नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मस्तिष्क में सूजन आने के बाद उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ब्रेन सर्जरी की गई. जानकारी के मुताबिक सद्गुरु पिछले चार सप्ताह से गंभीर सिरदर्द से परेशान थे. दर्द की गंभीरता के बावजूद, उन्होंने अपना सामान्य दैनिक कार्यक्रम और सामाजिक गतिविधियां जारी रखा और आठ मार्च को महाशिवरात्रि समारोह भी आयोजित किया. वहीं 15 मार्च को उनका सिरदर्द बेहद गंभीर हो गया. तब उन्होंने वरिष्ठ न्यूरोलाजिस्ट डॉ. विनीत सूरी से परामर्श लिया था.
डॉक्टर को तुरंत सब-ड्यूरल हेमेटोमा का संदेह हुआ, जिसपर उन्होंने तत्काल एमआरआई कराने की सलाह दी. उसी दिन शाम 4:30 बजे सद्गुरु के मस्तिष्क का एमआरआई किया गया, जिसमें पता चला कि उनके मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव (ब्लीडिंग) हो रहा है. 3-4 सप्ताह की अवधि के रक्तस्त्राव के साथ एक और ताजा रक्तस्राव भी सामने आया.
इसपर सद्गुरु को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन 15 तारीख को शाम छह बजे उनकी महत्वपूर्ण बैठकें थीं. उस वक्त सद्गुरु ने कहा था कि मैंने अपने पिछले 40 वर्षों में एक भी बैठक नहीं छोड़ी है और गंभीर और पीड़ादायक लक्षणों के बावजूद दर्द निवारक दवाओं की सहायता से बैठक पूरी की. इस दौरान उनकी चेतना के स्तर में गिरावट के साथ-साथ उन्हें बाएं पैर में कमजोरी और बार-बार उल्टी के साथ सिरदर्द होने लगा और 17 मार्च को उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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उसी दिन सीटी स्कैन में उनके मस्तिष्क में सूजन बढ़ोतरी और मस्तिष्क के एक तरफ खिसकने से जीवन को खतरा होने की बात भी पता चली. इस समस्या को दूर करने के लिए उनकी आपातकालीन मस्तिष्क सर्जरी की गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया. डॉक्टर ने बताया कि अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है. अपनी सर्जरी पर उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि, 'डॉक्टरों ने मेरा सिर खोलकर कुछ खोजने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला.'
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