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राहुल कल पाटन में करेंगे प्रचार, कांग्रेस को उम्मीद- 'राजपूतों का गुस्सा बीजेपी को पहुंचाएगा नुकसान' - lok sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

RAHUL TO CAMPAIGN IN GUJARAT : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस सभी राज्यों में पूरा जोर लगा रही है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 29 अप्रैल को गुजरात और छ्त्तीसगढ़ में प्रचार करेंगे.पढ़ें पूरी खबर.

RAHUL TO CAMPAIGN IN GUJARAT
पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी
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By Amit Agnihotri

Published : Apr 28, 2024, 3:41 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी 29 अप्रैल को गुजरात की पाटन और छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. यहां सबसे पुरानी पार्टी को 2019 के रुझान को उलटने की उम्मीद है. गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी 29 अप्रैल को पाटन में एक रैली को संबोधित करेंगे.'

पाटन में कांग्रेस उम्मीदवार चंदनजी ठाकोर का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद भरतसिंहजी डाभी से है. पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा ने गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. पूर्व पार्टी प्रमुख का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब सबसे पुरानी पार्टी को भाजपा के खिलाफ राजपूत समुदाय के बीच व्यापक गुस्से से फायदा होने की उम्मीद है.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य जगदीश ठाकोर ने ईटीवी भारत को बताया, 'राजपूत भले ही आबादी का केवल 4-5 प्रतिशत हों लेकिन प्रभावशाली माने जाते हैं. वे पूरी तरह से बीजेपी के खिलाफ हैं और उनके नेता परषोत्तम रूपाला की बार-बार माफी बेअसर साबित हो रही है. शुरुआत में राज्य सरकार ने अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जहां समुदाय के सदस्यों ने अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधने की योजना बनाई थी. बाद में उन्होंने प्रतिबंध से बचने के लिए भगवा पट्टी पहनी और अपना विरोध जारी रखा.'

यह गुस्सा तब शुरू हुआ जब भाजपा के राजकोट के उम्मीदवार रूपाला ने राजपूतों के खिलाफ कुछ विवादास्पद टिप्पणी की, लेकिन तब से उन्हें दो बार माफी मांगनी पड़ी क्योंकि समुदाय का विरोध पिछले सप्ताह पूरे राज्य में फैल गया. राजकोट में कई राजपूत समूहों ने कांग्रेस उम्मीदवार परेश धनानी को घोड़े पर बैठाकर उनका स्वागत किया, जबकि कई अन्य सीटों पर समुदाय के सदस्यों ने भगवा पार्टी के खिलाफ वोट करने का वादा किया है.

राज्य इकाई प्रभारी गोहिल के अनुसार, 'सिर्फ राजपूत ही नहीं बल्कि कई अन्य समुदाय भी बीजेपी से नाराज हैं और इस बार सत्ताधारी पार्टी को सबक सिखाएंगे.' भाजपा ने हाल ही में सूरत सीट जीती जहां कांग्रेस के उम्मीदवारों के कागजात खारिज कर दिए गए और चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी को निलंबित कर दिया है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भाजपा के साथ मिले हुए हैं.

छत्तीसगढ़ में 2019 में मिली थीं दो सीटें : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 2019 में कुल 11 सीटों में से भाजपा की 9 सीटों के मुकाबले सिर्फ 2 सीटें जीत. इस बार पार्टी एआईसीसी प्रभारी सचिन पायलट के नेतृत्व में परिणाम उलटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने ईटीवी भारत को बताया, 'अब तक का मतदान उत्साहवर्धक रहा है. हम 2019 की प्रवृत्ति को उलटने जा रहे हैं. मतदाता भाजपा से नाराज हैं. राहुल गांधी 29 अप्रैल को बिलासपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे. हमें उम्मीद है कि इससे हमारे अभियान को बढ़ावा मिलेगा.'

बिलासपुर में कांग्रेस ने मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है जिनका मुकाबला बीजेपी के तोखन साहू से है. यह सीट भाजपा का गढ़ रही है और पिछले साल के राज्य चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, फिर भी सबसे पुरानी पार्टी को इस बार अपने सामाजिक कल्याण एजेंडे के आधार पर महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है.

बैज ने कहा कि 'नौकरियों देनें और कीमतें कम करने का वादा लोगों को आकर्षित कर रहा है. उन्होंने पिछली कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार में अंतर देखा है और मौजूदा सामाजिक कल्याण लाभों के नुकसान का एहसास किया है. वे इस बार बदलाव के लिए वोट करेंगे.'

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नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी 29 अप्रैल को गुजरात की पाटन और छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. यहां सबसे पुरानी पार्टी को 2019 के रुझान को उलटने की उम्मीद है. गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी 29 अप्रैल को पाटन में एक रैली को संबोधित करेंगे.'

पाटन में कांग्रेस उम्मीदवार चंदनजी ठाकोर का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद भरतसिंहजी डाभी से है. पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा ने गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. पूर्व पार्टी प्रमुख का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब सबसे पुरानी पार्टी को भाजपा के खिलाफ राजपूत समुदाय के बीच व्यापक गुस्से से फायदा होने की उम्मीद है.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य जगदीश ठाकोर ने ईटीवी भारत को बताया, 'राजपूत भले ही आबादी का केवल 4-5 प्रतिशत हों लेकिन प्रभावशाली माने जाते हैं. वे पूरी तरह से बीजेपी के खिलाफ हैं और उनके नेता परषोत्तम रूपाला की बार-बार माफी बेअसर साबित हो रही है. शुरुआत में राज्य सरकार ने अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जहां समुदाय के सदस्यों ने अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधने की योजना बनाई थी. बाद में उन्होंने प्रतिबंध से बचने के लिए भगवा पट्टी पहनी और अपना विरोध जारी रखा.'

यह गुस्सा तब शुरू हुआ जब भाजपा के राजकोट के उम्मीदवार रूपाला ने राजपूतों के खिलाफ कुछ विवादास्पद टिप्पणी की, लेकिन तब से उन्हें दो बार माफी मांगनी पड़ी क्योंकि समुदाय का विरोध पिछले सप्ताह पूरे राज्य में फैल गया. राजकोट में कई राजपूत समूहों ने कांग्रेस उम्मीदवार परेश धनानी को घोड़े पर बैठाकर उनका स्वागत किया, जबकि कई अन्य सीटों पर समुदाय के सदस्यों ने भगवा पार्टी के खिलाफ वोट करने का वादा किया है.

राज्य इकाई प्रभारी गोहिल के अनुसार, 'सिर्फ राजपूत ही नहीं बल्कि कई अन्य समुदाय भी बीजेपी से नाराज हैं और इस बार सत्ताधारी पार्टी को सबक सिखाएंगे.' भाजपा ने हाल ही में सूरत सीट जीती जहां कांग्रेस के उम्मीदवारों के कागजात खारिज कर दिए गए और चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी को निलंबित कर दिया है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भाजपा के साथ मिले हुए हैं.

छत्तीसगढ़ में 2019 में मिली थीं दो सीटें : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 2019 में कुल 11 सीटों में से भाजपा की 9 सीटों के मुकाबले सिर्फ 2 सीटें जीत. इस बार पार्टी एआईसीसी प्रभारी सचिन पायलट के नेतृत्व में परिणाम उलटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने ईटीवी भारत को बताया, 'अब तक का मतदान उत्साहवर्धक रहा है. हम 2019 की प्रवृत्ति को उलटने जा रहे हैं. मतदाता भाजपा से नाराज हैं. राहुल गांधी 29 अप्रैल को बिलासपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे. हमें उम्मीद है कि इससे हमारे अभियान को बढ़ावा मिलेगा.'

बिलासपुर में कांग्रेस ने मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है जिनका मुकाबला बीजेपी के तोखन साहू से है. यह सीट भाजपा का गढ़ रही है और पिछले साल के राज्य चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, फिर भी सबसे पुरानी पार्टी को इस बार अपने सामाजिक कल्याण एजेंडे के आधार पर महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है.

बैज ने कहा कि 'नौकरियों देनें और कीमतें कम करने का वादा लोगों को आकर्षित कर रहा है. उन्होंने पिछली कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार में अंतर देखा है और मौजूदा सामाजिक कल्याण लाभों के नुकसान का एहसास किया है. वे इस बार बदलाव के लिए वोट करेंगे.'

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