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संभल शाही जामा मस्जिद विवाद; सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट कमिश्नर ने मांगा 15 दिन का समय - SAMBHAL JAMA MASJID SURVEY

Sambhal Shahi Jama Masjid controversy: पहले 29 नवंबर थी रिपोर्ट सौंपने की तिथि, कोर्ट ने 10 दिन का दिया था समय.

संभल शाही जामा मस्जिद केस.
संभल शाही जामा मस्जिद केस. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 12:45 PM IST

Updated : Dec 9, 2024, 6:48 PM IST

संभल : शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद आज 9 दिसंबर को कोर्ट कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देकर उन्होंने 15 दिन की मोहलत मांगी है.

कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव. (Video Credit; ETV Bharat)

संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए चंदौसी की जिला कोर्ट में में याचिका दाखिल की गई थी. जिसके बाद 19 नवंबर को कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया. इस दिन और फिर 24 नवंबर को कोर्ट कमीशन ने मस्जिद का सर्वे पूरा किया. सर्वे के बाद जिला अदालत में 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को 10 दिन का समय देते हुए 9 दिसंबर तक सौंपने के आदेश दिए.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता. (Video Credit; ETV Bharat)

इस बीच खबर आई है कि कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी. दरअसल कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन की अदालत में 15 दिन का समय मांगा है. कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने बताया कि सर्वे की फाइनल रिपोर्ट तैयार है. यह रिपोर्ट फाइनल स्टेज पर है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते उन्होंने 15 दिन का समय मांगा है. पिछले तीन-चार दिन से उन्हें बुखार की समस्या थी इसलिए रिपोर्ट को अभी एनॉलिसिस नहीं कर पाया हूं. कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का स्टे आर्डर है कि लोअर कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करें. हमारा प्रार्थना पत्र Keep On File रख दिया गया है. 15 दिन के भीतर वह रिपोर्ट दाखिल कर देंगे. 6 जनवरी तक कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करेगा.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता जफर अली. (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं, संभल शाही जामा मस्जिद के मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने बताया कि कमीशन ने 15 दिन का समय मांगा है. हमारी ओर से लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई है. न्यायालय ने उन्हें कोई समय नहीं दिया है. आज रिपोर्ट न दाखिल हुई है, न दाखिल होगी. इन्होंने पहले 19 नवंबर को सर्वे किया फिर बिना न्यायालय की परमिशन के 24 नवंबर को सर्वे किया. इन्हें पहले 29 नवंबर को रिपोर्ट दाखिल करनी थी. फिर समय मांगा. न्यायालय ने 10 दिन का समय दे दिया. अब फिर 15 दिन का समय मांग रहे हैं. जब कमीशन हो चुका है, फिर किस बात की देरी की जा रही है. इस बात पर मस्जिद की तरफ से हमने आपत्ति दर्ज कराई है. यह वादी पक्ष से मिले हुए हैं. हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे!

इससे पूर्व सर्वे रिपोर्ट पेश करने को लेकर जिला अदालत की सुरक्षा को बढ़ा दिया गई थी. कोर्ट के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात रहा. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. बता दें कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद अब संभल के हालात सामान्य हुए हैं.

इस क्रम में संभल शाही जामा मस्जिद के सदर एवं मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता जफर अली ने बताया कि जो सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, वह शील्ड कवर में पेश होगी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले के बाद अगली कार्यवाही शुरू होगी. कहा सर्वे रिपोर्ट के लिए जो समय मांगा गया है, उस पर हमने ऑब्जेक्शन फाइल कर दिया है. शाम तक कोर्ट इस मामले में अपना निर्णय सुनाएगी.

यह भी पढ़ें : संभल हिंसा: विदेशी कारतूस बरामद होने के बाद अब पुलिस शस्त्र लाइसेंस धारकों से मांग रही गोलियों का हिसाब

संभल : शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद आज 9 दिसंबर को कोर्ट कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देकर उन्होंने 15 दिन की मोहलत मांगी है.

कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव. (Video Credit; ETV Bharat)

संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए चंदौसी की जिला कोर्ट में में याचिका दाखिल की गई थी. जिसके बाद 19 नवंबर को कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया. इस दिन और फिर 24 नवंबर को कोर्ट कमीशन ने मस्जिद का सर्वे पूरा किया. सर्वे के बाद जिला अदालत में 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को 10 दिन का समय देते हुए 9 दिसंबर तक सौंपने के आदेश दिए.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता. (Video Credit; ETV Bharat)

इस बीच खबर आई है कि कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी. दरअसल कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन की अदालत में 15 दिन का समय मांगा है. कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने बताया कि सर्वे की फाइनल रिपोर्ट तैयार है. यह रिपोर्ट फाइनल स्टेज पर है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते उन्होंने 15 दिन का समय मांगा है. पिछले तीन-चार दिन से उन्हें बुखार की समस्या थी इसलिए रिपोर्ट को अभी एनॉलिसिस नहीं कर पाया हूं. कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का स्टे आर्डर है कि लोअर कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करें. हमारा प्रार्थना पत्र Keep On File रख दिया गया है. 15 दिन के भीतर वह रिपोर्ट दाखिल कर देंगे. 6 जनवरी तक कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करेगा.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता जफर अली. (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं, संभल शाही जामा मस्जिद के मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने बताया कि कमीशन ने 15 दिन का समय मांगा है. हमारी ओर से लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई है. न्यायालय ने उन्हें कोई समय नहीं दिया है. आज रिपोर्ट न दाखिल हुई है, न दाखिल होगी. इन्होंने पहले 19 नवंबर को सर्वे किया फिर बिना न्यायालय की परमिशन के 24 नवंबर को सर्वे किया. इन्हें पहले 29 नवंबर को रिपोर्ट दाखिल करनी थी. फिर समय मांगा. न्यायालय ने 10 दिन का समय दे दिया. अब फिर 15 दिन का समय मांग रहे हैं. जब कमीशन हो चुका है, फिर किस बात की देरी की जा रही है. इस बात पर मस्जिद की तरफ से हमने आपत्ति दर्ज कराई है. यह वादी पक्ष से मिले हुए हैं. हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे!

इससे पूर्व सर्वे रिपोर्ट पेश करने को लेकर जिला अदालत की सुरक्षा को बढ़ा दिया गई थी. कोर्ट के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात रहा. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. बता दें कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद अब संभल के हालात सामान्य हुए हैं.

इस क्रम में संभल शाही जामा मस्जिद के सदर एवं मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता जफर अली ने बताया कि जो सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, वह शील्ड कवर में पेश होगी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले के बाद अगली कार्यवाही शुरू होगी. कहा सर्वे रिपोर्ट के लिए जो समय मांगा गया है, उस पर हमने ऑब्जेक्शन फाइल कर दिया है. शाम तक कोर्ट इस मामले में अपना निर्णय सुनाएगी.

यह भी पढ़ें : संभल हिंसा: विदेशी कारतूस बरामद होने के बाद अब पुलिस शस्त्र लाइसेंस धारकों से मांग रही गोलियों का हिसाब

Last Updated : Dec 9, 2024, 6:48 PM IST
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