रांची: झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने गैंग्स ऑफ वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है. अब उसकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है. जैसे ही वह गिरफ्तार होगा उसके प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जाएगी.
एटीएस एसपी के अनुसार रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद अगर वह दुबई से भाग कर किसी अन्य देश में जाना चाहेगा तब भी पकड़ा जाएगा. धनबाद के गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े प्रिंस खान दुबई से ही अपने गैंग का संचालन कर रहा है. नोटिस जारी करने के बाद इंटरपोल के द्वारा इसकी जानकारी यूएई और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को भी दी गई है. जानकारी के अनुसार दुबई में प्रिंस खान की तलाश शुरू कर दी गई है.
मयंक सिंह के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जल्द जारी होगा
वहीं, झारखंड के एक और कुख्यात अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मयंक सिंह के रेड कॉर्नर नोटिस से जुड़े कागजात केंद्रीय एजेंसी के जरिए इंटरपोल तक भेज दिया गया है. एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक सिंह के खिलाफ कार्रवाई जारी है. जैसे ही वह पकड़ा जाएगा उसे भारत लाने का प्रयास तुरंत शुरू किया जाएगा. मयंक सिंह, अमन साहू गिरोह का एक कुख्यात अपराधी है और मलेशिया में बैठकर झारखंड में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवा रहा है. मयंक सिंह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भी बेहद खास है.
धनबाद के गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से जुड़े प्रिंस खान एक कुख्यात अपराधी है उसके ऊपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं.सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने धनबाद जिला में दर्ज केस में रेड कार्नर नोटिस जारी किया है, जबकि एटीएस थाने में दर्ज केस में पूर्व में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. साल 2021 के बाद से ही प्रिंस खान पुलिस को चकमा देकर विदेश में रह रहा है. झारखंड एटीएस की जांच में यह बात भी सामने आ चुकी है कि प्रिंस खान फरारी के दौरान शारजहां और दुबई जैसे शहरों में देखा गया है.
मयंक सिंह लॉरेंस और अमन दोनो का है खास
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अमन गिरोह के बीच मलेशिया में बैठा मयंक सिंह ही प्रमुख कड़ी है. मयंक सिंह ने ही लॉरेंस बिश्नोई और अमन को एक साथ मिलाया. दरअसल, अमन साहू को आतंक के अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए एक ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उसे टेक्निकल सपोर्ट दे सके. इस काम के लिए अमन ने जेल में रहते हुए ही लॉरेंस से सम्पर्क किया. जिसके बाद लॉरेंस ने अपने भरोसेमंद साथी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अमन साहू को के साथ जोड़ दिया.
हालांकि, बीते दिनों ही झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह का असली चेहरा खोज निकाला और मामले में एटीएस ने सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इश्तेहार भी चस्पा किया है. पुलिस के बढ़ते दबाब के बाद ही मयंक सिंह भारत छोड़ मलेशिया में शिफ्ट हो गया है और वहीं से अमन साहू के लिए काम कर रहा है.
प्रत्यर्पण का होगा प्रयास
प्रिंस खान और मयंक सिंह झारखंड के पहले दो अपराधी होंगे जिनके प्रत्यर्पण का प्रयास किया जाएगा. मयंक सिंह आखिरी बार मलेशिया के कुआलालम्पुर एयरपोर्ट पर देखा गया था. मयंक सिंह के पासपोर्ट को भी रद्द करवा दिया गया है. वहीं आखिरी बार प्रिंस खान का लोकेशन दुबई का आया था. पासपोर्ट रद्द होने के बाद वह दुबई में ही फंसा हुआ है.
मो हैदर खान के नाम से बने प्रिंस खान के पासपोर्ट को झारखंड पुलिस की पहल पर रद्द कराया जा चुका है. एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद अब प्रिंस खान के प्रत्यर्पण का प्रयास किया जाएगा. प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई आगे इंटरपोल और यूएई सरकार से पत्राचार भी कर रही है.
प्रिंस के गैंग को किया जा रहा टारगेट
वहीं, प्रिंस खान गिरोह को लेकर कार्रवाई की जा रही है. झारखंड पुलिस के अनुसार धनबाद के अलावा जिन-जिन जिलों में प्रिंस खान गिरोह की सक्रियता की बात सामने आ रही है वहां के पुलिस अधीक्षकों को गिरोह के ऊपर बड़ी कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिया गया है. प्रिंस खान गिरोह के खिलाफ जो भी मामले आ रहे है उनपर कानूनी कार्रवाई जारी है. खान गिरोह के अपराधी जो जेल से बाहर हैं उनपर नजर रखी जा रही है. गिरोह के सदस्य जो जेल के अंदर हैं उन पर भी नजर रखा जा रहा है.
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्य के 14 जिलों में गुंडा सूची भी बनाई गई है. गुंडा सूची ने प्रिंस खान से जुड़े 18 अपराधियों को भी शामिल किया गया है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संगठित अपराधिक गिरोह से जुड़े अपराधियों में रामगढ़ जिले में 91, धनबाद में 69, पलामू में 48, रांची में 38, जमशेदपुर में 28, लातेहार में 25, हजारीबाग में 24, चतरा में पांच, गढ़वा में तीन, बोकारो में तीन, चाईबासा में एक, गिरिडीह में एक और गुमला में एक अपराधियों को गुंडा सूची में अंकित किया गया है.
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