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चारधाम के नाम पर दूसरे मंदिर ट्रस्ट बनाने पर लगी रोक का संतों ने किया स्वागत, धामी सरकार को भेजा धन्यवाद ज्ञापन - Ban on trust in name of CharDham

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 20, 2024, 8:27 AM IST

Updated : Jul 20, 2024, 10:02 AM IST

Haridwar Saints welcomed the ban on the trust named Chardham दिल्ली और तेलंगाना में केदारनाथ के नाम से मंदिर बनाए जाने की खबरों के बाद उत्तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि चारधाम समेत प्रमुख मंदिरों के नाम पर अगर कोई ट्रस्ट बनाया जाता है, तो उसे रेगुलेट करने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे. उत्तराखंड के चारधाम के नाम से कोई दूसरा मंदिर या ट्रस्ट नहीं बनेगा. हरिद्वार के संतों ने धामी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. जल्द ही संतों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम धामी से मिलकर उन्हें धन्यवाद देगा.

Haridwar Saints welcomed
संतों ने किया सरकार के फैसले का स्वागत (Photo- ETV Bharat)
सरकार को संतों का समर्थन (Video- ETV Bharat)

हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने के निर्णय का संत समाज ने स्वागत किया है. कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया है.

इस दौरान बाबा हठयोगी महाराज ने कहा है कि सनातन हिंदू धर्म के चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंग और 52 शक्तिपीठों का कोई विकल्प नहीं हो सकता. इसलिए उनके नाम का दुरुपयोग अथवा उनके नाम से कोई अन्य ट्रस्ट नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों और संस्थाओं के नाम भारतवर्ष की सांस्कृतिक संपदा है, जिनका सम्मान किया जाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. कैबिनेट के इस निर्णय से सांस्कृतिक पहचान और अधिकार को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी.

रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि पिछले काफी समय से कुछ व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में स्थित चार धामों के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट, समिति व अन्य संस्थान बनाए जा रहे हैं. इससे जन सामान्य में असमंजस और आक्रोश की आशंका पनप रही है. सरकार के इस निर्णय से चारधाम जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की संस्कृति संपदा को स्पष्ट एवं आवश्यक विधिक सुरक्षा मिलेगी. युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में सहयोग करने वाले इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद ज्ञापित करती है. जल्दी ही अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से भेंट कर संत समाज की ओर से इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए उनका स्वागत करेगा.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ विवाद : दिल्ली के बाद तेलंगाना में भी बनेगा केदारनाथ मंदिर, किया गया भूमि पूजन, उत्तराखंड कैबिनेट ने लिया कड़ा फैसला

सरकार को संतों का समर्थन (Video- ETV Bharat)

हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में चारों धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने के निर्णय का संत समाज ने स्वागत किया है. कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित किया है.

इस दौरान बाबा हठयोगी महाराज ने कहा है कि सनातन हिंदू धर्म के चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंग और 52 शक्तिपीठों का कोई विकल्प नहीं हो सकता. इसलिए उनके नाम का दुरुपयोग अथवा उनके नाम से कोई अन्य ट्रस्ट नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों और संस्थाओं के नाम भारतवर्ष की सांस्कृतिक संपदा है, जिनका सम्मान किया जाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है. कैबिनेट के इस निर्णय से सांस्कृतिक पहचान और अधिकार को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी.

रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि पिछले काफी समय से कुछ व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में स्थित चार धामों के नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट, समिति व अन्य संस्थान बनाए जा रहे हैं. इससे जन सामान्य में असमंजस और आक्रोश की आशंका पनप रही है. सरकार के इस निर्णय से चारधाम जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की संस्कृति संपदा को स्पष्ट एवं आवश्यक विधिक सुरक्षा मिलेगी. युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में सहयोग करने वाले इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद ज्ञापित करती है. जल्दी ही अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से भेंट कर संत समाज की ओर से इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए उनका स्वागत करेगा.
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Last Updated : Jul 20, 2024, 10:02 AM IST
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