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ऑस्ट्रेलिया में 67वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन, भारत का प्रतिनिधित्व कर लौंटी ऋतु खंडूड़ी भूषण

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की स्थापना 1911 में हुई, इसका उद्देश्य सदस्य देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करना है

RITU KHANDURI AT THE CPA MEETING
ऋतु खंडूड़ी का ऑस्ट्रेलिया दौरा (फोटो क्रेडिट: ऋतु खंडूड़ी)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखंड): उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ऑस्ट्रिलिया दौरे पर थी. ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में प्रतिभाग किया. जिसके बाद ऋतु खंडूड़ी भूषण ऑस्ट्रेलिया दौरे से आज भारत वापस लौट आई हैं. उन्होंने CPA सम्मेलन से जुड़ी जानकारियां दी.

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया यह सम्मेलन सिडनी के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में ऑर्गनाइज किया गया था. इस सम्मेलन में कई देशों के सांसदों ने प्रतिभाग किया. सम्मेलन में संसदीय लोकतंत्र और शासन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. उन्होंने बताया 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलम का आयोजन 3 से 8 नवंबर 2024 तक सिडनी न्यू साउथ वेल्स (ऑस्ट्रेलिया) में किया गया.

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ. जिसमें भारतीय समर्थित उम्मीदवार डॉ. क्रिस्टोफर कलिला, सांसद (CPA जाम्बिया शाखा), को नया अध्यक्ष चुना गया. इसमें भारत की भूमिका पर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने खुशी जाहिर की. उन्होंने इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया.

राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों और विधायकों के इस सम्मेलन में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन हुआ. इस परिचर्चा में राष्ट्रमंडल देशों के कुल 5 जन प्रतिनिधियों को संभाषण के लिए चुना गया, जिसमें ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भारत का प्रतिनिधित्व किया.

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा यह सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र को सशक्त करने और वैश्विक मंच पर शासन प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है. उन्होंने जानकारी दी कि आगामी 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (68 CPC) 6 से 13 अक्टूबर, 2025 तक बारबाडोस में आयोजित किया जाएगा.

बता दें कि, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की स्थापना 1911 में हुई थी और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है. वहां अपने अनुभवों को साझा करते हुए ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि सदस्य देशों के बीच संसदीय लोकतंत्र के संवैधानिक, विधायी, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है. CPA का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करना है.

पढ़ें- शैक्षिक भ्रमण के लिए भारत दर्शन, रंग ला रही इस विधायक की मुहिम, लाभान्वित हो रहे मेधावी छात्र

श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखंड): उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ऑस्ट्रिलिया दौरे पर थी. ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में प्रतिभाग किया. जिसके बाद ऋतु खंडूड़ी भूषण ऑस्ट्रेलिया दौरे से आज भारत वापस लौट आई हैं. उन्होंने CPA सम्मेलन से जुड़ी जानकारियां दी.

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया यह सम्मेलन सिडनी के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में ऑर्गनाइज किया गया था. इस सम्मेलन में कई देशों के सांसदों ने प्रतिभाग किया. सम्मेलन में संसदीय लोकतंत्र और शासन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. उन्होंने बताया 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलम का आयोजन 3 से 8 नवंबर 2024 तक सिडनी न्यू साउथ वेल्स (ऑस्ट्रेलिया) में किया गया.

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ. जिसमें भारतीय समर्थित उम्मीदवार डॉ. क्रिस्टोफर कलिला, सांसद (CPA जाम्बिया शाखा), को नया अध्यक्ष चुना गया. इसमें भारत की भूमिका पर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने खुशी जाहिर की. उन्होंने इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया.

राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों और विधायकों के इस सम्मेलन में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन हुआ. इस परिचर्चा में राष्ट्रमंडल देशों के कुल 5 जन प्रतिनिधियों को संभाषण के लिए चुना गया, जिसमें ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भारत का प्रतिनिधित्व किया.

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा यह सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र को सशक्त करने और वैश्विक मंच पर शासन प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है. उन्होंने जानकारी दी कि आगामी 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (68 CPC) 6 से 13 अक्टूबर, 2025 तक बारबाडोस में आयोजित किया जाएगा.

बता दें कि, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की स्थापना 1911 में हुई थी और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है. वहां अपने अनुभवों को साझा करते हुए ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि सदस्य देशों के बीच संसदीय लोकतंत्र के संवैधानिक, विधायी, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है. CPA का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करना है.

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