पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चल रही है. बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी को अच्छी खासी सीट मिल रही है. ऐसे में देश के दोनों गठबंधन नीतीश कुमार पर नजर रखे हुए हैं. आखिरी समय में कुछ भी हो सकता है. ऐसे में नीतीश कुमार पर तमाम राजनीतिक दलों की नजर है. मिली जानकारी के मुताबिक इंडिया गठबंधन के लोग भी नीतीश कुमार के साथ संपर्क में हैं और सोनिया गांधी के गरीबी नेताओं ने संपर्क भी साधा है.
सीएम आवास पहुंचे सम्राट चौधरी: बिहार में सियासी हलचल के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पहुंचे हैं. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात भी हो रही है. माना जा रहा है कि दिल्ली में कल एनडीए की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार को आमंत्रित करने के लिए सम्राट चौधरी गए हैं. देखना यह दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार की सियासत क्या रंग लाती है.
मुलाकात को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं: हालांकि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मुलाकात पर नीतीश कुमार ने अब तक अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं आयी है. जबकि चुनाव के नतीजे आने के बाद ही जीतन राम मांझी और चिराग पासवान ने भाजपा के पक्ष में आवाज बुलंद किया है और कहा है कि हम एनडीए के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं. नीतीश कुमार की ओर से ना तो कोई ट्वीट नहीं आया है और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया दी है.
फिर नीतीश का बढ़ा कद: मतगणना के दौरान मिल रहे रुझानों के मुताबिक 40 लोकसभा सीटों में से 31 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार 13 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं लोजपा आर अपनी सभी 5 सीटों पर निर्णायक बढ़त बना ली है. भाजपा 12 सीटों पर ही आगे चल रही है. नीतीश कुमार का फिर से कद बढ़ा है. वहीं चिराग पासवन भी सौ फीसदी सीटों पर जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
बिहार में बीजेपी को नुकसान: लोकसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में बीजेपी को अच्छा खासा नुकसान होते दिख रहा है. इस बार बीजेपी बहुमत के आंकड़ों से 29 सीटें दूर है. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि इस बार बीजेपी की सरकार सहयोगी दलों की बैसाखी पर चलेगी. इस बीच सीएम नीतीश कुमार का सम्राट चौधरी से न मिलना राजनीतिक उलटफेर की तरफ इशारा कर रही है. नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं.
प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर हैं नीतीश कुमार: नीतीश कुमार के बारे में ये कहा जाता है कि नीतीश प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर हैं और हमेशा दूसरी संभावनाओं के दरवाजे भी खोल कर रखते हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से नीतीश ने पाला बदला है वो इस बात की गवाही भी दे रहा है.
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