अमरावती: देश और दुनिया के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा श्रीवारी के भक्त थे. उनका तिरुमाला और तिरुपति से खास जुड़ाव रहा. तिरुमाला तिरुपति में जहां हर दिन करोड़ों भक्त आते हैं, वहां श्रीवारी की सेवाओं को बिना किसी बाधा के तकनीकी भव्यता से सहारा दिया गया है. टीटीडी बोर्ड ने लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं.
श्रीवारी सेवाओं को ऑनलाइन करने में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) एक प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर आगे आया. बता दें कि, टीटीडी को मुफ्त सॉफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करने का समझौता एक मील का पत्थर है. इसे तत्कालीन ईओ संबाशिवराव के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पहल पर साकार किया गया था. इसके जरिए टीसीएस ने टीटीडी को जरूरी सॉफ्टवेयर सेवाएं और कर्मचारी मुहैया कराए. टीसीएस आठ साल से टिकट जारी करने, कमरे आवंटित करने, नकद रसीद और ऑनलाइन भुगतान और करंट बुकिंग जैसी कई सॉफ्टवेयर सेवाएं दे रही है.
उल्लेखनीय है कि, टीसीएस हर साल करीब 12 करोड़ रुपये की सेवाएं देती है. साल 2018 में रतन टाटा ने निजपद दर्शन सेवा के दौरान श्री वाराणसी का दौरा किया था. इस दौरान उनके साथ टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और अन्य लोग भी थे. टाटा ट्रस्ट ने गरीब लोगों को सबसे घातक कैंसर से बचाने के लिए उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. श्रीवारी (तिरुपति जूपार्क रोड पर) की तलहटी में टीटीडी ने 25 एकड़ जमीन आवंटित कर 250 करोड़ रुपये की लागत से श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर एंड एडवांस्ड रिसर्च सेंटर (एसवीसीएआर) की स्थापना की है.
देश के लोगों को कैंसर के चंगुल से बचाने की सोच को लेकर आगे बढ़ने वाले टाटा ट्रस्ट ने 1800 करोड़ रुपये की लागत से देश में पांच जगहों पर कैंसर अस्पताल शुरू किए. जब तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को इसकी की जानकारी मिली और उन्होंने उनसे एक अवसर प्रदान करने के लिए कहा, तो वे तिरुपति में कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए आगे आए. टाटा ट्रस्ट ने टीटीडी में कीमती जमीन नाममात्र पट्टे पर आवंटित की है. बता दें कि, 31 अगस्त 2018 को रतन टाटा ने सीएम चंद्रबाबू नायडू के साथ सीवीसीएआर के लिए भूमि पूजन किया था.
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