ETV Bharat / bharat

श्रीलंकाई नौसेना और सरकार के विरोध में रामेश्वरम के मछुआरों का कच्चातीवू महोत्सव बहिष्कार का ऐलान - कच्चातीवू उत्सव

आज 23 फरवरी को श्रीलंकाई नौसेना और श्रीलंकाई सरकार के विरोध में कच्चातीवू उत्सव का बहिष्कार करने वाले रामेश्वरम के मछुआरों के कारण रामेश्वरम बंदरगाह वीरान है. मछुआरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Rameswaram Fishermen Boycott Festival at St. Anthony's Shrine in Katchatheevu sri lanka
श्रीलंकाई नौसेना और सरकार के विरोध में रामेश्वरम के मछुआरों का कच्चातीवू महोत्सव बहिष्कार का ऐलान
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 23, 2024, 1:47 PM IST

रामनाथपुरम: रामेश्‍वरम में वेरकोडु पैरिश, जो कच्चाथीवू आइलेट में सेंट एंटनी के मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा का आयोजन करता है, उसने घोषणा की कि रामेश्‍वरम मछुआरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई है. बता दें, यह उत्सव 23 और 24 फरवरी को होने वाला था और 3,455 तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था. श्रीलंकाई अदालत द्वारा तीन मछुआरों को जेल भेजे जाने के बाद मछुआरों ने त्योहार के बहिष्कार की घोषणा की थी.

4 फरवरी को रामेश्वरम से 23 मछुआरे 2 नावों में सवार होकर समुद्र में गए थे. उस समय, कांगेसन सागर सीमा क्षेत्र में गश्त कर रही श्रीलंकाई नौसेना ने 23 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और 2 नौकाओं को जब्त कर लिया, यह दावा करते हुए कि वे सीमा पार मछली पकड़ रहे थे. इसके बाद उनके खिलाफ ऊरुकावल कोर्ट में मुकदमा चला. इस मुकदमे में गिरफ्तार मछुआरों को अदालत में पेश किया गया.

मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने गिरफ्तार किए गए 23 मछुआरों में से केवल 20 को बरी कर दिया और नौकाओं के दो नाव चालकों को 6-6 महीने जेल की सजा सुनाई, और एक को जो दूसरी बार सीमा पार करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, उसे एक साल की जेल की सजा सुनाई गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश के विरोध में रामेश्वरम के मछुआरे 17 तारीख से लगातार हड़ताल पर हैं. बताया जा रहा है कि मछुआरों की हड़ताल से सरकार को प्रतिदिन करीब 10 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसके अतिरिक्त, मछली पकड़ने के उद्योग पर निर्भर 5,000 से अधिक श्रमिकों की आजीविका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुई है.

इतना ही नहीं, क्योंकि मछुआरों ने घोषणा की है कि वे इस साल के सेंट एंथोनी चर्च, कच्चाथीवु उत्सव में जाने के लिए अपनी नावें नहीं देंगे, इसलिए आज श्रीलंका में कच्चाथीवु सेंट एंथोनी मंदिर उत्सव में भारत की ओर से किसी भी श्रद्धालु ने भाग नहीं लिया है. वहीं, आज फाइबर बोट फिशरमेन एसोसिएशन ने घोषणा की कि वे कल 24 फरवरी से अपनी भूख हड़ताल जारी रखने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

रामनाथपुरम: रामेश्‍वरम में वेरकोडु पैरिश, जो कच्चाथीवू आइलेट में सेंट एंटनी के मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा का आयोजन करता है, उसने घोषणा की कि रामेश्‍वरम मछुआरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई है. बता दें, यह उत्सव 23 और 24 फरवरी को होने वाला था और 3,455 तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था. श्रीलंकाई अदालत द्वारा तीन मछुआरों को जेल भेजे जाने के बाद मछुआरों ने त्योहार के बहिष्कार की घोषणा की थी.

4 फरवरी को रामेश्वरम से 23 मछुआरे 2 नावों में सवार होकर समुद्र में गए थे. उस समय, कांगेसन सागर सीमा क्षेत्र में गश्त कर रही श्रीलंकाई नौसेना ने 23 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और 2 नौकाओं को जब्त कर लिया, यह दावा करते हुए कि वे सीमा पार मछली पकड़ रहे थे. इसके बाद उनके खिलाफ ऊरुकावल कोर्ट में मुकदमा चला. इस मुकदमे में गिरफ्तार मछुआरों को अदालत में पेश किया गया.

मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने गिरफ्तार किए गए 23 मछुआरों में से केवल 20 को बरी कर दिया और नौकाओं के दो नाव चालकों को 6-6 महीने जेल की सजा सुनाई, और एक को जो दूसरी बार सीमा पार करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, उसे एक साल की जेल की सजा सुनाई गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश के विरोध में रामेश्वरम के मछुआरे 17 तारीख से लगातार हड़ताल पर हैं. बताया जा रहा है कि मछुआरों की हड़ताल से सरकार को प्रतिदिन करीब 10 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसके अतिरिक्त, मछली पकड़ने के उद्योग पर निर्भर 5,000 से अधिक श्रमिकों की आजीविका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुई है.

इतना ही नहीं, क्योंकि मछुआरों ने घोषणा की है कि वे इस साल के सेंट एंथोनी चर्च, कच्चाथीवु उत्सव में जाने के लिए अपनी नावें नहीं देंगे, इसलिए आज श्रीलंका में कच्चाथीवु सेंट एंथोनी मंदिर उत्सव में भारत की ओर से किसी भी श्रद्धालु ने भाग नहीं लिया है. वहीं, आज फाइबर बोट फिशरमेन एसोसिएशन ने घोषणा की कि वे कल 24 फरवरी से अपनी भूख हड़ताल जारी रखने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.