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उत्तराखंड के रामनगर में नजर आया दुर्लभ आइबिसबिल पक्षी, जानिए खूबसूरत परिंदे की खासियत

कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर वन प्रभाग के गर्जिया मंदिर के पास दुर्लभ आइबिसबिल पक्षी दिखने वन विभाग गदगद है. जानिए इसकी खासियत.

Ibisbill Bird
रामनगर में नजर आया आइबिसबिल पक्षी (फोटो सोर्स- Bird Lover Sanjay Chhimwal)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

रामनगर: नैनीताल जिले का रामनगर वन प्रभाग वन्यजीवों और पक्षियों की प्रजातियों के लिए देश-विदेश में विख्यात है. यहां पर 600 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. यहां के जंगल भी वन्यजीवों के साथ ही कई दुर्लभ पक्षियों के लिए अनुकूल हैं. यही वजह है कि कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी यहां पर नजर आ जाते हैं. इसी कड़ी में गर्जिया मंदिर क्षेत्र में बहने वाली कोसी नदी में आइबिसबिल पक्षी नजर आया है. जिसके बाद वन विभाग और पक्षी प्रेमियों में भी खुशी की लहर है.

लंबी चोंच की वजह से खास पहचान रखता है यह पक्षी: रामनगर के पक्षी प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि यह हिमालय का अनोखा पक्षी है. आइबिसबिल (Ibisbill Bird) देखने में काफी खूबसूरत होता है. यह दुर्लभ पक्षी है, जो खासकर हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है. इसकी लंबी, लाल, नीचे की ओर मुड़ी हुई चोंच इसे खास बनाता है. इसी से इसकी पहचान होती है. इसी चोंच की वजह से इसका नाम आइबिसबिल पड़ा है.

Ibisbill Bird
पानी में शिकार तलाशता आइबिसबिल पक्षी (फोटो सोर्स- Bird Lover Sanjay Chhimwal)

उन्होंने बताया कि यह पक्षी लगभग 40 सेंटीमीटर लंबा होता है. इसका शरीर ग्रे रंग का होता है और इसके सीने पर एक काली पट्टी होती है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों, नदियों और झीलों के किनारे रहना पसंद करता है. यह पक्षी पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवों को खाकर अपना जीवन बिताता है. अपनी लंबी चोंच की मदद से यह पत्थरों के नीचे छिपे हुए कीड़ों को भी ढूंढ निकाल लेता है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचाई पर घोंसला बनाता है. एक बार में मादा दो अंडे देती है.

दुर्लभ पक्षियों में गिना जाता है आइबिसबिल: उन्होंने बताया कि यह दुर्लभ पक्षी कॉर्बेट पार्क के रामगंगा नदी, रामनगर वन प्रभाग के रिंगोड़ा के पास स्थित कोसी नदी और गर्जिया क्षेत्र में पहले भी देखा गया है. उन्होंने कहा कि ये पक्षी काफी कम संख्या में पाये जाते हैं. इसलिए इन्हें दुर्लभ पक्षियों में गिना जाता है. इनकी लंबी और मुड़ी हुई चोंच इन्हें अन्य पक्षियों से अलग बनाती है. यह पक्षी हिमालय की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाली कोसी नदी में आइबिसबिल पक्षी वन कर्मियों को नजर आया है. आइबिसबिल को देखने के लिए पक्षी प्रेमी हिमालय क्षेत्र, कॉर्बेट पार्क और रामनगर वन प्रभाग आते हैं. इसका दिखना एक अच्छा संकेत है कि जैव विविधता के मामले में रामनगर वन विभाग के जंगल इन पक्षियों के लिए अनुकूल हैं. - दिगंत नायक, प्रभागीय वन अधिकारी, रामनगर वन प्रभाग

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रामनगर: नैनीताल जिले का रामनगर वन प्रभाग वन्यजीवों और पक्षियों की प्रजातियों के लिए देश-विदेश में विख्यात है. यहां पर 600 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. यहां के जंगल भी वन्यजीवों के साथ ही कई दुर्लभ पक्षियों के लिए अनुकूल हैं. यही वजह है कि कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी यहां पर नजर आ जाते हैं. इसी कड़ी में गर्जिया मंदिर क्षेत्र में बहने वाली कोसी नदी में आइबिसबिल पक्षी नजर आया है. जिसके बाद वन विभाग और पक्षी प्रेमियों में भी खुशी की लहर है.

लंबी चोंच की वजह से खास पहचान रखता है यह पक्षी: रामनगर के पक्षी प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि यह हिमालय का अनोखा पक्षी है. आइबिसबिल (Ibisbill Bird) देखने में काफी खूबसूरत होता है. यह दुर्लभ पक्षी है, जो खासकर हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है. इसकी लंबी, लाल, नीचे की ओर मुड़ी हुई चोंच इसे खास बनाता है. इसी से इसकी पहचान होती है. इसी चोंच की वजह से इसका नाम आइबिसबिल पड़ा है.

Ibisbill Bird
पानी में शिकार तलाशता आइबिसबिल पक्षी (फोटो सोर्स- Bird Lover Sanjay Chhimwal)

उन्होंने बताया कि यह पक्षी लगभग 40 सेंटीमीटर लंबा होता है. इसका शरीर ग्रे रंग का होता है और इसके सीने पर एक काली पट्टी होती है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों, नदियों और झीलों के किनारे रहना पसंद करता है. यह पक्षी पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवों को खाकर अपना जीवन बिताता है. अपनी लंबी चोंच की मदद से यह पत्थरों के नीचे छिपे हुए कीड़ों को भी ढूंढ निकाल लेता है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचाई पर घोंसला बनाता है. एक बार में मादा दो अंडे देती है.

दुर्लभ पक्षियों में गिना जाता है आइबिसबिल: उन्होंने बताया कि यह दुर्लभ पक्षी कॉर्बेट पार्क के रामगंगा नदी, रामनगर वन प्रभाग के रिंगोड़ा के पास स्थित कोसी नदी और गर्जिया क्षेत्र में पहले भी देखा गया है. उन्होंने कहा कि ये पक्षी काफी कम संख्या में पाये जाते हैं. इसलिए इन्हें दुर्लभ पक्षियों में गिना जाता है. इनकी लंबी और मुड़ी हुई चोंच इन्हें अन्य पक्षियों से अलग बनाती है. यह पक्षी हिमालय की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाली कोसी नदी में आइबिसबिल पक्षी वन कर्मियों को नजर आया है. आइबिसबिल को देखने के लिए पक्षी प्रेमी हिमालय क्षेत्र, कॉर्बेट पार्क और रामनगर वन प्रभाग आते हैं. इसका दिखना एक अच्छा संकेत है कि जैव विविधता के मामले में रामनगर वन विभाग के जंगल इन पक्षियों के लिए अनुकूल हैं. - दिगंत नायक, प्रभागीय वन अधिकारी, रामनगर वन प्रभाग

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