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पंजाब कैडर का फर्जी IPS मसूरी में बेच रहा था किराना, झूठ बोलकर कर ली सगाई, ऐसे खुला राज - FAKE IPS FRAUD CASE

राजस्थान की कोटपूतली पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी आईपीएस. झूठ बोलकर की सगाई. पूछताछ में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 2, 2024, 6:55 PM IST

जयपुर (कोटपूतली) : फर्जी आईपीएस बनकर युवती से सगाई करने के मामले में जिले की प्रागपुरा थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सुनील कुमार धोबी को गिरफ्तार किया है. प्रागपुरा थानाधिकारी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि पावटा निवासी बद्री प्रसाद चौहान ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में चौहान ने बताया कि आरोपी सुनील कुमार पुत्र मूलचंद निवासी धोबियों की ढाणी हमीरपुर थाना हरसोरा जिला कोटपूतली बहरोड ने उनकी लड़की के साथ झूठ बोलकर सगाई की.

आरोपी ने पहले खुद को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बताया और फिर बाद इनकम टैक्स में सिलेक्शन होने पर कांस्टेबल के पद से रिजाइन देकर इनकम टैक्स विभाग अलवर में ड्यूटी होने की झूठी कहानी सुनाई. साथ ही उसने उनकी बेटी के साथ हिंदू रीति-रिवाज से रिश्ता तय कर लिया. वहीं, सगाई के दौरान पूरे परिवार व रिश्तेदारों के लिए करीब 50-60 साड़ियां और चांदी की अंगूठी के अलावा चांदी की चेन व 55 हजार रुपए लिए.

इसे भी पढ़ें - बेटा करता था फर्जी आईपीएस बनकर ठगी, पिता ने आईजी से की फरियाद- नाना ने दलदल में धकेला, बेटे को बचा लो

ऐसे खुली पोल : युवती के पिता बद्री प्रसाद चौहान ने बताया कि आरोपी उनके बेटे अमित कुमार चौहान और उसके दोस्त इंद्राल सैनी व रिश्तेदार सतनारायण कनौजिया को साथ घुमाने के लिए ले गया था. वहां जाने पर पता चला कि सुनील कुमार फर्जी था और किसी नौकरी में नहीं था. उसने उनके साथ धोखाधड़ी की. ऐसे में उन्होंने सगाई में दिए सामान वापस मांगे तो उसने सामान देने से इनकार कर दिया. इस पर प्रागपुरा थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी सुनील कुमार को 26 अक्टूबर, 2024 को गिरफ्तार कर लिया.

मसूरी में किराने की दुकान पर करता था काम : इधर, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि फर्जी आईपीएस सुनील कुमार तीन माह तक उत्तराखंड में रहा. वो यहां मसूरी स्थित एक किराने की दुकान पर काम करता था. इतना ही नहीं किराने की दुकान पर काम करने के दौरान आरोपी समय निकालकर आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर खुद की तस्वीर खींचकर उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर पोस्ट किया करता था. इसके अलावा ससुराल पक्ष सहित अन्य परिजनों को भी उन तस्वीरों को भेजा करता था.

इसे भी पढे़ं - पाली फर्जी IPS मामला, डीएसओ की कार चलाता था आरोपी, किए कई चौंकाने वाले खुलासे

खुद को बताता था पंजाब कैडर का IPS अधिकारी : सबसे खास बात यह है कि आरोपी सुनील कुमार ने कई जगहों पर अपना सम्मान करवाया और खुद को पंजाब कैडर का आईपीएस अधिकारी बताया करता था. वो इतना शातिर था कि पंजाब से प्रकाशित होने वाले अखबारों की खबरों को तकनीकी होशियारी से मॉडिफाई कर उसमें अपना नाम सुनील कुमार आईपीएस जोड़ दिया करता था और फिर उन न्यूज क्लिप्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और अन्य रिश्तेदारों को भेजा करता था.

जयपुर (कोटपूतली) : फर्जी आईपीएस बनकर युवती से सगाई करने के मामले में जिले की प्रागपुरा थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सुनील कुमार धोबी को गिरफ्तार किया है. प्रागपुरा थानाधिकारी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि पावटा निवासी बद्री प्रसाद चौहान ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में चौहान ने बताया कि आरोपी सुनील कुमार पुत्र मूलचंद निवासी धोबियों की ढाणी हमीरपुर थाना हरसोरा जिला कोटपूतली बहरोड ने उनकी लड़की के साथ झूठ बोलकर सगाई की.

आरोपी ने पहले खुद को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बताया और फिर बाद इनकम टैक्स में सिलेक्शन होने पर कांस्टेबल के पद से रिजाइन देकर इनकम टैक्स विभाग अलवर में ड्यूटी होने की झूठी कहानी सुनाई. साथ ही उसने उनकी बेटी के साथ हिंदू रीति-रिवाज से रिश्ता तय कर लिया. वहीं, सगाई के दौरान पूरे परिवार व रिश्तेदारों के लिए करीब 50-60 साड़ियां और चांदी की अंगूठी के अलावा चांदी की चेन व 55 हजार रुपए लिए.

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ऐसे खुली पोल : युवती के पिता बद्री प्रसाद चौहान ने बताया कि आरोपी उनके बेटे अमित कुमार चौहान और उसके दोस्त इंद्राल सैनी व रिश्तेदार सतनारायण कनौजिया को साथ घुमाने के लिए ले गया था. वहां जाने पर पता चला कि सुनील कुमार फर्जी था और किसी नौकरी में नहीं था. उसने उनके साथ धोखाधड़ी की. ऐसे में उन्होंने सगाई में दिए सामान वापस मांगे तो उसने सामान देने से इनकार कर दिया. इस पर प्रागपुरा थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी सुनील कुमार को 26 अक्टूबर, 2024 को गिरफ्तार कर लिया.

मसूरी में किराने की दुकान पर करता था काम : इधर, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि फर्जी आईपीएस सुनील कुमार तीन माह तक उत्तराखंड में रहा. वो यहां मसूरी स्थित एक किराने की दुकान पर काम करता था. इतना ही नहीं किराने की दुकान पर काम करने के दौरान आरोपी समय निकालकर आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर खुद की तस्वीर खींचकर उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर पोस्ट किया करता था. इसके अलावा ससुराल पक्ष सहित अन्य परिजनों को भी उन तस्वीरों को भेजा करता था.

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खुद को बताता था पंजाब कैडर का IPS अधिकारी : सबसे खास बात यह है कि आरोपी सुनील कुमार ने कई जगहों पर अपना सम्मान करवाया और खुद को पंजाब कैडर का आईपीएस अधिकारी बताया करता था. वो इतना शातिर था कि पंजाब से प्रकाशित होने वाले अखबारों की खबरों को तकनीकी होशियारी से मॉडिफाई कर उसमें अपना नाम सुनील कुमार आईपीएस जोड़ दिया करता था और फिर उन न्यूज क्लिप्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और अन्य रिश्तेदारों को भेजा करता था.

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