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पटरियों पर दौड़ेंगी 35 हाइड्रोजन ट्रेनें, दिसंबर में परीक्षण करेगा रेलवे, यहां से होगी शुरुआत - Indian Railway

Hydrogen Train Trial Run: भारतीय रेलवे ने मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) ट्रेनों में हाइड्रोजन ईंधन सेल को फिर से फिट करने की मंजूरी दे दी है.

पटरियों पर दौड़ेंगी 35 हाइड्रोजन ट्रेन
पटरियों पर दौड़ेंगी 35 हाइड्रोजन ट्रेन (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2024, 12:22 PM IST

नई दिल्ली: जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद भारत जल्द ही हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेनें चलाने वाला पांचवां देश बन जाएगा. भारतीय रेलवे ने मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) ट्रेनों में हाइड्रोजन ईंधन सेल को फिर से फिट करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ-साथ आवश्यक ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मंजूरी दे दी है.

हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दिसंबर 2024 तक उत्तर रेलवे जोन के तहत हरियाणा के जींद-सोनीपत सेक्शन पर चलने वाला है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रोटोटाइप ट्रेन के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का चेन्नई में इंटिग्रेशन चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व्यक्तिगत रूप से इस पर्यावरण अनुकूल रेलवे परियोजना की देखरेख कर रहे हैं.

35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करेगा रेलवे
ट्रायल के बाद रेलवे हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करेगा, जिसमें प्रत्येक ट्रेन के लिए 80 करोड़ रुपये से अधिक और विभिन्न हेरिटेज और पहाड़ी मार्गों पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 70 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

अधिकारियों ने इसे एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह भारत के जीरो कार्बन एमिशन को प्राप्त करने के लक्ष्य में योगदान देगा. उन्होंने कहा कि फ्यूल सोर्स के रूप में हाइड्रोजन का इस्तेमाल ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है.

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन से हाइड्रोजन प्लांट के लिए मंजूरी मिल गई है और TUV-SUD जर्मनी सहित प्रमुख एजेंसियों द्वारा ऑन-बोर्ड हाइड्रोजन सुरक्षा आकलन किया जा रहा है.

किन रूट्स पर दौड़ेगी ट्रेन
अधिकारियों ने बताया कि हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरुआत के लिए टारगेट हेरिटेज रूटों में माथेरान-हिल रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, कांगड़ा वैली और नीलगिरी माउंटेन रेलवे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एक बार ये परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे हो जाने के बाद, ये रूट अगले तीन साल के भीतर चालू हो जाएंगे, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे.

क्यों महत्वपूर्ण है हाइड्रोजन ट्रेन?
एक स्वच्छ ईंधन होने के नाते, हाइड्रोजन हरित परिवहन तकनीक को बदल सकता है और भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों का समर्थन कर सकता है. शुरुआत में, आठ हेरिटेज मार्गों पर 35 एच-पावर्ड ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक में छह डिब्बे होंगे.

यह भी पढ़ें- भारत की सबसे तेज रफ्तार ट्रेनें! ये दौड़ती नहीं हवा से करती हैं बातें, जानें कितनी हैं इनकी स्पीड

नई दिल्ली: जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद भारत जल्द ही हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेनें चलाने वाला पांचवां देश बन जाएगा. भारतीय रेलवे ने मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) ट्रेनों में हाइड्रोजन ईंधन सेल को फिर से फिट करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ-साथ आवश्यक ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मंजूरी दे दी है.

हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दिसंबर 2024 तक उत्तर रेलवे जोन के तहत हरियाणा के जींद-सोनीपत सेक्शन पर चलने वाला है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रोटोटाइप ट्रेन के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का चेन्नई में इंटिग्रेशन चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व्यक्तिगत रूप से इस पर्यावरण अनुकूल रेलवे परियोजना की देखरेख कर रहे हैं.

35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करेगा रेलवे
ट्रायल के बाद रेलवे हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करेगा, जिसमें प्रत्येक ट्रेन के लिए 80 करोड़ रुपये से अधिक और विभिन्न हेरिटेज और पहाड़ी मार्गों पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 70 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

अधिकारियों ने इसे एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह भारत के जीरो कार्बन एमिशन को प्राप्त करने के लक्ष्य में योगदान देगा. उन्होंने कहा कि फ्यूल सोर्स के रूप में हाइड्रोजन का इस्तेमाल ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है.

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन से हाइड्रोजन प्लांट के लिए मंजूरी मिल गई है और TUV-SUD जर्मनी सहित प्रमुख एजेंसियों द्वारा ऑन-बोर्ड हाइड्रोजन सुरक्षा आकलन किया जा रहा है.

किन रूट्स पर दौड़ेगी ट्रेन
अधिकारियों ने बताया कि हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरुआत के लिए टारगेट हेरिटेज रूटों में माथेरान-हिल रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, कांगड़ा वैली और नीलगिरी माउंटेन रेलवे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एक बार ये परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे हो जाने के बाद, ये रूट अगले तीन साल के भीतर चालू हो जाएंगे, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे.

क्यों महत्वपूर्ण है हाइड्रोजन ट्रेन?
एक स्वच्छ ईंधन होने के नाते, हाइड्रोजन हरित परिवहन तकनीक को बदल सकता है और भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों का समर्थन कर सकता है. शुरुआत में, आठ हेरिटेज मार्गों पर 35 एच-पावर्ड ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक में छह डिब्बे होंगे.

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