नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस भगदड़ के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की. एक सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई. भगदड़ मंगलवार शाम को धार्मिक उपदेशक नारायण साकार हरि के सत्संग में हुई, जिन्हें 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है. इससे पहले वह आज सुबह दी दिल्ली से हाथरस के लिए रवाना हुए थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले स्वयंभू संत 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया. इस घटना पर प्रार्थना सभा के आयोजकों के नाम पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन 'भोले बाबा' का नाम अभी तक नहीं बताया गया है.
नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi आज उत्तर प्रदेश के हाथरस जाएंगे.
— Congress (@INCIndia) July 5, 2024
वे वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे.
इससे पहले 4 जुलाई को मैनपुरी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुनील कुमार ने कहा था कि बाबा आश्रम के अंदर नहीं मिले हैं. डीएसपी मैनपुरी सुनील कुमार ने कहा कि आश्रम के अंदर 40-50 सेवादार हैं. वह ('भोले बाबा') अंदर नहीं हैं, न तो वह कल थे और न ही आज हैं. एसपी सिटी राहुल मिठास ने कहा कि मैं आश्रम की सुरक्षा जांचने आया था. यहां कोई नहीं मिला. बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए.
आधिकारिक बयान के अनुसार, विषय वस्तु की व्यापकता और जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है. न्यायिक आयोग अगले दो महीनों में हाथरस भगदड़ के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगा. जांच के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा. सूरज पाल के रूप में पहचाने जाने वाले उपदेशक 'भोले बाबा' को नारायण साकार हरि और जगत गुरु विश्वहरि के नाम से भी जाना जाता है.
प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के अनुसार, भक्तजन आशीर्वाद लेने और उपदेशक के पैरों के आस-पास की मिट्टी लेने के लिए दौड़े, लेकिन 'भोले बाबा' के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. बाद में, उन्होंने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया, जिसके कारण कई लोग जमीन पर गिर गए, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई.