाव लड़े, लेकिन एक नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतने के अलावा उनकी झोली में कोई बड़ी जीत नहीं रही. इस बार उन्हें जबरदस्ती भूपेंद्र हुड्डा ने बुलाकर हरियाणा से चुनाव लड़ने के लिए कहा. कमाल की बात देखिए कि हरिद्वार में सक्रिय रूप से राजनीति करने वाले सतपाल ब्रह्मचारी, हरियाणा के सोनीपत जाकर कांग्रेस के लिए किला फतह कर आए.
कर्म हरिद्वार में फल हरियाणा में: कैसे सतपाल ब्रह्मचारी ने हरिद्वार से कई किलोमीटर दूर जाकर जीत दर्ज की और कैसे मिला उन्हें टिकट, यह सब आपको बताएं उससे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिरकार सतपाल ब्रह्मचारी हैं कौन? सतपाल ब्रह्मचारी वैसे तो मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि बीते कई सालों से हरिद्वार ही रही है. हरिद्वार में वह संत समाज में एक जाना माना नाम हैं. उनके हरिद्वार में आश्रम भी हैं. हरियाणा के तमाम बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र हुड्डा से उनके बेहद नजदीकी संबंध हैं.
इससे पहले सिर्फ नगर पालिका का चुनाव जीते थे: हरिद्वार में सतपाल ब्रह्मचारी साल 2003 में नगर पालिका का चुनाव लड़े. इस चुनाव में वो बड़े मार्जिन से जीत गए. इससे उनकी महत्वाकांक्षा बढ़ी और उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की ठानी. 2012 में हरिद्वार से विधानसभा का चुनाव लड़े. लेकिन हरिद्वार की जनता ने उन्हें नकार दिया. 2022 में सतपाल ब्रह्मचारी ने फिर से विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई. लेकिन इस बार भी 2012 वाला ही परिणाम रहा. हालांकि उनके लिए राहत की बात ये थी कि वो प्रदेश में सबसे कम मार्जिन से हारने वाले उम्मीदवार थे. सतपाल ब्रह्मचारी पूर्व में उत्तराखंड कांग्रेस में प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं. नारायण दत्त तिवारी सरकार में बदरी केदार मंदिर समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य भी रह चुके हैं. मौजूदा समय में सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार शहर के जिला अध्यक्ष का पदभार संभाल रहे थे.
मुझे नहीं मालूम ये सब कब हो गया: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सतपाल ब्रह्मचारी कहते हैं कि मुझे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ हो जाएगा. क्योंकि हरिद्वार के लोकसभा चुनाव में वह पूरी तरह से कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे. उत्तराखंड में जैसे ही मतदान हुए, वैसे ही वह अपनी दिनचर्या के अनुसार लोगों के बीच और अपने आश्रम तक सीमित थे. अचानक से उन्हें पार्टी के एक नेता ने हरियाणा बुलाया और चुनाव लड़ने की बात की. चूंकि मेरी कर्मभूमि भले ही हरिद्वार है, लेकिन उतना ही अधिकार मेरा हरियाणा पर भी है. मेरा जन्म स्थान, मेरा परिवार आज भी हरियाणा में ही है. लिहाजा अगले ही दिन टिकट मिला और उसके अगले दिन चुनाव प्रचार में व्यस्त हो गए. यह सोचने और समझने का मौका ही नहीं मिला कि आखिरकार यह सब हो क्या रहा है. सब कुछ इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि किसी को इस बात की ना तो खबर लगी और ना ही कोई विश्वास कर रहा था. मैंने अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ-साथ मेरे तमाम समर्थकों ने मेरे साथ कंधे से करना मिलकर यह चुनाव लड़ा और उसके परिणाम आप सबके सामने है.
जानकर बोले कांग्रेस में अच्छी जगह बना लेंगे सतपाल: राजनीति विश्लेषक सुनील दत्त पांडे कहते हैं सतपाल ब्रह्मचारी का हरिद्वार से ना जीतना और हरियाणा से जीतना यह उनकी किस्मत का खेल बताता है. जो व्यक्ति हरिद्वार शहर में विधायक नहीं बन पाया, जबकि 24 घंटे वह हरिद्वार में ही कांग्रेस और जनता के लिए काम कर रहे थे. लेकिन हरियाणा में अचानक जाकर बीजेपी के गढ़ में जीत दर्ज करना यह किसी चमत्कार से काम नहीं लगता. वो कहते हैं कि कांग्रेस में मौजूदा समय में यह लगता है कि सतपाल ब्रह्मचारी एक बड़ा चेहरा बनकर उभर सकते हैं. क्योंकि संत समाज से आने वाले एक प्रमुख नेता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम इन दिनों पार्टी में नहीं हैं. पूरे चुनावी माहौल में उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही बयानबाजी की है. ऐसे में सफेद वस्त्र धारी सतपाल ब्रह्मचारी आचार्य प्रमोद कृष्णम की कमी को पूरा करेंगे. एक ब्राह्मण चेहरा होने के साथ ही पार्टी को हरियाणा और उत्तराखंड में भी मजबूत करेंगे. पार्टी आगे किस तरह की जिम्मेदारी देगी, यह तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि फिलहाल वह कांग्रेस में एक बड़ा चेहरा जरूर बन गए हैं.
पहली बार बना कोई जींद से कांग्रेस का सांसद: पूरे चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी के साथ कैंपेन संभाले हुए कांग्रेस नेता राजेश पहलवान कहते हैं सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत लोकसभा से जब चुनावी मैदान में आए तो उनके जन समर्थन की जो भीड़ थी वह यह बता रही थी कि हरिद्वार में अधिक समय बिताने के बावजूद भी उन्होंने अपनी विधानसभा और आसपास में अपनी पकड़ किस कदर बनाई है. इस बार बीजेपी के खिलाफ माहौल भी था.
राजेश पहलवान कहते हैं जनता को कांग्रेस से और सतपाल ब्रह्मचारी से बेहद उम्मीद हैं. हम इस उम्मीद पर खरे उतरेंगे. उन्होंने यह बताया है कि न सिर्फ लोकसभा बल्कि आने वाले दिनों में जो विधानसभा चुनाव होने हैं, उसमें भी कांग्रेस इस पूरे क्षेत्र से जीतकर राज्य में सरकार बनाएगी. इसमें बड़ी भूमिका सतपाल ब्रह्मचारी की भी होगी.
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