रांचीः झारखंड की जनता ने इंडिया गठबंधन पर जमकर कृपा बरसाई है. साथ ही भाजपा को कई बड़े झटके दिए हैं. सबसे ज्यादा चोट आजसू को मिली है. इस चुनाव में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो खुद सिल्ली में चुनाव हार गये हैं. उन्हें झामुमो के अमित महतो ने शिकस्त दी है. पूर्व में भी अमित महतो ने सुदेश को मात दी थी. इस चुनाव में सुदेश महतो की मौसी और रामगढ़ की विधायक सुनीता चौधरी को कांग्रेस की ममता देवी ने हराकर उपचुनाव में हुई हार का बदला ले लिया है.
आजसू के हाथ से गोमिया सीट भी निकल गई है. यहां झामुमो के योगेंद्र महतो ने आजसू के लंबोदर महतो को हरा दिया है. इस बार एनडीए गठबंधन में आजसू को दस सीटें मिली थी. लेकिन पार्टी एक ही सीट जीत पाई. एकमात्र मांडू सीट पर जीत दर्ज कर निर्मल महतो ने पार्टी की लाज रख ली है. उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल को 338 वोट के अंतर से हराया है
संथाल में मुरझा गया कमल
इस बार भाजपा को संथाल से काफी उम्मीदें थी. पार्टी ने बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव के अलावा रोटी, बेटी और माटी को मुद्दा बनाया था. लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा. अलबत्ता भाजपा ने संथाल की अपनी चारों सीटें गंवा दी. देवघर सीट पर राजद, सारठ पर झामुमो, गोड्डा पर राजद और राजमहल पर झामुमो ने कब्जा जमा लिया. चार सीटिंग सीटें गंवाकर भाजपा सिर्फ जरमुंडी सीट जीत पाई. लंबे अरसे बाद संथाल में राजद ने शानदार परफॉर्मेंस दिखाया.
एसटी सीटों पर भाजपा क्लिन बोल्ड
भाजपा ने राज्य की 28 सीटों पर 2014 के प्रदर्शन को दोहराने की पूरी तैयारी कर रखी थी. रोटी, बेटी और माटी के मसले को पार्टी ने जोर शोर से उठाया था. घुसपैठियों द्वारा हड़पी जमीन आदिवासियों को वापस कराने का वादा किया था. लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा. उल्टे भाजपा ने खूंटी और तोरपा सीट भी गंवा दी. इन दोनों सीटों पर झामुमो ने जीत दर्ज की है. एसटी सीटों के लिहाज से चंपाई सोरेन ने सरायकेला में पहली बार कमल खिलाकर भाजपा की लाज बचाई. इस बार के चुनाव में एसटी के लिए रिजर्व 28 सीटों में से 20 सीटों पर झामुमो और 07 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 2019 में कांग्रेस ने 06 एसटी सीटें जीती थी.
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