रायपुर/ बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने जीपी सिंह पर चल रहे राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है. बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था. छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से यह केस दर्ज किया गया था.
CAT से भी जीपी सिंह को मिल चुकी है राहत: एक सप्ताह पहले आईपीएस जीपी सिंह को कैट (Central Administrative Tribunal, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ) से भी बड़ी राहत मिल चुकी है. कैट ने चार हफ्तों के भीतर आईपीएस जीपी सिंह से जुड़े सभी केसों का निराकरण कर उन्हें बहाल किए जाने का आदेश दिया था. जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई 2023 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी.
कब कब हुई जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई: साल 2021 में जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. एक जुलाई को एसीबी की टीम ने रायपुर पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर छापेमारी की थी. इसके अलावा राजनांदगांव और ओडिशा में जीपी सिंह के 15 अन्य ठिकानों पर भी छत्तीसगढ़ एसीबी ने दबिश दी थी. इस कार्रवाई में जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति मिलने का दावा एसीबी ने किया था. इसके अलावा छापे में कई दस्तावेज भी एसीबी को मिले थे उसके आधार पर एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था. राज्य सरकार ने 5 जुलाई 2021 को उन्हें सस्पेंड कर दिया था और उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था.
कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे जीपी सिंह: इस कार्रवाई के खिलाफ 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें जीपी सिंह ने सीबीआई जांच की मांग की थी. मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिली और तब जाकर वह रिहा हुए. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को कंपलसरी रिटायर कर दिया था. जब आईपीएस जीपी सिंह को कंपलसरी रिटायर करने का फैसला लिया गया था तब उनकी नौकरी के 8 साल बचे थे.