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चकमा हाजोंग विवाद : रिजिजू ने कहा, 'मैंने असम के सीएम से मदद मांगी' - Chakma Hajong row - CHAKMA HAJONG ROW

CHAKMA HAJONG ROW : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चकमा-हाजोंग को लेकर दिए बयान पर सफाई दी है. रिजिजू ने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. जानिए क्या है पूरा मामला.

Kiren Rijiju
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 25, 2024, 7:25 PM IST

गुवाहाटी: असम में चकमा और हाजोंग के समझौते पर अपने हालिया बयान के बाद व्यापक प्रतिक्रिया के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अब इस मुद्दे पर सुर बदल दिया है. अब रिजिजू ने कहा है कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और गलत तरीके से पेश किया गया.

केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हिमंत बिस्वा सरमा भारत के लोकप्रिय मुख्यमंत्री और उत्तर-पूर्व के अग्रणी नेता हैं. लोकसभा चुनाव के बीच में किसी ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है और मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है कि चकमा-हाजोंग को असम में बसाया जाएगा.'

अभी तीन दिन पहले यानी सोमवार को किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि चकमा और हाजोंग लोग अरुणाचल प्रदेश के अस्थायी निवासी हैं और उनका अरुणाचल प्रदेश में कोई स्थान नहीं है. रिजिजू ने सीएए के जरिए असम समेत अन्य जगहों पर चकमा-हाजोंग की स्थापना की वकालत की.

अपने बयान में उन्होंने असम में हाजोंग-चकमास के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करने का भी जिक्र किया था. रिजिजू की टिप्पणी पर पूरे असम में तीखी प्रतिक्रिया हुई. रिजिजू की टिप्पणी ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को चुनावी वोटों की अपील के समय असहज कर दिया.

इस मुद्दे पर दो दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है और चुनाव के बाद रिजिजू के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे. नाराज दिख रहे सरमा ने यह भी कहा था कि किरेण रिजिजू को ऐसी घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है.

इसके बाद किरेन रिजिजू ने आज दिल्ली में मीडिया के सामने अपनी सफाई दी. रिजिजू ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर और गलत तरीके से पेश किया गया. रिजिजू ने इसे मीडिया और कांग्रेस तथा अन्य राजनीतिक दलों द्वारा रची गई साजिश करार देते हुए कहा कि यह चुनाव के दौरान एक राजनीतिक साजिश थी.

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चूंकि 'सीएए' अरुणाचल प्रदेश पर लागू नहीं होता है, इसलिए चकमा-हाजोंगों को अरुणाचल प्रदेश से बाहर ले जाया जाना चाहिए और उन राज्यों में बसाया जाना चाहिए जहां 'सीएए' लागू होता है.

रिजिजू ने दिल्ली में स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले ही इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से अनुरोध किया था. दूसरी ओर, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के हाजोंग-चकमास को असम में नहीं बल्कि वैकल्पिक स्थानों पर स्थायी रूप से स्थानांतरित करने की वकालत कर रहे थे.

चुनाव के दौरान 'डैमेज कंट्रोल' करने की कोशिश करते हुए रिजिजू ने कहा, 'मैंने ये नहीं कहा कि उन्हें असम में बसाया जाएगा. ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मैंने केवल मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से अनुरोध करने की बात कही थी कि असम को हमारी मदद करनी चाहिए. किसने कहा कि असम में हाजोंग-चकमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है?'

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केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हिमंत बिस्वा सरमा भारत के लोकप्रिय मुख्यमंत्री और उत्तर-पूर्व के अग्रणी नेता हैं. लोकसभा चुनाव के बीच में किसी ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है और मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है कि चकमा-हाजोंग को असम में बसाया जाएगा.'

अभी तीन दिन पहले यानी सोमवार को किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि चकमा और हाजोंग लोग अरुणाचल प्रदेश के अस्थायी निवासी हैं और उनका अरुणाचल प्रदेश में कोई स्थान नहीं है. रिजिजू ने सीएए के जरिए असम समेत अन्य जगहों पर चकमा-हाजोंग की स्थापना की वकालत की.

अपने बयान में उन्होंने असम में हाजोंग-चकमास के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करने का भी जिक्र किया था. रिजिजू की टिप्पणी पर पूरे असम में तीखी प्रतिक्रिया हुई. रिजिजू की टिप्पणी ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को चुनावी वोटों की अपील के समय असहज कर दिया.

इस मुद्दे पर दो दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है और चुनाव के बाद रिजिजू के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे. नाराज दिख रहे सरमा ने यह भी कहा था कि किरेण रिजिजू को ऐसी घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है.

इसके बाद किरेन रिजिजू ने आज दिल्ली में मीडिया के सामने अपनी सफाई दी. रिजिजू ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर और गलत तरीके से पेश किया गया. रिजिजू ने इसे मीडिया और कांग्रेस तथा अन्य राजनीतिक दलों द्वारा रची गई साजिश करार देते हुए कहा कि यह चुनाव के दौरान एक राजनीतिक साजिश थी.

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चूंकि 'सीएए' अरुणाचल प्रदेश पर लागू नहीं होता है, इसलिए चकमा-हाजोंगों को अरुणाचल प्रदेश से बाहर ले जाया जाना चाहिए और उन राज्यों में बसाया जाना चाहिए जहां 'सीएए' लागू होता है.

रिजिजू ने दिल्ली में स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले ही इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से अनुरोध किया था. दूसरी ओर, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के हाजोंग-चकमास को असम में नहीं बल्कि वैकल्पिक स्थानों पर स्थायी रूप से स्थानांतरित करने की वकालत कर रहे थे.

चुनाव के दौरान 'डैमेज कंट्रोल' करने की कोशिश करते हुए रिजिजू ने कहा, 'मैंने ये नहीं कहा कि उन्हें असम में बसाया जाएगा. ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मैंने केवल मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से अनुरोध करने की बात कही थी कि असम को हमारी मदद करनी चाहिए. किसने कहा कि असम में हाजोंग-चकमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है?'

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