रायपुर: 7 जून को आरंग में मवेशी तस्करों का कुछ लोगों ने पीछा किया. फरियादियों की ओर से आरोप लगाया गया कि उनको कुछ लोगों ने पीछा कर पकड़ा और बेदम पिटाई की. भीड़ की पिटाई से 2 शख्स की मौके पर मौत हो गई. एक ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा. रायपुर की आरंग पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने अब इस मामले में आरोप पत्र अदालत में पेश किया है. पुलिस के मुताबिक पुल से छलांग लगाने के चलते एक की मौके पर मौत हुई जबकी दो ने अस्पताल में दम तोड़ा.
कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र से आया कहानी में ट्विस्ट: आरोप पत्र में पुलिस ने बताया है कि 7 जून को मवेशी ट्रांसपोर्टर गाड़ी में मवेशी लेकर जा रहे थे. जिस गाड़ी में मवेशी लोड थे उसमें कुल तीन लोग सवार थे. आरंग में मवेशी ट्रांसफोर्टरों का पीछा भीड़ ने करीब 50 किमी तक किया. मवेशी ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी जैसे ही आरंग पुल पर पहुंची ट्रांसपोर्टर ने गाड़ी रोक दी. गाड़ी रुकते ही तीनों लोगों ने पुलिस से नीचे छलांग लगा दी. पुलिस का कहना है कि पुल से कूदने के चलते दो मवेशी ट्रांसफोर्ट की मौत हुई जबकी एक सहयोगी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई. पुलिस का आरोप पत्र में ये भी दावा है कि उनपर कोई हमला नहीं हुआ.
पुलिस का दावा: अदालत में दायर किए गए आरोप पत्र के बाद मामले में अब नया मोड़ ले लिया है. मृतक तीनों लोग यूपी के रहने वाले थे. परिजनों ने आरोप लगाया था कि भीड़ ने उनको निर्ममता से पीटा जिससे उनकी जान चली गई. तब आरंग पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया. मृतक तीनों लोगों में से एक कुरैशी की मौत के बाद पुलिस ने कहा कि ''पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के कारण लगी चोटों का जिक्र नहीं है.'' जिसके बाद हत्या के प्रयास का आरोप हटा दिया.
14 सदस्यीय टीम कर रही थी छानबीन: रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर के नेतृत्व में 14 सदस्यीय विशेष टीम जांच के लिए गठित की गई. बाद में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए लोगों पर आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. आरोपपत्र में कहा गया है कि "पांचों आरोपियों को एक वाहन के बारे में जानकारी मिली थी, जो संभवतः मवेशियों के परिवहन में लगा हुआ था. तीन कारों में सवार आरोपियों ने ट्रक का पीछा किया और वाहन पर लोहे की कीलें लगी लकड़ी की पट्टी और कांच के टुकड़े फेंककर उसे रोकने की कोशिश की. ट्रक चालक ने भागने के लिए करीब 14 किलोमीटर तक गलत दिशा में गाड़ी चलाई, लेकिन आरोपियों ने उनका पीछा करना जारी रखा. ट्रक आखिरकार महानदी नदी पर बने पुल पर रुका. तीनों अपनी जान बचाने के लिए पुल से नीचे कूद गए.''
''पशु तस्करी केस में अबतक पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया है. पकड़े गए सभी पांच आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों पर धारा 304 के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस की ओर से जारी किए गए आरोप पत्र में ये कहा गया है कि मौत की वजह पिटाई से नहीं बल्कि पुल से नीचे कूदने से हुई है.'' - राजेश सिंह, थाना प्रभारी, आरंग
पहले पुलिस फिर कोर्ट पहुंचा मामला: पुलिस दस्तावेज में कहा गया है कि पूरी घटना के दौरान आरोपियों ने करीब 50 किलोमीटर तक तेज गति से ट्रक का पीछा किया. गलत तरीके से ट्रक को रोकने की कोशिश की गई. आरोपियों को देखकर डरे तीनों लोगों ने बचने के लिए नीचे छलांग लगा दी. घटना के बाद चांद खान और कुरैशी के चचेरे भाई शिकायतकर्ता शोहेब खान ने दावा किया था कि भीड़ ने तीनों व्यक्तियों का पीछा किया और उन पर उस समय हमला किया, जब वे मवेशियों (भैंसों) से भरे ट्रक में महासमुंद (पड़ोसी जिला) से आरंग जा रहे थे.