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Renukaswamy Murder Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने मीडिया को चार्जशीट में मौजूद जानकारी प्रसारित करने पर रोक लगाई - Darshan Thoogudeep Srinivas

Karnataka High Court: जस्टिस हेमंत चंदन गौड़र की अध्यक्षता वाली पीठ ने अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर किसी भी तरह की जानकारी को प्रसारित करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है.

कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2024, 7:44 PM IST

Updated : Sep 10, 2024, 7:55 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को मीडिया के अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर किसी भी तरह की जानकारी को प्रसारित करने पर रोक लगा दी. दर्शन रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी हैं.

जस्टिस हेमंत चंदन गौड़र की अध्यक्षता वाली पीठ ने दर्शन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिका में उनके खिलाफ सूचना प्रसारित करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

रेणुकास्वामी हत्याकांड के संबंध में कामाक्षीपाल्या पुलिस थाने में दर्ज मामले में अदालत ने जांचकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट पर निचली अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले आरोप पत्र की कोई भी गुप्त जानकारी उजागर नहीं करने की चेतावनी दी है.

दर्शन की पत्नी ने दायर की थी याचिका
बता दें कि मामले में दर्शन की पत्नी द्वारा दायर याचिका के संबंध में ट्रायल कोर्ट ने दर्शन के खिलाफ कोई भी आधारहीन जानकारी उजागर न करने का आदेश दिया है. हालांकि, मीडिया आरोप पत्र पर गोपनीय जानकारी प्रसारित कर रहा है.

कोर्ट के आदेश में याचिकाकर्ता के वकील की दलील का उल्लेख किया गया है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया द्वारा आरोप पत्र में गोपनीय जानकारी को अगले आदेश तक ब्रॉडकास्टिंग/प्रिंटिंग/पब्लिश करने केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 के नियम 5 और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है.

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश
अदालत ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह मीडिया को दर्शन के बारे में चार्जशीट में छिपी जानकारी प्रसारित न करने का निर्देश दे. इसके बाद कोर्ट सुनवाई स्थगित कर दी. गौरतलब है कि रेणुकास्वामी हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने 4 सितंबर को 24वीं ACMM कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.

मामले में आरोपियों की न्यायिक हिरासत 12 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. इस मामले में कुल 17 आरोपी हैं. हाईकोर्ट ने मीडिया संगठनों को आरोप पत्र के किसी भी पहलू को प्रसारित करने से रोकने की मांग वाली याचिका के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को भी नोटिस जारी किया था.

यह भी पढ़ें- कौन है भगोड़ा जाकिर नाइक जिसने वक्फ बोर्ड पर मोदी सरकार को घेरा, रिजिजू बोले- मुसलमानों को मत करो गुमराह

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को मीडिया के अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर किसी भी तरह की जानकारी को प्रसारित करने पर रोक लगा दी. दर्शन रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी हैं.

जस्टिस हेमंत चंदन गौड़र की अध्यक्षता वाली पीठ ने दर्शन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिका में उनके खिलाफ सूचना प्रसारित करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

रेणुकास्वामी हत्याकांड के संबंध में कामाक्षीपाल्या पुलिस थाने में दर्ज मामले में अदालत ने जांचकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट पर निचली अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले आरोप पत्र की कोई भी गुप्त जानकारी उजागर नहीं करने की चेतावनी दी है.

दर्शन की पत्नी ने दायर की थी याचिका
बता दें कि मामले में दर्शन की पत्नी द्वारा दायर याचिका के संबंध में ट्रायल कोर्ट ने दर्शन के खिलाफ कोई भी आधारहीन जानकारी उजागर न करने का आदेश दिया है. हालांकि, मीडिया आरोप पत्र पर गोपनीय जानकारी प्रसारित कर रहा है.

कोर्ट के आदेश में याचिकाकर्ता के वकील की दलील का उल्लेख किया गया है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया द्वारा आरोप पत्र में गोपनीय जानकारी को अगले आदेश तक ब्रॉडकास्टिंग/प्रिंटिंग/पब्लिश करने केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 के नियम 5 और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है.

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश
अदालत ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह मीडिया को दर्शन के बारे में चार्जशीट में छिपी जानकारी प्रसारित न करने का निर्देश दे. इसके बाद कोर्ट सुनवाई स्थगित कर दी. गौरतलब है कि रेणुकास्वामी हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने 4 सितंबर को 24वीं ACMM कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.

मामले में आरोपियों की न्यायिक हिरासत 12 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. इस मामले में कुल 17 आरोपी हैं. हाईकोर्ट ने मीडिया संगठनों को आरोप पत्र के किसी भी पहलू को प्रसारित करने से रोकने की मांग वाली याचिका के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को भी नोटिस जारी किया था.

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Last Updated : Sep 10, 2024, 7:55 PM IST
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