हरिद्वारः वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है. कोर्ट ने जिला प्रशासन को 7 दिनों के भीतर पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदुओं और साधु संतों में खुशी की लहर है. ज्ञानवापी पर आए फैसले का हरिद्वार के संत समाज ने स्वागत किया है. इस फैसले से संतों में खुशी है.
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हमने यह कहावत सुनी थी कि 'बुद्ध काम करे शुद्ध'. लेकिन आज यह कहावत सच साबित हुई है. आज बुधवार के दिन बहुत ही सुंदर फैसला ज्ञानवापी प्रकरण पर आया है. जिसका अखिल अखाड़ा परिषद की ओर से स्वागत किया जाता है. अयोध्या के बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार मिल गया है. जिससे आज संपूर्ण सनातन धर्म में खुशी की लहर है.
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट के बाद से ही यह साफ हो गया था कि जल्द ही ज्ञानवापी भी हिंदुओं को मिलने जा रहा है. सर्वे के बाद सब सच सामने आ गया है. कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं. सभी देशवासियों को इसकी बधाई देते हैं कि अब ज्ञानव्यापी के व्यास तहखाने में भी हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार मिल गया है.
अवधूत मंडल के परमाध्यक्ष रूपेंद्र प्रकाश का कहना है बहुत ही हर्ष और आनंद का विषय हैं. जिला जज द्वारा ज्ञानवापी पर पूजा पाठ का फैसला आया है. शासन-प्रशासन को जल्द से जल्द वहां व्यवस्था करने के लिए कहा है. लंबे समय से हिंदू पक्ष की ओर से पूजा पाठ की मांग की जा रही थी. आज फैसले आने के बाद मन बहुत प्रसन्न है.
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