नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी महीने भर चलने वाली कांग्रेस पदयात्रा के समापन पर 11 दिसंबर को दिल्ली में सामाजिक न्याय सम्मेलन आयोजित करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आक्रामक तरीके से तैयारी करने का आग्रह करेंगे.
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "राहुल गांधी 11 दिसंबर को इंदिरा गांधी स्टेडियम में हमारी न्याय यात्रा के समापन समारोह में शामिल होंगे. वह साथी यात्रियों से बातचीत करेंगे और आम लोगों के साथ सामाजिक न्याय सम्मेलन आयोजित करेंगे. 8 नवंबर से यह यात्रा सभी 70 विधानसभा सीटों को कवर कर चुकी है और हमारे लिए बहुत उत्साहजनक रही है. यह बदलाव का समय है और लोगों ने फैसला किया है कि वे अब सरकार की उदासीनता को बर्दाश्त नहीं करेंगे."
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों को कवर करने वाली प्रदेश कांग्रेस की इस पदयात्रा को न्याय यात्रा नाम दिया गया था और इसका उद्देश्य मतदाताओं की विभिन्न मुद्दों जैसे वायु और नदी प्रदूषण, पेयजल आपूर्ति की कमी, कचरा निपटान और अन्य नागरिक मुद्दों के अलावा शिक्षा, नौकरी, राज्य सरकार में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करना था, जो केंद्र सरकार के अधीन आती है.
यादव ने कहा, "लोगों ने पिछले एक दशक में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को देखा है और इस बार बदलाव चाहते हैं. दिल्ली को हरित राजधानी के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसकी पहचान प्रदूषित हवा और यमुना नदी से जुड़ी हुई है. कांग्रेस शहर के उस गौरव को बहाल करेगी, जो शीला दीक्षित की सरकार के दौरान 1998-2013 तक हासिल हुआ था.'
पदयात्रा से कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा !
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पदयात्रा से देश की सबसे पुरानी पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा है, जो 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में हाशिये पर चली गई है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में भाजपा के सात लोकसभा सांसदों ने कभी भी केंद्र सरकार के सामने मतदाताओं की चिंताओं को नहीं उठाया, बल्कि राजनीतिक कारणों से केवल राज्य सरकार को निशाना बनाया.
कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित ने ईटीवी भारत को बताया, "यात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर दी है, जो लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से थोड़े सुस्त थे, क्योंकि 'आप' के साथ कांग्रेस के गठबंधन से चुनाव में लाभ नहीं मिला. लेकिन हमने गठबंधन के तहत कांग्रेस को मिली तीन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया. जिससे हमारे कार्यकर्ताओं को लगा कि अगर हम अपने दम पर सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ते तो हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे."
उम्मीदवारों की पहचान करने में मिलेगी मदद
दीक्षित ने कहा, "मैं कहूंगा कि अब हम 'आप' विरोधी वोटों को आकर्षित कर सकते हैं क्योंकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सत्ता में वापस आने की संभावना नहीं है. यात्रा ने हमें संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने में भी मदद की है."
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी से यात्रा में शामिल होने का अनुरोध किया गया था, लेकिन वह व्यस्त थे. मुझे लगता है कि वह 11 दिसंबर को समापन समारोह में दिल्ली के लिए अपना विजन स्पष्ट कर सकते हैं और सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर चुनाव लड़ने का आग्रह कर सकते हैं."
पिछले हफ्तों में, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर राजा वारिंग और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य सचिन पायलट जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पदयात्रा में शामिल हुए. कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली के मतदाताओं को समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में छोटी-छोटी बैठकों को संबोधित किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी पर यात्रा के दौरान किए जा रहे वादों पर भरोसा किया जा सकता है.
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