नागपुर: मोहन भागवत ने रिजर्वेशन को लेकर कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) हमेशा आरक्षण का समर्थक रहा है. उनके बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पलटवार किया है. उन्होंने दमन और दीव में रविवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मोहन भागवत बयान देते हैं कि आरएसएस आरक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह (मोहन भागवत) ही थे, जिन्होंने बयान दिया था कि वह आरक्षण के खिलाफ हैं. जो लोग आरक्षण के खिलाफ हैं, वह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
बता दें कि आरएसएस चीफ ने रविवार को कहा था कि संघ ने हमेशा आरक्षण का समर्थन किया है. इतना ही नहीं संघ ने जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक इसे लागू करने की वकालत की है. उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के बाद आई है.
इस वीडियो में दावा किया गया है कि संघ कोटा सिस्टम के खिलाफ है. संघ प्रमुख की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विपक्ष आरएसएस और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगा रही है.
संविधान के अनुसार आरक्षण का समर्थन
विद्या भारती विज्ञान केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए भागवत ने वायरल वीडियो का जिक्र भी किया और कहा कि इस वीडियों में दावा किया जा रहा है कि आरएसएस के आरक्षण का विरोध करता है, जो कि पूरी तरह से गलत है. आरएसएस संविधान के अनुसार आरक्षण का समर्थन करता रहा है.
चुनाव के दौरान होती हैं ऐसी चीजें
उन्होंने कहा, 'इस तरह की मनगढ़ंत बातें लोगों के बीच प्रसारित करने और विवाद पैदा करने के पीछे कुछ लोगों का स्वार्थ होता है, लेकिन उससे हमारा कोई संबंध नहीं है. चुनावी के दौरान ऐसी चीजें होती रहती हैं. उन्होंने कहा, 'संघ का मानना है कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक लोगों को लगता है कि उन्हें इसकी आवश्यकता है या यह इसे तब तक दिया जाए, जब तक समाज में भेदभाव मौजूद है.'
रेवंत रेड्डी ने आरएसएस पर साधा निशाना
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी रिजर्वेशन को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी, तो उसने देश को 'हिंदू राष्ट्रच' घोषित करने और 100 साल में आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस करोड़ों देशवासियों को लखपति बना सकती है, दमन-दीव में बोले राहुल गांधी - Lok Sabha Election 2024