रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के विरुद्ध 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनकी सुनवाई अदालतों में चल रही है. ऐसे ही दो मुकदमे शत्रु संपत्ति कब्जा करने तथा एक मुकदमा नदी की भूमि पर कब्जा कर जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में मिलाने के मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं. आअब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की गई है.
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि एमपी एमएलए विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की न्यायालय में थाना अजीमनगर में दो मुकदमे दर्ज हुए थे. जो नायाब तहसीलदार केजी मिश्रा के द्वारा दर्ज कराया गया था. इसमें मोहम्मद आजम खान, तंजीम फातिमा, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान, नसीर अहमद खान, अदीब आजम, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, निगत अखलाक, जकी उर रहमान सिद्दीकी और मोहम्मद फसी जैदी के विरुद्ध चार्ज शीट आई थी. न्यायालय ने इन लोगों के विरुद्ध आरोप तय कर दिया है.
अमरनाथ तिवारी ने बताया कि सिगन खेड़ा का मजरा अलीयागंज तहसील सदर रामपुर में स्थित जो 0.286 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति और दूसरा खाता संख्या 398 गाटा संख्या 1184 रकबा 0.143 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति को आजम खान समेत अन्य आरोपियों अवैध रूप से कब्जा करके जौहर विश्वविद्यालय की चार दीवारी के अंदर कर लिया. वादी मुकदमा को साक्षी के लिए तलब किया गया है.
इसके अलावा मोहम्मद आजम खान, जौहर यूनिर्वसिटी के रजिस्ट्रार रोशन अली कुरेशी, सुरक्षा अधिकारी आले हसन के खिलाफ धारा 332 आईपीसी और 2/3 लोक संपत्ति अधिनियम का मुकदमा पंजीकृत है. इसे भी नायाब तहसीलदार केजी मिश्रा ने लिखवाया था. यह आरोप है कि नदी की भूमि को जौहर यूनिवर्सिटी की चार दीवारी में कब्जा कर ले लिया था. इसके संबंध में जब नायाब तहसीलदार की टीम पैमाइश कर रही थी तो यह सभी लोग सरकारी काम में बाधा पहुंचाएं और हमलावर हुए. इसमें भी न्यायालय द्वारा आरोप पेश किया गया है और वादी मुकदमा को साक्ष्य के लिए 10 अप्रैल को तलब किया गया है.
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