नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन को बड़ी राहत दी है. एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मारपीट समेत दूसरे मामलो में आनंद मोहन को बरी करने का आदेश दिया. इस मामले के ट्रायल के दौरान मारपीट और उगाही की शिकायत करने वाले राजेंद्र सिंह की मौत हो गई और उनके पिता शंभु सिंह अदालत में दिए बयान से मुकर गए.
पुलिस के पास पुख्ता सबूत नहीं
सुनवाई के दौरान आंनद मोहन की ओर से कहा गया कि, "पुलिस के पास घटना का कोई पुख्ता सबूत या गवाह नहीं है. आनंद मोहन की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह राजनैतिक द्वेष की भावना से उनको फंसाने के लिए ही उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं.
ये है मामला
दरअसल राजस्थान के रहने वाले राजेन्द्र सिंह ने 2007 मे पुलिस से शिकायत दर्ज कराई थी. राजेन्द्र सिंह की शिकायत में कहा गया था कि आनंद मोहन ने अन्य लोगों के साथ मिलकर चाणक्रायपुरी थाना इलाके में राजस्थान गेस्ट हाउस में मारपीट की थी और जान से मारने की धमकी दी थी. इस घटना को लेकर चाणक्यपुरी पुलिस थाने ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 506, 387, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में कोर्ट ने दूसरे आरोपी राकेश रोशन को 9 जनवरी 2009 को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
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डीएम के कत्ल का गुनहगार हैं आनंद मोहन
बता दें कि, आनंद मोहन बिहार के गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद था. जी कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को हुई थी. आनंद मोहन को 2023 में जेल से रिहा किया गया था. बिहार सरकार की ओर से जेल नियमों में संशोधन के बाद आनंद मोहन की रिहाई संभव हुई थी.
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