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ओडिशा: राजघराने की बहू संगीता कुमारी फिर चुनाव मैदान में, राजस्थान से है ये खास रिश्ता - Sangeeta Kumari Singh Deo - SANGEETA KUMARI SINGH DEO

Sangeeta Kumari Singh Deo: संगीता कुमारी सिंह देव ने 1998 में पहली बार बोलंगीर से लोकसभा चुनाव लड़ा और संसद पहुंचीं. इसके बाद वह 1999 और 2004 में भी बोलंगीर से सांसद चुनी गईं. पढ़ें पूरी खबर...

Sangeeta Kumari Singh Deo
संगीता कुमारी सिंह देव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 4, 2024, 6:25 PM IST

Updated : Apr 4, 2024, 8:58 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव में ओडिशा की बोलंगीर सीट इस बार भी चर्चा में है. इसकी वजह है- राजघराने की बहू संगीता कुमारी सिंह देव. भाजपा ने मौजूदा सांसद संगीता कुमारी को फिर से बोलंगीर से उम्मीदवार बनाया है. संगीता इस सीट से चार बार सांसद निर्वाचित हो चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह 19,516 वोटों के अंतर से जीती थीं और उन्हें 4,98,086 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेडी उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव को 4,78,570 वोट मिले थे. पिछले चुनाव में जीत का अंतर बहुत कम होने के बावजूद भाजपा ने फिर से उन पर भरोसा जताया है.

संगीता कुमारी का संबंध ओडिशा के पूर्व पटनागढ़-बलांगीर राजघराने से है. 3 दिसंबर 1961 को राजस्थान के राजपूत परिवार में जन्मीं संगीता के पिता अमर सिंह आईपीएस अधिकारी थे. मध्यम वर्गीय परिवेश में पली-बढ़ीं संगीता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की. वर्ष 1985 में संगीता की शादी पटनागढ़-बोलंगीर के पूर्व महाराजा राज सिंह देव के बेटे कनकवर्धन सिंह देव से हुई थी. वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं.

1998 में बोलंगीर से पहली बार सांसद चुनी गईं
कनकवर्धन के दादा राजेंद्र नारायण सिंह देव ओडिशा के मुख्यमंत्री थे और पिता दो बार सांसद रह चुके हैं. इस कारण संगीता भी राजनीति में उतरीं और 1998 में पहली बार बोलंगीर से लोकसभा चुनाव लड़ा और संसद पहुंचीं. इसके बाद वह 1999 और 2004 में भी बोलंगीर से सांसद चुनी गईं. हालांकि, 2009 और फिर 2014 के चुनाव में उन्हें अपने ही परिवार के सदस्य और बीजू जनता दल के उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव से हार का सामना करना पड़ा. संगीता 2009 के लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थीं.

सदन में उपस्थिति को लेकर बटोरी चर्चा
भाजपा सांसद संगीता कुमारी सदन में उपस्थिति को लेकर भी चर्चा बटोरी. निवर्तमान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 92 फीसदी रही. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में संगीता ने सदन में 502 सवाल पूछे. वह 49 बहसों में भाग लिया. लोकसभा के कुल 15 सत्रों में से पांच में उनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही. संगीता कुमारी का प्रदर्शन ए प्लस रहा.

महिलाओं के मुद्दों पर मुखर
संगीता कुमारी महिलाओं के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाती रही हैं. वह संसद में महिला मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं. आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि, ऑफिस में महिलाओं के काम के घंटे और अन्य मुद्दों पर उन्होंने अपना पक्ष रखा.

2014 के चुनाव नतीजे
2014 के लोकसभा चुनाव में बोलंगीर से बीजेडी उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव 1,04,299 मतों के अंतर से जीते थे. कलिकेश को कुल 4,53,519 वोट मिले थे. भाजपा उम्मीदवार संगीता कुमारी सिंह देव 3,49,220 हासिल कर दूसरे स्थान पर रही थीं. वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार शरत पटनायक को 2,77,616 मतदाताओं ने वोट दिया था.

यह भी पढ़ें- वायनाड लोकसभा चुनाव: क्या सीपीआई और भाजपा बिगाड़ देगी राहुल गांधी का खेल

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव में ओडिशा की बोलंगीर सीट इस बार भी चर्चा में है. इसकी वजह है- राजघराने की बहू संगीता कुमारी सिंह देव. भाजपा ने मौजूदा सांसद संगीता कुमारी को फिर से बोलंगीर से उम्मीदवार बनाया है. संगीता इस सीट से चार बार सांसद निर्वाचित हो चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह 19,516 वोटों के अंतर से जीती थीं और उन्हें 4,98,086 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेडी उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव को 4,78,570 वोट मिले थे. पिछले चुनाव में जीत का अंतर बहुत कम होने के बावजूद भाजपा ने फिर से उन पर भरोसा जताया है.

संगीता कुमारी का संबंध ओडिशा के पूर्व पटनागढ़-बलांगीर राजघराने से है. 3 दिसंबर 1961 को राजस्थान के राजपूत परिवार में जन्मीं संगीता के पिता अमर सिंह आईपीएस अधिकारी थे. मध्यम वर्गीय परिवेश में पली-बढ़ीं संगीता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की. वर्ष 1985 में संगीता की शादी पटनागढ़-बोलंगीर के पूर्व महाराजा राज सिंह देव के बेटे कनकवर्धन सिंह देव से हुई थी. वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं.

1998 में बोलंगीर से पहली बार सांसद चुनी गईं
कनकवर्धन के दादा राजेंद्र नारायण सिंह देव ओडिशा के मुख्यमंत्री थे और पिता दो बार सांसद रह चुके हैं. इस कारण संगीता भी राजनीति में उतरीं और 1998 में पहली बार बोलंगीर से लोकसभा चुनाव लड़ा और संसद पहुंचीं. इसके बाद वह 1999 और 2004 में भी बोलंगीर से सांसद चुनी गईं. हालांकि, 2009 और फिर 2014 के चुनाव में उन्हें अपने ही परिवार के सदस्य और बीजू जनता दल के उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव से हार का सामना करना पड़ा. संगीता 2009 के लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थीं.

सदन में उपस्थिति को लेकर बटोरी चर्चा
भाजपा सांसद संगीता कुमारी सदन में उपस्थिति को लेकर भी चर्चा बटोरी. निवर्तमान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 92 फीसदी रही. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में संगीता ने सदन में 502 सवाल पूछे. वह 49 बहसों में भाग लिया. लोकसभा के कुल 15 सत्रों में से पांच में उनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही. संगीता कुमारी का प्रदर्शन ए प्लस रहा.

महिलाओं के मुद्दों पर मुखर
संगीता कुमारी महिलाओं के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाती रही हैं. वह संसद में महिला मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं. आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि, ऑफिस में महिलाओं के काम के घंटे और अन्य मुद्दों पर उन्होंने अपना पक्ष रखा.

2014 के चुनाव नतीजे
2014 के लोकसभा चुनाव में बोलंगीर से बीजेडी उम्मीदवार कलिकेश नारायण सिंह देव 1,04,299 मतों के अंतर से जीते थे. कलिकेश को कुल 4,53,519 वोट मिले थे. भाजपा उम्मीदवार संगीता कुमारी सिंह देव 3,49,220 हासिल कर दूसरे स्थान पर रही थीं. वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार शरत पटनायक को 2,77,616 मतदाताओं ने वोट दिया था.

यह भी पढ़ें- वायनाड लोकसभा चुनाव: क्या सीपीआई और भाजपा बिगाड़ देगी राहुल गांधी का खेल

Last Updated : Apr 4, 2024, 8:58 PM IST
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