जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 के तहत राजस्थान में दूसरे चरण में 13 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने वोट की मुहर लगा दी है. इसी के साथ ही 13 लोकसभा सीटों के 152 प्रत्याशियों का भाग्य मतदाताओं ने ईवीएम में बंद कर दिया है. अब हर किसी को 4 जून यानी मतगणना वाले दिन का इंतजार है. पहले चरण में वोटिंग में दिखी मायूसी के बाद दूसरे चरण में उत्साह का माहौल नजर आया. प्रदेश में दूसरे चरण में खबर लिखे जाने तक 64.02 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. वहीं, दिनभर में कहीं मतदान के बहिष्कार की सूचना मिलती रही तो बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर दिनभर छिटपुट विवादों का दौर जारी रहा.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में राजस्थान में टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बासंवाड़ा, चितौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर मतदान हुआ. सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने के साथ ही प्रदेश के सभी 13 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं का उत्साह नजर आने लगा. मतदाताओं के उत्साह के बीच मतदान प्रतिशत भी लगातार बढ़ता रहा. दूसरे चरण में सुबह 9 बजे 11.78 प्रतिशत तो 11 बजे तक 26.84 प्रतिशत मतदान दर्ज हो चुका था. इसके बाद दोपहर 1 बजे तक 40.39 प्रतिशत, दोपहर 3 बजे तक 50.27 व शाम 5 बजे 59.19 प्रतिशत मतदान हो चुका, जबकि देर शाम खबर लिखे जाने तक 64.02 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. दूसरे चरण में सर्वाधिक मतदान बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर 73.68 प्रतिशत दर्ज किया गया है. वहीं, सबसे कम मतदान टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर 55.42 प्रतिशत दर्ज किया गया.
बाड़मेर सीट पर दिनभर विवादों की छायाः दूसरे चरण के मतदान के दौरान सबसे चर्चित सीट में बाड़मेर-जैसलमेर शामिल रही. इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने जहां पहले प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं, दोपहर तक कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का आरोप लगाए. साथ ही शाम होते-होते कांग्रेस प्रत्याशी और भाटी के समर्थक आपस में भिड़ गए. इस मामले में कांग्रेस पोलिंग एजेंट के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री हरीश चौधरी बाड़मेर कलेक्टर के चैम्बर में धरने पर बैठ गए. इस सीट पर दिनभर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा.
मतदान का हुआ बहिष्कारः दूसरे चरण के मतदान के दौरान कई जगह ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों को लेकर मतदान बहिष्कार किया. इसमें प्रमुख रूप से अजमेर जिले के बलवंता गांव में ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया. अधिकारियों ने दिनभर समझाइश का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. खास बात यह है यह गांव जलसंसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र पुष्कर में आता है. वहीं, टोंक जिले के बीसलपुर में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणो ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. चित्तौड़गढ़ खेड़िया गांव में ग्रामीणों ने रोड को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया. समझाइश के बाद शाम 4 बजे ग्रामीण मतदान करने के लिए राजी हो गए.
मतदान के दिखे कई रंगः प्रदेश में दूसरे चरण में मतदान के दौरान मतदाताओं के जागरुकता को लेकर अलग-अलग रंग देखने को मिले. प्रदेश में 13 सीटों पर मतदान के दौरान कहीं फेरे के बाद दूल्हे-दुल्हन मतदान करने पहुंचे तो कहीं शादी से पहले मतदान करके फर्ज निभाया. इस बीच नए मतदाताओं से लेकर हर आयु के मतदाताओं में जोश नजर आया. कई जगह लोक ढोल-नगाड़ों के साथ मतदान करने मतदान बूथ पर गए. वहीं, प्रदेश में बांसवाड़ा और नागौर में मतदान जागरुकता की दो मिसालें ऐसी आई, जिन्हें हर किसी ने सलाम किया. बांसवाड़ा में पति की मौत होने पर पत्नी ने दाह संस्कार करने के बाद मतदान केंद्र पहुंच कर मतदान किया. वहीं, नागौर के मेड़ता में घर में वृद्धा की मौत होने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की रस्म अदा करके मतदान करने पोलिंग बूथ पर पहुंचे. वहीं, उदयपुर के जयसमंद झील के बीच बसे टापू पर रहने वाले लोग नाव में सवार होकर मतदान करने पहुंचे.
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इन दिग्गाजों की किस्मत ईवीएम में कैदः दूसरे चरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कैलाश चौधरी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस नेता सीपी जोशी सहित कई नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है. वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत की भी प्रतिष्ठा दांव पर है. इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा पार्टी के कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी ये चुनाव तय करेगा.